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दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, 26 हजार का लगाया जुर्माना

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र को न्यायालय ने 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26 हजार रुपये का अर्थ दंड दिया है.

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Published : May 3, 2019, 11:44 PM IST

शरद कुमार पुरोहित, शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक

धार। नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र को न्यायालय ने 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26 हजार रुपये का अर्थ दंड दिया है. साथ ही घटनाक्रम में पुत्र का साथ देने वाली मां को भी न्यायालय ने 10 वर्ष कि सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 26 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

शरद कुमार पुरोहित, शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक


जिले के धरमपुरी थाना अंतर्गत 3 जुलाई 2016 को आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़ित नाबालिक का अपहरण किया था. साथ ही दीपक से शादी कराने के लिए पीड़ित को गुजरात ले गये थे. अपरहण के मामले में आरोपी ध्यान सिंह की पत्नी सेतूल बाई ने भी उनका साथ दिया था.


आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़िता के साथ गुजरात में 3 महीने तक दुष्कर्म किया था. लेकिन जैसे-तैसे पीड़िता आरोपियों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर धरमपुरी थाने पर मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय धरमपुरी के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश राजेश नंदेश्वर ने आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

धार। नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र को न्यायालय ने 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26 हजार रुपये का अर्थ दंड दिया है. साथ ही घटनाक्रम में पुत्र का साथ देने वाली मां को भी न्यायालय ने 10 वर्ष कि सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 26 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

शरद कुमार पुरोहित, शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक


जिले के धरमपुरी थाना अंतर्गत 3 जुलाई 2016 को आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़ित नाबालिक का अपहरण किया था. साथ ही दीपक से शादी कराने के लिए पीड़ित को गुजरात ले गये थे. अपरहण के मामले में आरोपी ध्यान सिंह की पत्नी सेतूल बाई ने भी उनका साथ दिया था.


आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़िता के साथ गुजरात में 3 महीने तक दुष्कर्म किया था. लेकिन जैसे-तैसे पीड़िता आरोपियों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर धरमपुरी थाने पर मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय धरमपुरी के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश राजेश नंदेश्वर ने आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

Intro:नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 26000 रुपय का अर्थ दंड एवं घटनाक्रम में पुत्र का साथ देने वाली मां को भी न्यायालय ने 10 वर्ष कि सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं ₹26000 के अर्थदंड से दंडित किया, दरअसल धार जिले के धरमपुरी थाना अंतर्गत 3-7-2016 को मध्य रात्रि में आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़ित नाबालिक का अपहरण कर दीपक से शादी कराने के लिए गुजरात ले गये, अपरहण के मामले में आरोपी ध्यान सिंह की पत्नी सेतूल बाई ने भी उनका साथ दिया आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र दीपक ने पीड़िता के साथ गुजरात में 3 महीने तक दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम दिया जैसे-तैसे पीड़िता आरोपीयो के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची उसके उपरांत परिजनों की शिकायत पर धरमपुरी थाने पर मामला दर्ज किया गया इसी मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायालय धरमपुरी के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश राजेश नंदेश्वर ने आरोपी ध्यान सिंह और उसके पुत्र को नाबालिक पीड़िता के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26000 रुपय के अर्थदंड से दंडित किया है इस घिनोन मामले में आरोपी ध्यान सिंह की पत्नी सेतूल बाई ने आरोपियों का साथ दिया जिसके चलते न्यायालय ने अपहरण के मामले में सेतूल बाई को भी 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 26000 रुपय के अर्थदंड से दंडित किया है मामले की जानकारी शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित ने मीडिया कि।

बाइट-01-शरद कुमार पुरोहित -शासकीय अतिरिक्त लोक अभियोजक श


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