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'जो नेता अपने बेटे को पार्षद चुनाव न जीता सके', कांग्रेस में आने की अटकलों के बीच बदनावर में भंवर सिंह के विरोध में लगे पोस्टर - धार में कांग्रेस का पोस्टर वॉर

Madhya Pradesh Election 2023: धार जिले की बदनावर विधानसभा में प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए टिकट की जुगाड़ में लगे, इंदौर के वरिष्ठ भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत का बदनावर में ही कांग्रेस के नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

bjp leader bhanwar singh may join congress
बदनावर विधानसभा में बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत का विरोध
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 3:35 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 6:34 PM IST

धार. मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स का भी खेल शुरु हो गया है. वजह साफ है कि कुछ सीनियर बीजेपी नेता कांग्रेस का दामन थाम, उसके बैनर पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता खुद की उपेक्षा न हो, इसको लेकर इस तरह के नेताओं का विरोध करने लगे हैं.
ऐसा ही राजनीतिक नजारा धार जिले की बदनावर विधानसभा में देखने को मिला. यहां बीजेपी के नेता भंवर सिंह शेखावत का बदनावर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरु कर दिया है. कांग्रेस के विधानसभा कार्यकर्ताओं की ओर से एक पोस्टर लगाया गया है. इसके जरिए खुले तौर पर उनका विरोध किया जा रहा है.
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो नेता अपने बेटे को पार्षद का चुनाव नहीं जीता सके, वो बदनावर कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का दामन थाम रहे हैं.

क्या है मामला: दरअसल, हाल ही में बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत की तरफ से बदनावर के सिंधिया समर्थक मंत्री राज्यवर्धन दत्ती गांव को टिकट देने को लेकर नाराजगी जताई थी. तब से माना जा रहा है कि भंवर सिंह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. उनके विरोधी तेवर देखकर बीजेपी ने मनाने की कोशिश की थी, लेकिन भंवर सिंह शेखावत टिकट को लेकर वेटिंग वॉच की स्थिति में है.
इस बीच लगातार उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों के चलते बदनावर में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गुपचुप तरीके से भंवर सिंह शेखावत का विरोध शुरू कर दिया है. आज बदनावर विधानसभा के कार्यकर्ताओं के नाम पर एक पोस्टर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर लगाया गया है.

कविता लिख जताया विरोध: बदनावर विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने दर्द बयान करते हुए लिखा- "सुर लय तान छीन लो सारे, प्राणों से भैरव गाएंगे, हम अब भी अगर नहीं बोले तो खुद को क्या मुंह दिखलाएंगे."
इसके अलावा पोस्ट में लिखा है कि भाजपा तुझसे बैर नहीं, पर भाजपा की ओर से आयातित नेता की खैर भी नहीं. जो भाजपा नेता को 2018 में बदनावर विधानसभा की जनता ने 42 हजार के वोटों से हराकर वापस भेज दिया था, जो अपने बेटे को पार्षद का चुनाव नहीं जीता सके, वो नेताजी टिकट के लालच में बदनावर आ रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है.

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कैसा है बदनावर का राजनीतिक समीकरण: दरअसल, बदनावर विधानसभा में परंपरागत तौर पर कांग्रेस के राज्यवर्धन दत्ती गांव चुनाव लड़ते रहे हैं, सिंधिया के विश्वसनीय माने जाने वाले दत्तीगांव सिंधिया के साथ ही भाजपा में चले गए थे. वे 2019 का उपचुनाव जीतकर मंत्री हैं. जाहिर है कि दत्ती गांव के चुनाव लड़ने से यहां से भाजपा के दावेदार भंवर सिंह शेखावत का राजनीतिक भविष्य अधर में है.
इस बार भी माना जा रहा है कि दत्ती गांव ही यहां से चुनाव लड़ेंगे. यही वजह है कि भंवर सिंह शेखावत ने चुनावी मौका देखकर विरोध करना शुरू कर दिया है. अभी तक वह बीजेपी में ही रहने का दावा कर रहे हैं, लेकिन विश्वास सूत्र बताते हैं कि बदनावर कांग्रेस में सक्रिय बालमुकुंद गौतम भी भंवर सिंह शेखावत को कांग्रेस में लाना चाहते हैं.
ऐसी स्थिति में यदि भंवर सिंह शेखावत बदनावर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, तो राज्यवर्धन को चुनाव जीतने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इधर भंवर सिंह शेखावत के बीजेपी में बने रहने का एक अन्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ अपेक्स बैंक से संबंधित एक लोकायुक्त जांच लंबित है. वह कहीं ना कहीं शिवराज सरकार के दबाव में है.

