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प्रशासन नहीं ले रहा सुध: 38 मजदूरों ने जमा पूंजी से किराए पर की निजी बस

हैदराबाद में मजदूरी करने गए 38 मजदूर लॉकडाउन के चलते वहीं फंस गए, लेकिन प्रशासन ने कोई मदद नहीं की, जिसके बाद इन मजदूरों ने जमा पूंजी से 1 लाख 35 हजार रुपये से निजी बस कर राजस्थान के लिये रवाना हो गए.

trapped laborers took private bus
फंसे मजदूरों ने की निजी बस
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Published : May 7, 2020, 2:46 PM IST

देवास। प्रशासन लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है. जहां एक ओर लोग कोरोना वायरस संक्रमण के चलते घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं, तो वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे मजदूरों के हाल बेहाल हैं, जो गए तो थे मजदूरी करने, लेकिन उल्टा गवा सारे पैसे.

मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए अलग-अलग राज्यों या अन्य जिलों में जाते हैं, लेकिन क्या पता था कि ऐसा समय आ जायेगा. हैदराबाद से 38 कामगार मजदूरों ने एक निजी बस किराए पर की, जिसका किराया 1 लाख 35 हजार रुपये था, लेकिन यह प्रशासन का पैसा नहीं बल्कि इन मजदूरों का था.

इस दौरान उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. मजदूर हैदराबाद से 5 मई 2020 यानि मंगलवार को सुबह राजस्थान स्थित जालोर के लिए रवाना हुए. इसके बाद नेमावर थाने के सामने करीब डेढ़ बचे बस का पम्प खराब हो गया. जैसे-तैसे बस में ही मजदूरों को रात बितानी पड़ी. सुबह होते ही थाना प्रभारी एनबीएस परिहार ने गाड़ी खड़ी देखी. तब यात्रियों से जानकारी लेने के बाद उनकी खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई. साथ ही धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था करवाई गई.

चालक परिचालक द्वारा गाड़ी को ठीक कराया गया. करीब रात 8 बजे बस रवाना हो गई. मजदूरों ने बताया कि हम सभी जालोर जिले के रहने वाले हैं. हैदराबाद में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के चलते घर नहीं पहुंच पाए. जो जमा पूंजी थी उससे सभी ने मिलकर घर पहुंचने का निर्णय लिया, जिसके लिए एक निजी बस की गई. उनका यह भी कहना है कि प्रशासन द्वारा कोई सहायता नहीं की गई.

देवास। प्रशासन लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है. जहां एक ओर लोग कोरोना वायरस संक्रमण के चलते घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं, तो वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे मजदूरों के हाल बेहाल हैं, जो गए तो थे मजदूरी करने, लेकिन उल्टा गवा सारे पैसे.

मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए अलग-अलग राज्यों या अन्य जिलों में जाते हैं, लेकिन क्या पता था कि ऐसा समय आ जायेगा. हैदराबाद से 38 कामगार मजदूरों ने एक निजी बस किराए पर की, जिसका किराया 1 लाख 35 हजार रुपये था, लेकिन यह प्रशासन का पैसा नहीं बल्कि इन मजदूरों का था.

इस दौरान उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. मजदूर हैदराबाद से 5 मई 2020 यानि मंगलवार को सुबह राजस्थान स्थित जालोर के लिए रवाना हुए. इसके बाद नेमावर थाने के सामने करीब डेढ़ बचे बस का पम्प खराब हो गया. जैसे-तैसे बस में ही मजदूरों को रात बितानी पड़ी. सुबह होते ही थाना प्रभारी एनबीएस परिहार ने गाड़ी खड़ी देखी. तब यात्रियों से जानकारी लेने के बाद उनकी खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई. साथ ही धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था करवाई गई.

चालक परिचालक द्वारा गाड़ी को ठीक कराया गया. करीब रात 8 बजे बस रवाना हो गई. मजदूरों ने बताया कि हम सभी जालोर जिले के रहने वाले हैं. हैदराबाद में मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के चलते घर नहीं पहुंच पाए. जो जमा पूंजी थी उससे सभी ने मिलकर घर पहुंचने का निर्णय लिया, जिसके लिए एक निजी बस की गई. उनका यह भी कहना है कि प्रशासन द्वारा कोई सहायता नहीं की गई.

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