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107 बीघा कृषि भूमि पर तैयार किया जा रहा घना वन, लगाए जा रहे विलुप्त प्रजाति के पौधे - कृषि भूमि धार समाचार

धार की पर्यटन नगरी मांडू में चतुर्भुज श्री राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 107 बीघा कृषि भूमि पर घना वन बनाया जा रहा है. वहीं इसमें विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं. यह वन 3 से 4 सालों में बनकर तैयार हो जाएगा.

The forest is being built in Mandu
मांडू में बन रहा जंगल
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Published : Jun 17, 2020, 3:32 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 10:03 AM IST

धार। जिले की पर्यटन नगरी मांडू में स्थित विश्व के एकमात्र चतुर्भुज श्री राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 107 बीघा कृषि भूमि पर अब कृषि ना करते हुए घना वन तैयार करने की योजना बनाई है, इसके लिए बकायदा अब बड़ी संख्या में 107 बीघा कृषि भूमि पर विशेष प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा रहा है. विशेषकर उन पौधों को लगाया जा रहा है, जो विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में आ गए हैं.

धार के मांडू में 107 बीघा कृषि भूमि पर घना वन बनाया जा रहा है

आंध्रप्रदेश के साथ अन्य जगह से विशेष फलदार पौधों के साथ में फूलदार पौधे और नक्षत्र आधारित पौधे मंगाकर उनका रोपण किया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ी ऐसे वृक्षों को देख सके, जो पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ-साथ मानव जीवन पर भी अपना खास प्रभाव रखते हैं.

Chaturbhuj Shri Ram Mandir Trust is getting forest
चतुर्भुज श्री राम मंदिर ट्रस्ट लगवा रहा वन

चतुर्भुज श्री राम मंदिर के मठाधीश एवं महामंडलेश्वर नरसिंह दास जी महाराज बताते हैं कि कोरोना जैसी महामारी ने एक बार फिर से मानव को यह बता दिया कि प्रगतिवाद से अब एक बार फिर हमें प्रकृतिवाद की ओर आगे बढ़ना होगा, हमें प्रकृति के महत्व को समझना पड़ेगा, पर्यावरण को सुधारना पड़ेगा, जिससे हम हमारी आने वाली पीढ़ी को महामारियों के प्रकोप से बचा सकते हैं.

Extinct species of plants are being planted for forest in Mandu
मांडू में वन के लिए विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए चतुर्भुज श्री राम मंदिर के ट्रस्टियों ने अपनी 107 बीघा कृषि भूमि पर कृषि ना करते हुए वन तैयार करने की योजना बनाई है और उसी योजना के अंतर्गत पौधारोपण का काम किया जा रहा है. पौधारोपण तीन श्रेणियों में किया जा रहा है

  1. फलदार (रामफल, सीताफल, आम, जामून, खिरनी के साथा लुप्त हुआ लक्ष्मण फल, मोरसली के पौधे भी लगाए जा रहे हैं).
  2. फूलदार (कनेर, गेंदा, गुलाब के साथ अन्य).
  3. ज्योतिषी आधारित नक्षत्र वाटिका (पीपल, बरगद, जामुन, पाखर, उमर) और गृह वाटिका (कुश, शमी,गूलर,खैर, पलास) आधारित पौधा रोपण किया जा रहा है.

नरसिंह दास जी महाराज ने कहा कि आने वाले 3 से 4 सालों में यह घना वन तैयार हो जाएगा ,जिससे मांडू आने वाले पर्यटकों के साथ में राम भक्तों को इस घने वन में घूम कर प्रकृति को देखने का मौका मिलेगा, वहीं उन्हें एक आत्मीय आनंद भी प्राप्त होगा, जिसके लिए 107 बीघा कृषि भूमि पर कृषि ना करते हुए घना वन तैयार किया जा रहा है, जिससे प्रकृति के साथ में मानव जीवन को बड़ा लाभ मिलेगा.

धार। जिले की पर्यटन नगरी मांडू में स्थित विश्व के एकमात्र चतुर्भुज श्री राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 107 बीघा कृषि भूमि पर अब कृषि ना करते हुए घना वन तैयार करने की योजना बनाई है, इसके लिए बकायदा अब बड़ी संख्या में 107 बीघा कृषि भूमि पर विशेष प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा रहा है. विशेषकर उन पौधों को लगाया जा रहा है, जो विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में आ गए हैं.

धार के मांडू में 107 बीघा कृषि भूमि पर घना वन बनाया जा रहा है

आंध्रप्रदेश के साथ अन्य जगह से विशेष फलदार पौधों के साथ में फूलदार पौधे और नक्षत्र आधारित पौधे मंगाकर उनका रोपण किया जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ी ऐसे वृक्षों को देख सके, जो पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ-साथ मानव जीवन पर भी अपना खास प्रभाव रखते हैं.

Chaturbhuj Shri Ram Mandir Trust is getting forest
चतुर्भुज श्री राम मंदिर ट्रस्ट लगवा रहा वन

चतुर्भुज श्री राम मंदिर के मठाधीश एवं महामंडलेश्वर नरसिंह दास जी महाराज बताते हैं कि कोरोना जैसी महामारी ने एक बार फिर से मानव को यह बता दिया कि प्रगतिवाद से अब एक बार फिर हमें प्रकृतिवाद की ओर आगे बढ़ना होगा, हमें प्रकृति के महत्व को समझना पड़ेगा, पर्यावरण को सुधारना पड़ेगा, जिससे हम हमारी आने वाली पीढ़ी को महामारियों के प्रकोप से बचा सकते हैं.

Extinct species of plants are being planted for forest in Mandu
मांडू में वन के लिए विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए चतुर्भुज श्री राम मंदिर के ट्रस्टियों ने अपनी 107 बीघा कृषि भूमि पर कृषि ना करते हुए वन तैयार करने की योजना बनाई है और उसी योजना के अंतर्गत पौधारोपण का काम किया जा रहा है. पौधारोपण तीन श्रेणियों में किया जा रहा है

  1. फलदार (रामफल, सीताफल, आम, जामून, खिरनी के साथा लुप्त हुआ लक्ष्मण फल, मोरसली के पौधे भी लगाए जा रहे हैं).
  2. फूलदार (कनेर, गेंदा, गुलाब के साथ अन्य).
  3. ज्योतिषी आधारित नक्षत्र वाटिका (पीपल, बरगद, जामुन, पाखर, उमर) और गृह वाटिका (कुश, शमी,गूलर,खैर, पलास) आधारित पौधा रोपण किया जा रहा है.

नरसिंह दास जी महाराज ने कहा कि आने वाले 3 से 4 सालों में यह घना वन तैयार हो जाएगा ,जिससे मांडू आने वाले पर्यटकों के साथ में राम भक्तों को इस घने वन में घूम कर प्रकृति को देखने का मौका मिलेगा, वहीं उन्हें एक आत्मीय आनंद भी प्राप्त होगा, जिसके लिए 107 बीघा कृषि भूमि पर कृषि ना करते हुए घना वन तैयार किया जा रहा है, जिससे प्रकृति के साथ में मानव जीवन को बड़ा लाभ मिलेगा.

Last Updated : Jun 18, 2020, 10:03 AM IST
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