धार. मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स का भी खेल शुरु हो गया है. वजह साफ है कि कुछ सीनियर बीजेपी नेता कांग्रेस का दामन थाम, उसके बैनर पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता खुद की उपेक्षा न हो, इसको लेकर इस तरह के नेताओं का विरोध करने लगे हैं.
ऐसा ही राजनीतिक नजारा धार जिले की बदनावर विधानसभा में देखने को मिला. यहां बीजेपी के नेता भंवर सिंह शेखावत का बदनावर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरु कर दिया है. कांग्रेस के विधानसभा कार्यकर्ताओं की ओर से एक पोस्टर लगाया गया है. इसके जरिए खुले तौर पर उनका विरोध किया जा रहा है.
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो नेता अपने बेटे को पार्षद का चुनाव नहीं जीता सके, वो बदनावर कांग्रेस से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का दामन थाम रहे हैं.

क्या है मामला: दरअसल, हाल ही में बीजेपी नेता भंवर सिंह शेखावत की तरफ से बदनावर के सिंधिया समर्थक मंत्री राज्यवर्धन दत्ती गांव को टिकट देने को लेकर नाराजगी जताई थी. तब से माना जा रहा है कि भंवर सिंह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. उनके विरोधी तेवर देखकर बीजेपी ने मनाने की कोशिश की थी, लेकिन भंवर सिंह शेखावत टिकट को लेकर वेटिंग वॉच की स्थिति में है.
इस बीच लगातार उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों के चलते बदनावर में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गुपचुप तरीके से भंवर सिंह शेखावत का विरोध शुरू कर दिया है. आज बदनावर विधानसभा के कार्यकर्ताओं के नाम पर एक पोस्टर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर लगाया गया है.

कविता लिख जताया विरोध: बदनावर विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने दर्द बयान करते हुए लिखा- "सुर लय तान छीन लो सारे, प्राणों से भैरव गाएंगे, हम अब भी अगर नहीं बोले तो खुद को क्या मुंह दिखलाएंगे."
इसके अलावा पोस्ट में लिखा है कि भाजपा तुझसे बैर नहीं, पर भाजपा की ओर से आयातित नेता की खैर भी नहीं. जो भाजपा नेता को 2018 में बदनावर विधानसभा की जनता ने 42 हजार के वोटों से हराकर वापस भेज दिया था, जो अपने बेटे को पार्षद का चुनाव नहीं जीता सके, वो नेताजी टिकट के लालच में बदनावर आ रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है.

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कैसा है बदनावर का राजनीतिक समीकरण: दरअसल, बदनावर विधानसभा में परंपरागत तौर पर कांग्रेस के राज्यवर्धन दत्ती गांव चुनाव लड़ते रहे हैं, सिंधिया के विश्वसनीय माने जाने वाले दत्तीगांव सिंधिया के साथ ही भाजपा में चले गए थे. वे 2019 का उपचुनाव जीतकर मंत्री हैं. जाहिर है कि दत्ती गांव के चुनाव लड़ने से यहां से भाजपा के दावेदार भंवर सिंह शेखावत का राजनीतिक भविष्य अधर में है.
इस बार भी माना जा रहा है कि दत्ती गांव ही यहां से चुनाव लड़ेंगे. यही वजह है कि भंवर सिंह शेखावत ने चुनावी मौका देखकर विरोध करना शुरू कर दिया है. अभी तक वह बीजेपी में ही रहने का दावा कर रहे हैं, लेकिन विश्वास सूत्र बताते हैं कि बदनावर कांग्रेस में सक्रिय बालमुकुंद गौतम भी भंवर सिंह शेखावत को कांग्रेस में लाना चाहते हैं.
ऐसी स्थिति में यदि भंवर सिंह शेखावत बदनावर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, तो राज्यवर्धन को चुनाव जीतने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इधर भंवर सिंह शेखावत के बीजेपी में बने रहने का एक अन्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ अपेक्स बैंक से संबंधित एक लोकायुक्त जांच लंबित है. वह कहीं ना कहीं शिवराज सरकार के दबाव में है.

Last Updated : Aug 29, 2023, 6:34 PM IST
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