धार/बदनावर। कीचड़ में अटखेलिया कर रहे ये जनाब कंधों पर देश का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है. हूजुर घर से निकले तो थे बच्चों को तालीम देने के लिए. पर रास्ते में महखाना देख साहब की नियत बदल गई और स्कूल की बजाए महखाने पहुंचकर जाम पर जाम छलकाने लगे. जब शराब का सूरुर चढ़ा तो बाइक स्टार्ट कर स्कूल की तरफ निकल पड़े. ऐसे में ये साहब बच्चों को क्या तालीम देते.
हालांकि गुरुजी स्कूल तक पहुंच नहीं पाए क्योंकि उनके लड़खड़ाते कदम उनका साथ नहीं दे रहे थे. तब गुरुजी ने सड़क पर हाईबोल्टेज क्लास लगा दी. जिसमें बच्चे-बड़े-बूढ़े सभी ने शिक्षक से तालीम ली और गुरुजी के खूब मजे लिए. बदन पर उजली पौशाक के साथ कीचड़ में लिपटे अशोक दताया पडुरिया गांव के सरकारी स्कूल में पदस्थ है. लेकिन मसाब शराब के शौकीन है. यही वजह है कि महखाना देख खुद को रोक नहीं पाते. फिर उनको न तो समय का ध्यान रहता है और न जिम्मेदारियों का.
गुरुजी की इस करतूत पर स्थानीय लोग आक्रोशित है. पुलिस में शिकायत भी की गई है लेकिन सवाल यह है कि नशे में टल्ली होकर गुरुजी जब इस तरह कीचड़ में पड़े रहेंगे तो कैसे पढ़ेगा इंडिया. और जब पढ़ेगा ही नहीं इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.