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महाशिवरात्रि पर तिल-तिल बढ़ता है यह शिवलिंग, श्रद्धालुओं की आस्था का है केंद्र

भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में रहस्य भरे अनेक मंदिरों और स्थलों की भरमार है, जहां जाकर विज्ञान भी हैरान रह जाता है. ऐसा ही रहस्य भरा भगवान भोलेनाथ का बिलावली का शिव मंदिर है, जो मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित है.

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Published : Mar 4, 2019, 12:49 PM IST

शिवलिंग

देवास। भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में रहस्य भरे अनेक मंदिरों और स्थलों की भरमार है, जहां जाकर विज्ञान भी हैरान रह जाता है. ऐसा ही रहस्य भरा भगवान भोलेनाथ का बिलावली का शिव मंदिर है, जो मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित है.

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मान्यता है कि हर महाशिवरात्रि पर यह शिवलिंग तिलभर बढ़ जाता है और भगवान भोलेनाथ के इस स्परूप के दर्शन मात्र से ही भक्तों का भाग्योदय हो जाता है. महाशिवरात्रि होने से आज दिनभर भगवान भोलेनाथ की एक झलक पाने के लिए यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है.


शिवलिंग का फूल, सूखे मेवे, फल और अन्य पूजन सामग्री से श्रृंगार किया जाता है. यहां शिवलिंग बेहद आकर्षक और मनोहारी लगता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति ने विशेष व्यवस्था की है. लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद भगवान शिव के दर्शन हो पाते हैं. कहा जाता है कि श्रद्धालुओं द्वारा 7 सोमवार उपवास रख बिलावली स्थित इस शिवलिंग के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

देवास। भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में रहस्य भरे अनेक मंदिरों और स्थलों की भरमार है, जहां जाकर विज्ञान भी हैरान रह जाता है. ऐसा ही रहस्य भरा भगवान भोलेनाथ का बिलावली का शिव मंदिर है, जो मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित है.

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मान्यता है कि हर महाशिवरात्रि पर यह शिवलिंग तिलभर बढ़ जाता है और भगवान भोलेनाथ के इस स्परूप के दर्शन मात्र से ही भक्तों का भाग्योदय हो जाता है. महाशिवरात्रि होने से आज दिनभर भगवान भोलेनाथ की एक झलक पाने के लिए यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है.


शिवलिंग का फूल, सूखे मेवे, फल और अन्य पूजन सामग्री से श्रृंगार किया जाता है. यहां शिवलिंग बेहद आकर्षक और मनोहारी लगता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति ने विशेष व्यवस्था की है. लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद भगवान शिव के दर्शन हो पाते हैं. कहा जाता है कि श्रद्धालुओं द्वारा 7 सोमवार उपवास रख बिलावली स्थित इस शिवलिंग के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

Intro:देवास- प्रसिद्ध देव इस्थल बिलावली के शिव मंदिर में मान्यता है कि हर महाशिवरात्रि पर्व पर तिल तिल बढ़ता शिवलिंग का स्वरूप।पुरे दिन हजारो श्रदालुओं का तांता शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मन्दिर में लगा रहता है।


Body:देवास- प्रसिद्ध देव इस्थल बिलावली के शिव मंदिर में मान्यता है कि हर महाशिवरात्रि पर्व पर तिल तिल बढ़ता शिवलिंग का स्वरूप।शिवलिंग को फूलों,शूखे मेवे,फल व अन्य पूजन सामग्री से श्रंगार किया गया जिससे शिवलिंग का स्वरूप और तेज स्वरूप दिखने लगा है, महाशिवरात्रि के पुरे दिन हजारो श्रदालुओं का तांता शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मन्दिर में लगा रहता है,साथ ही मंदिर परिसर में 1 दिवसीय मेले का आयोजन बिलावली मन्दिर समिति द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है ।आज के दिन उपवास होने पर भी शहर से 5 km दूर इस बिलावली शिव मन्दिर पर दर्शन के लिए श्रद्धालु पैदल-पैदल आते है,और रोड के दोनों तरफ सेकड़ो फरियाली,खिचड़ी,फल,चाय,लस्सी सहित खाने की वस्तूओं का भंडारा दिन भर चलता रहता है।मान्यता है कि श्रद्धालुओं द्वारा 7 सोमवार उपवास रख बिलावली इस्थित इस शिवलिंग के दर्शन करने से मन्त पुरी होती है।चुकी यह शिव मंदिर आगरा बॉम्बे नेशनल हाइवे पर इस्थित है और सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन व पुलिस विभाग द्वारा कड़े बन्दोबस्त किये गए है।दिनभर शिव भक्तों का मंदिर में शिवलिंग के दर्शन के लिए ताता लगा रहेगा।


Conclusion:प्रसिद्ध देव इस्थल बिलावली के शिव मंदिर में मान्यता है कि हर महाशिवरात्रि पर्व पर तिल तिल बढ़ता शिवलिंग का स्वरूप।शिवलिंग को फूलों,शूखे मेवे,फल व अन्य पूजन सामग्री से श्रंगार किया गया जिससे शिवलिंग का स्वरूप और तेज स्वरूप दिखने लगा है, महाशिवरात्रि के पुरे दिन हजारो श्रदालुओं का तांता शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मन्दिर में लगा रहता है,साथ ही मंदिर परिसर में 1 दिवसीय मेले का आयोजन बिलावली मन्दिर समिति द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है
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