ETV Bharat / state

50 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का होगा संग्रहण, 55 हजार मजदूर परिवारों को मिलेगा रोजगार

सीएम शिवराज सिंह के आदेश के मुताबिक देवास जिले में वन विभाग द्वारा 20 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य आरंभ हो जाएगा. जानकारी के मुताबिक 55 हजार श्रमिक तेंदूपत्ता तोड़कर उनकी गड्डियां बनाकर संबंधित फड़ पर जमा कराएंगे.

tendu leaf will be collected
तेंदूपत्ता का होगा संग्रहण
author img

By

Published : May 16, 2020, 6:08 PM IST

देवास। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार देवास जिले में वन विभाग द्वारा 20 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य आरंभ हो जाएगा. ये कार्य 30 मई तक चलेगा. इसमें देवास जिले के सुदूर ग्रामीण अंचल से लगभग 55 हजार श्रमिक तेंदूपत्ता तोड़कर उनकी गड्डियां बनाकर संबंधित फड़ पर जमा कराएंगे. कोरोना महामारी को देखते हुए नियमों का पालन करते हुए, पत्ते तोड़ने का कार्य होगा. श्रमिक मास्क लगाकर ही जंगल में जाएंगे. जहां पत्तों का संग्रहण होगा, वहां भी नियमों का पालन करवाया जाएगा. तेंदूपत्ता संग्रहण लॉकडाउन में गरीब आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करेगा.

डीएफओ पीएन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष तेंदूपत्ता के 1 मानक बोरे पर ढाई हजार रुपए संग्राहक को दिया जाएंगे. इस गतिविधि में महज 10 दिन में आदिवासी अंचल से जुड़े 55 हजार श्रमिकों को करीब 12 करोड़ रुपए का रोजगार उपलब्ध हो जाएगा. पूरे जिले में कुल 29 समितियां बनी हुई हैं. इनमें 26 समितियां बिक्रीत समिति हैं, शेष तीन समिति अबिक्रीत हैं.

पूरे जिले में 434 फड़ बनी हुई हैं. इस बार 50 हजार मानक बोरा संग्रहण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस हिसाब से सभी मजदूरों में 12 करोड़ रुपए की मजदूरी बांटी जाएगी. साथ ही सुरक्षा के साधनों के समस्त उपाय के साथ ही मजदूरों को जंगल में पत्ता तोड़ने के लिए जाने दिया जाएगा. सभी मजदूरों का पंजीयन किया गया है. मजदूरों का बीमा भी करवाया है. इस काम में लगे मजदूरों का बीमा भी किया गया है.

सामान्य मृत्यु पर 10 हजार रुपए शासन द्वारा दिए जाएंगे. किसी दुर्घटना के तहत मजदूर की मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए श्रमिक पंजीयन अंतर्गत दिए जाएंगे. मजदूरी करते वक्त स्थायी अपंग होने पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा शासन ने एकलव्य योजना के तहत शैक्षणिक सहायता देने का निर्णय लिया है. इसमें तेंदूपत्ता तोड़ने में लगे श्रमिक परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी. आईटीआई टेक्निकल शिक्षा करने पर 50 हजार रुपए, साधारण शिक्षा पर 20 हजार छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाएंगे.

देवास। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार देवास जिले में वन विभाग द्वारा 20 मई से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य आरंभ हो जाएगा. ये कार्य 30 मई तक चलेगा. इसमें देवास जिले के सुदूर ग्रामीण अंचल से लगभग 55 हजार श्रमिक तेंदूपत्ता तोड़कर उनकी गड्डियां बनाकर संबंधित फड़ पर जमा कराएंगे. कोरोना महामारी को देखते हुए नियमों का पालन करते हुए, पत्ते तोड़ने का कार्य होगा. श्रमिक मास्क लगाकर ही जंगल में जाएंगे. जहां पत्तों का संग्रहण होगा, वहां भी नियमों का पालन करवाया जाएगा. तेंदूपत्ता संग्रहण लॉकडाउन में गरीब आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करेगा.

डीएफओ पीएन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष तेंदूपत्ता के 1 मानक बोरे पर ढाई हजार रुपए संग्राहक को दिया जाएंगे. इस गतिविधि में महज 10 दिन में आदिवासी अंचल से जुड़े 55 हजार श्रमिकों को करीब 12 करोड़ रुपए का रोजगार उपलब्ध हो जाएगा. पूरे जिले में कुल 29 समितियां बनी हुई हैं. इनमें 26 समितियां बिक्रीत समिति हैं, शेष तीन समिति अबिक्रीत हैं.

पूरे जिले में 434 फड़ बनी हुई हैं. इस बार 50 हजार मानक बोरा संग्रहण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस हिसाब से सभी मजदूरों में 12 करोड़ रुपए की मजदूरी बांटी जाएगी. साथ ही सुरक्षा के साधनों के समस्त उपाय के साथ ही मजदूरों को जंगल में पत्ता तोड़ने के लिए जाने दिया जाएगा. सभी मजदूरों का पंजीयन किया गया है. मजदूरों का बीमा भी करवाया है. इस काम में लगे मजदूरों का बीमा भी किया गया है.

सामान्य मृत्यु पर 10 हजार रुपए शासन द्वारा दिए जाएंगे. किसी दुर्घटना के तहत मजदूर की मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए श्रमिक पंजीयन अंतर्गत दिए जाएंगे. मजदूरी करते वक्त स्थायी अपंग होने पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा शासन ने एकलव्य योजना के तहत शैक्षणिक सहायता देने का निर्णय लिया है. इसमें तेंदूपत्ता तोड़ने में लगे श्रमिक परिवार के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी. आईटीआई टेक्निकल शिक्षा करने पर 50 हजार रुपए, साधारण शिक्षा पर 20 हजार छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.