देवास। कन्नौद के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रवास की अधीक्षिका ने यहीं पदस्थ एक शिक्षक पर 3 लाख रूपए से अधिक की रकम अपने भाई के खाते में ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है. अधीक्षिका ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित में आवेदन देकर जांच की मांग की है.
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका ममता अग्रवाल ने देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, देवास मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शीतला पटले, देवास जिला शिक्षा अधिकारी को दिनांक 28 सितंबर 2020 को लिखित पत्र के माध्यम से शिकायत की. उन्होंने पत्र में लिखा कि एसएमडीसी द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की व्यवस्थापक/अधीक्षक के पद पर सन 2018 से कार्यरत हैं और शिक्षक धर्मेंद्र मेहता छात्रावास के संचालन अध्यक्ष पद पर होकर शासन का अहित कर कई वित्तीय अनियमितताएं की गई है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए शिकायत पत्र में लिखा कि शिक्षक धर्मेंद्र मेहता के द्वारा मुझ से चैक पर पहले ही हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं और किस-किस को भुगतान किया जाता है, ये बात मुझे नहीं बताई जाती. अधिकांश मामलों में छात्रावास संचालन के लिए सब्जी लकड़ी के दूध का पैसा मेरे निजी रुपयों क्रय करना पड़ता है. उसके बाद मुझे रुपए दिए जाते हैं. धर्मेंद्र मेहता शिक्षक के द्वारा सत्र 2019-20 के साहू किराना को राशि भुगतान हेतु मुझसे एस.एम. डी. सी. बालिका छात्रावास बैंक ऑफ इंडिया शाखा कन्नौद का चेक नंबर- 111289 दिनांक 30 मार्च 2020 राशी 3 लाख 6 हजार 442 रुपये के चेक पर हस्ताक्षर कराए गए थे.
ममता अग्रवाल से साहू किराना के व्यवसाई प्रमोद साहू ने रुपए मांगे तब रुपए भुगतान को लेकर पड़ताल की गई तो धर्मेंद्र मेहता शिक्षक के द्वारा एस.एम.डी.सी. बालिका छात्रावास कन्नौद के द्वारा जारी बैंक ऑफ इंडिया शाखा कन्नौद का चेक नंबर-111289 को अपने भाई प्रमोद मेहता के बैंक ऑफ इंडिया शाखा कन्नौद के खाता नंबर-891610110005915 में दिनांक 29 जुन 2020 को ₹306442/- का जमा किया गया. शिक्षक धर्मेंद्र मेहता ने चेक किराना व्यवसाई प्रमोद साहू को भुगतान हेतु देना था लेकिन रुपए हड़पने की नीयत से अपने सगे भाई प्रमोद मेहता के खाते में रुपए जमा कर दिए गए.शिक्षक धर्मेंद्र मेहता के द्वारा कई वित्तीय अनियमितताएं छात्रावास संचालन में की गई हैं. शिक्षक धर्मेंद्र मेहता फर्जी पेमेंट भुगतान में साजिश के तहत उन्हें फंसवा सकता है.