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सोयाबीन की फसलों में दिखी अफलन और पीलेपन की बीमारी, किसानों की बढ़ी चिंता - अफलन और पीलापन

खातेगांव में पहले तो किसानों ने बारिश का इंतेजार किया, वहीं अब सोयाबीन की फसलों में अफलन और पीलेपन जैसी गंभीर बिमारी देखी जा रही है. इस बिमारी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

Severe sickness and yellowing disease seen in soybean crops
सोयाबीन की फसलों में दिखी अफलन और पीलेपन की गंभीर बीमारी
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Published : Aug 17, 2020, 1:55 PM IST

देवास। खातेगांव क्षेत्र के किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, बारिश के लंबे इंतजार के बाद अब सोयाबीन में अफलन की स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों ने फसल को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन अफलन की स्थिति के बाद किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह भंग हो रहा है.

Agriculture extension officer Kailash Singh Yadav inspected the fields
कृषि विस्तार अधिकारी कैलाश सिंह यादव ने किया खेतों का निरीक्षण

खातेगांव तहसील के ग्राम बरखेड़ी के किसान कैलाश सैंधव ने बताया कि, फसल की स्थिति अच्छी होने के बावजूद अफलन जैसे हालात बने हुए हैं. सोयाबीन में अफलन से किसान काफी चिन्तित हैं, किसानों ने सोयाबीन की फसल को संवारने में बड़ी मेहनत की. वहीं सातल के किसान सुमेरसिंह सैंधव ने बताया कि, एक माह बाद बारिश हुई तो फसल को नया जीवन मिला, साथ ही पौधों में फूल आने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई. लेकिन जब फूल से फली बनने का समय आया, तो पौधे में फलियां ही नहीं दिखाई दे रही हैं. वहीं क्षेत्र में जैसे ही सोयाबीन की फसल में अफलन की बात चली, तो किसानों में हड़कंप मच गया और सभी किसान अपने-अपने खेतों में जाकर फसल का मुआइना करने लगे.

मुआयने के दौरान किसानों ने पाया कि, सोयाबीन के पौधे से फलियां गायब हैं, बिना फलियों के पौधा हैं. जिसके बाद इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा ने किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया, फसल की स्थिति देख कर किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है. कई किसानों के खेत मे सोयाबीन पीला होकर सूखने लगा है, लगातार लग रही बीमारी ने किसानों को गहरी चिंता में डाल दिया है.

इस प्रकार कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र के भिलाई, मोहाई, नान्दोन, डाबरी, कौलारी, सातल, बरखेड़ी, ओंकारा, ककडदी, सागोनिया, कालीबाई आदि गांवों की फसल भी कहीं अफलन तो कही पीलापन जैसी बिमारी से फसल खराब हो रही है और किसान परेशान हैं.

इस समस्या के बाद कृषि विस्तार अधिकारी कैलाश सिंह यादव ने पीड़ित किसानों के खेतों का निरीक्षण कर मौका पंचनामा बनाया. यादव ने बताया कि, अनुविभागीय अधिकारी खातेगांव के आदेश के पालन में हल्का पटवारी बिशन सिंह उइके एवं ग्राम पंचायत ओंकारा, ककड़दी एवं सागोनिया का निरीक्षण किया. जहां पर बोनी के बाद करीब 33-34 दिन तक बारिश नहीं होने से फसलें सूखने की कगार पर आ गई थी. साथ ही तने में सफेद मक्खी लगने से तना भीतर से खराब होने लगा है, जिसके बाद किसानों के खेत मे जाकर पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा. किसानों की फसल में हुए नुकसान का आंकलन फसल कटाई प्रयोग के बाद ही बताया जा सकता है.

देवास। खातेगांव क्षेत्र के किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, बारिश के लंबे इंतजार के बाद अब सोयाबीन में अफलन की स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसानों ने फसल को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन अफलन की स्थिति के बाद किसानों का सोयाबीन की खेती से मोह भंग हो रहा है.

Agriculture extension officer Kailash Singh Yadav inspected the fields
कृषि विस्तार अधिकारी कैलाश सिंह यादव ने किया खेतों का निरीक्षण

खातेगांव तहसील के ग्राम बरखेड़ी के किसान कैलाश सैंधव ने बताया कि, फसल की स्थिति अच्छी होने के बावजूद अफलन जैसे हालात बने हुए हैं. सोयाबीन में अफलन से किसान काफी चिन्तित हैं, किसानों ने सोयाबीन की फसल को संवारने में बड़ी मेहनत की. वहीं सातल के किसान सुमेरसिंह सैंधव ने बताया कि, एक माह बाद बारिश हुई तो फसल को नया जीवन मिला, साथ ही पौधों में फूल आने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई. लेकिन जब फूल से फली बनने का समय आया, तो पौधे में फलियां ही नहीं दिखाई दे रही हैं. वहीं क्षेत्र में जैसे ही सोयाबीन की फसल में अफलन की बात चली, तो किसानों में हड़कंप मच गया और सभी किसान अपने-अपने खेतों में जाकर फसल का मुआइना करने लगे.

मुआयने के दौरान किसानों ने पाया कि, सोयाबीन के पौधे से फलियां गायब हैं, बिना फलियों के पौधा हैं. जिसके बाद इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा ने किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया, फसल की स्थिति देख कर किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है. कई किसानों के खेत मे सोयाबीन पीला होकर सूखने लगा है, लगातार लग रही बीमारी ने किसानों को गहरी चिंता में डाल दिया है.

इस प्रकार कन्नौद तहसील के कुसमानिया क्षेत्र के भिलाई, मोहाई, नान्दोन, डाबरी, कौलारी, सातल, बरखेड़ी, ओंकारा, ककडदी, सागोनिया, कालीबाई आदि गांवों की फसल भी कहीं अफलन तो कही पीलापन जैसी बिमारी से फसल खराब हो रही है और किसान परेशान हैं.

इस समस्या के बाद कृषि विस्तार अधिकारी कैलाश सिंह यादव ने पीड़ित किसानों के खेतों का निरीक्षण कर मौका पंचनामा बनाया. यादव ने बताया कि, अनुविभागीय अधिकारी खातेगांव के आदेश के पालन में हल्का पटवारी बिशन सिंह उइके एवं ग्राम पंचायत ओंकारा, ककड़दी एवं सागोनिया का निरीक्षण किया. जहां पर बोनी के बाद करीब 33-34 दिन तक बारिश नहीं होने से फसलें सूखने की कगार पर आ गई थी. साथ ही तने में सफेद मक्खी लगने से तना भीतर से खराब होने लगा है, जिसके बाद किसानों के खेत मे जाकर पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा. किसानों की फसल में हुए नुकसान का आंकलन फसल कटाई प्रयोग के बाद ही बताया जा सकता है.

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