धार। मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, जिला प्रशासन की पहल पर मांडू उत्सव के पूर्व ग्रामीण जीवन के अनुभव करने के लिए इटली के 9 सदस्यीय दल ने मांडू तराई में बसे जनजाति गांव मालीपुरा का भ्रमण किया. ग्रामीण परिवेश को देखकर यह दल अभिभूत हो गया. यहां तक कि मांडू क्षेत्र के मालीपुर क्षेत्र के तालाब में नौका विहार भी किया. इस तरह से पर्यटन क्षेत्र से आजीविका की एक नई राह खुली है. आने वाले समय में इस तरह का भ्रमण मांडू में पर्यटन के नए रास्ते खोलेगा. शुक्रवार को सुबह दल ग्राम मालीपुरा पहुंचा. (Italian tourists impress with malipura in dhar)
अपने में कई खूबियां समेटे है जनजाति गांव मालीपुराः पहाड़ के नीचे सुंदर वादियों में बसे इस गांव की अपनी कई खूबियां है. प्रकृति ने इस स्थल को विशेष रूप से सौंदर्य प्रदान किया है. हसीन वादियों में इटली के मेहमान पहुंचे तो यहां के नजारे से खुश हुए. इन विदेशी मेहमानों का स्वागत परंपरागत ढोल मांदल एवं जनजाति नृत्य से किया गया. मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड, वसुधा विकास संस्थान व जिला प्रशासन ने इस पहल को सार्थक किया. जैसे ही इटली का पर्यटन दल गांव पहुंचा तो उसका स्वागत लोकनृत्य से किया गया. आदिवासी अंचल की परंपरा अनुसार स्वागत लोक नृत्य से किया जाता है. ढोल मंडल की समधुर धुन पर दल अपने आप को थिरकने से नहीं रोक पाया. ठंड के मौसम में गांव के स्नेह से सराबोर कुल्हड़ में चाय मिली तो उसकी चुस्कियों का आनंद लिया. (Italian tourists also enjoyed boating) (Tribal village malipura many features in itself)
मांडू महोत्सव के 2 आमंत्रण पत्र जारी, असमंजस में मुख्य आतिथि, 7 या 11 को करें उद्घाटन
पर्यटकों ने बताया जीवन का सबसे बेहतर अनुभवः इटली के पर्यटकों ने नौका विहार से लेकर उन्होंने यहां पर आदिवासी अंचल के लोगों की जिंदगी को देखा. दल में शामिल स्टोरियां जेनोवा, लॉरेंस जेनेवा, फोरबीया रोम, क्रसीना रोम, फ्लोरा बलोनीया, फ्रेन्चीसको व अन्य साथियों ने इस दौरान कहा कि यह अनुभव हमारे जीवन का सबसे बेहतर अनुभव है. साथ ही आसपास के क्षेत्र में हो रही खेती पर भी अपनी उत्सुकता दिखाई. खेतों में जाकर उन्होंने कपास और मक्का की खेती के बारे में जानकारी ली. मालीपुरा का तालाब का सौंदर्य अपने आप में महत्वपूर्ण है. वहां पर विदेशी सैलानियों ने नौका विहार किया. मालीपुरा के तालाब की तुलना नैनीताल एवं उल्टी के तालाब से भी सुंदर है ऐसा महसूस किया इस दल ने. यहां के खानपान और ग्रामीण परिवेश को देखा. सीताफल, पलाश सहित अन्य कई पौधों की खूबियों को जानते हुए के वनस्पतिक महत्व को भी समझा. उनके लिए यह एक यादगार टूर रहा. (Tourists told the best experience of life)