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निलंबित हेड मास्टर ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगी इच्छामृत्यु, जानें क्या है मामला ? - headmaster accused DPC of harassing

हरदा जिले में एक निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉक्टर आरएस तिवारी पर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है.

Suspended headmaster accuses DPC of harassing in dewas
प्रताड़ना का आरोप
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Published : Jan 21, 2020, 12:52 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 1:05 PM IST

हरदा। जिले में शिक्षा विभाग का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉक्टर आरएस तिवारी पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है.

जिला शिक्षा केंद्र में टकराव

दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी पर पिछले दिनों तीन शिक्षिकाओं ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था, कुछ दिनों बाद आरोप लगाने वाली शिक्षिकाएं अपने बयान से पलट गईं. इस घटना के बाद अब एक बार फिर निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉक्टर आरएस तिवारी पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है.


इस मामले में सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का कहना है कि, निलंबित शिक्षक के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उनके निलंबन और शोकॉज नोटिस में मेरी कोई भी भूमिका नहीं है और न ही ये मेरे अधिकार क्षेत्र का मामला है. निलंबित शिक्षक ने उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का कृत्य किया है. अब डॉक्टर आरएस तिवारी शिक्षक पर मानहानि का दावा पेश करने की बात कह रहे हैं.


निलंबित शिक्षक के द्वारा गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ के माध्यम से जिले के प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा को डीपीसी आरएस तिवारी के द्वारा आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की शिकायत की गई थी. उन्होंने कहा कि, डीपीसी तिवारी आरक्षित वर्ग के शिक्षकों और कर्मचारियों को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित करते हैं. शिकायत के बाद कन्या शाला के प्रधान पाठक प्रकाश पोर्ते को प्रताड़ित करते हुए निलंबित किया गया है.


निलंबित किए गए शिक्षक ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है, साथ ही गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ ने प्रभारी मंत्री से परियोजना समन्वयक तिवारी के ट्रांसफर की जांच करने की मांग की है.

हरदा। जिले में शिक्षा विभाग का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉक्टर आरएस तिवारी पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है.

जिला शिक्षा केंद्र में टकराव

दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी पर पिछले दिनों तीन शिक्षिकाओं ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था, कुछ दिनों बाद आरोप लगाने वाली शिक्षिकाएं अपने बयान से पलट गईं. इस घटना के बाद अब एक बार फिर निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉक्टर आरएस तिवारी पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है.


इस मामले में सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का कहना है कि, निलंबित शिक्षक के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उनके निलंबन और शोकॉज नोटिस में मेरी कोई भी भूमिका नहीं है और न ही ये मेरे अधिकार क्षेत्र का मामला है. निलंबित शिक्षक ने उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का कृत्य किया है. अब डॉक्टर आरएस तिवारी शिक्षक पर मानहानि का दावा पेश करने की बात कह रहे हैं.


निलंबित शिक्षक के द्वारा गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ के माध्यम से जिले के प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा को डीपीसी आरएस तिवारी के द्वारा आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की शिकायत की गई थी. उन्होंने कहा कि, डीपीसी तिवारी आरक्षित वर्ग के शिक्षकों और कर्मचारियों को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित करते हैं. शिकायत के बाद कन्या शाला के प्रधान पाठक प्रकाश पोर्ते को प्रताड़ित करते हुए निलंबित किया गया है.


निलंबित किए गए शिक्षक ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है, साथ ही गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ ने प्रभारी मंत्री से परियोजना समन्वयक तिवारी के ट्रांसफर की जांच करने की मांग की है.

Intro:हरदा हरदा जिले में शिक्षा विभाग की कला थमने का नाम नहीं ले रही है सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी पर पिछले दिनों तीन शिक्षिकाओं के द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद कुछ दिनों बाद प्रताड़ित करने का आरोप लगाने वाली शिक्षिकाएं अपने अपने द्वारा लगाए आरोपों से पलट गई थी इसके बाद फिर से एक निलंबित हेड मास्टर ने जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक डॉ आर एस तिवारी पर जातीय आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। वहीं दूसरी ओर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी तिवारी का कहना है कि निलंबित शिक्षक के द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं उनके निलंबन और शोकॉज नोटिस में मेरी कोई भी भूमिका नहीं है और नहीं यह मेरे अधिकार क्षेत्र का मामला है निलंबित शिक्षक के द्वारा उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का कृत्य किया जा रहा है जिसको लेकर आवे उक्त शिक्षक के खिलाफ न्यायालय में मानहानि का दावा पेश करेंगे।


Body:निलंबित शिक्षक के द्वारा गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ के माध्यम से जिले के प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा को डीपीसी आर एस तिवारी के द्वारा आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रताड़ित करने की शिकायत की गई है उन्होंने कहा कि कार्ड डीपीसी तिवारी के द्वारा आरक्षित वर्ग के शिक्षकों और कर्मचारियों से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित किया जाता है जिसके चलते कन्या शाला के प्रधान पाठक प्रकाश पोर्ते को प्रताड़ित करने के दौरान निलंबित किया गया है जिसको लेकर उनके द्वारा महामहिम राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की गई है गोंडवाना कर्मचारी अधिकारी संघ ने प्रभारी मंत्री से परियोजना समन्वयक तिवारी के ट्रांसफर की जाने की भी जांच करने की मांग की है।
बाईट-पी सी पोर्ते निलंबित शिक्षक


Conclusion:उधर इस पूरे मामले को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक आर एस तिवारी का कहना है कि निलंबित शिक्षक पीसी पोर्ते से उनकी बीते 1 साल से कोई मुलाकात नहीं हुई है उनके द्वारा बेवजह झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है जिसको लेकर उन्होंने कलेक्टर को इस पूरे मामले की जांच की मांग की है साथ ही प्रताड़ित करने के आरोप लगाने वाले शिक्षक के खिलाफ न्यायालय में मानहानि का दावा करने की भी बात कही है।
बाईट- आर एस तिवारी ,डीपीसी
Last Updated : Jan 21, 2020, 1:05 PM IST
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