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Dhar Bhagoriya Festival: मांडू के भगोरिया हाट में 30 दलों ने की शिरकत, कलेक्टर ने बजाया मांदल - मांडू भगोरिया हाट में 30 दलों ने की शिरकत

धार जिले के मांडू में शनिवार को भगोरिया मेला लगा, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग जमा हुए. जामा मस्जिद व अशर्फी महल परिसर में लगे भगोरिया हाट में आदिवासी संस्कृति देखने को मिली. ढोल-मांदल की थाप पर आदिवासी लोग थिरकते नजर आए. वहीं धार कलेक्टर, पुलिस- प्रशासन के अधिकारी और विदेशी लोग भी आदिवासी रंग में रंगे नजर आए.

bhagoriya festival in dhar
मांडू भगोरिया हाट में 30 दलों ने की शिरकत
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Published : Mar 6, 2023, 8:36 PM IST

Updated : Mar 6, 2023, 9:27 PM IST

मांडू भगोरिया की धूम

धार। भारत को संस्कृतिक और त्योहारों का देश कहा जाता है. यह धर्म, भाषा, संस्कृति और जाति में विविधताओं से भरा धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां के मेले और त्योहारों के उत्सव लोगों से भरे रहते हैं. विदेशी लोग भी भारत के उत्सवों को बहुत उत्साह और जुनून के साथ सेलीब्रेट करते हैं. हर प्रदेश की अलग-अलग संस्कृति हैं. उन्हीं में से एक है भगोरिया. इस समय मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भगोरिया की धूम है. दरअसल मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में होली से पहले पर्व की तैयारियों के दौरान लगने वाले हाट बाजार को भगोरिया उत्सव कहा जाता है. धार में भगोरिया मेला लगा हुआ है, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. भागोरिया में 30 से अधिक ढोल-मांदल नृत्य दलों ने शिरकत की. देशी-विदेशी पर्यटकों ने आदिवासी संस्कृति के इस पर्व को कैमरे में कैद कर लिया.

इन मंचों से किया मांदल का स्वागत: भगोरिया में धार के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मांदल बचाई, वहीं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह भी खुद को रोक नहीं सके और लकड़ी से थाली बजाई. इस दौरान नगर परिषद के मंच, कांग्रेस और जयश संगठन के मंच से नृत्य दलों का सम्मान किया गया. आदिवासी समाज के तमाम लोगों में भगोरिया को लेकर अलग ही खुशी और उत्साह देखा जा सकता था. सभी ढोल-मांदल की धुन पर डांस कर रहे थे. इस मौके पर विदेशी भी कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने भी जमकर मांदल बजाई.

रैली निकालते हुए मांडू पहुंचे युवा: आदिवासी युवाओं का उत्साह ऐसा था कि कई युवा टंट्या मामा की फोटो लेकर सागर से मांडू तक रैली निकालते हुए भगोरिया मेले में पहुंचे. विभिन्न मंचों से पगड़ी और स्मृति चिन्ह देकर मादल दलों का स्वागत सत्कार किया गया. इस दौरान उनकी खुशी देखते ही बनती थी. कलेक्टर सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मांदल की धुन पर जमकर थिरके.

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लोक संस्कृति से प्रभावित हुए विदेशी: भगोरिया में विदेशी मेहमानों ने भी शिरकत की. सबसे ज्यादा सुर्खियां बटौरी इटली के एक कपल लेश और उनकी प्रेमिका रॉबर्ट ने. इस मौके पर दाेनों ने एक-दूसरे के सामने अपने प्यार का इजहार किया. लेश और रॉबर्ट, मांदल टीमों का इंतजार कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने मांदल बजाई, और डांस भी किया. लेश ने बताया कि वह भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित हैं, उन्हें भारतीय त्योहार बहुत भाते हैं, मैंने बहुत बार मांडू के भगोरिया पर्व के बारे में सुन रखा था, आज यहां आकर भी देख लिया. यहां की लोक संस्कृति बहुत अच्छी है.

मांडू भगोरिया की धूम

धार। भारत को संस्कृतिक और त्योहारों का देश कहा जाता है. यह धर्म, भाषा, संस्कृति और जाति में विविधताओं से भरा धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां के मेले और त्योहारों के उत्सव लोगों से भरे रहते हैं. विदेशी लोग भी भारत के उत्सवों को बहुत उत्साह और जुनून के साथ सेलीब्रेट करते हैं. हर प्रदेश की अलग-अलग संस्कृति हैं. उन्हीं में से एक है भगोरिया. इस समय मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भगोरिया की धूम है. दरअसल मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में होली से पहले पर्व की तैयारियों के दौरान लगने वाले हाट बाजार को भगोरिया उत्सव कहा जाता है. धार में भगोरिया मेला लगा हुआ है, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. भागोरिया में 30 से अधिक ढोल-मांदल नृत्य दलों ने शिरकत की. देशी-विदेशी पर्यटकों ने आदिवासी संस्कृति के इस पर्व को कैमरे में कैद कर लिया.

इन मंचों से किया मांदल का स्वागत: भगोरिया में धार के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मांदल बचाई, वहीं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह भी खुद को रोक नहीं सके और लकड़ी से थाली बजाई. इस दौरान नगर परिषद के मंच, कांग्रेस और जयश संगठन के मंच से नृत्य दलों का सम्मान किया गया. आदिवासी समाज के तमाम लोगों में भगोरिया को लेकर अलग ही खुशी और उत्साह देखा जा सकता था. सभी ढोल-मांदल की धुन पर डांस कर रहे थे. इस मौके पर विदेशी भी कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होंने भी जमकर मांदल बजाई.

रैली निकालते हुए मांडू पहुंचे युवा: आदिवासी युवाओं का उत्साह ऐसा था कि कई युवा टंट्या मामा की फोटो लेकर सागर से मांडू तक रैली निकालते हुए भगोरिया मेले में पहुंचे. विभिन्न मंचों से पगड़ी और स्मृति चिन्ह देकर मादल दलों का स्वागत सत्कार किया गया. इस दौरान उनकी खुशी देखते ही बनती थी. कलेक्टर सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मांदल की धुन पर जमकर थिरके.

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लोक संस्कृति से प्रभावित हुए विदेशी: भगोरिया में विदेशी मेहमानों ने भी शिरकत की. सबसे ज्यादा सुर्खियां बटौरी इटली के एक कपल लेश और उनकी प्रेमिका रॉबर्ट ने. इस मौके पर दाेनों ने एक-दूसरे के सामने अपने प्यार का इजहार किया. लेश और रॉबर्ट, मांदल टीमों का इंतजार कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने मांदल बजाई, और डांस भी किया. लेश ने बताया कि वह भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित हैं, उन्हें भारतीय त्योहार बहुत भाते हैं, मैंने बहुत बार मांडू के भगोरिया पर्व के बारे में सुन रखा था, आज यहां आकर भी देख लिया. यहां की लोक संस्कृति बहुत अच्छी है.

Last Updated : Mar 6, 2023, 9:27 PM IST
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