देवास। महात्मा गांधी जिला अस्पताल में खुले में पड़े मेडिकल कचरे को अस्पताल के ही सफाई कर्मचारी ठिकाने लगा रहे हैं. मेडिकल कचरे को बेचकर सफाई कर्मचारी पैसे कमा रहा हैं वहीं जिला प्रबंधन को इस बात की भनक भी नहीं है. कचरे को बेचने वाले युवक से पूछा गया कि क्या उसे इस कचरे को बेचने का अधिकार है तो उसने मना कर दिया.युवक ने बताया कि सफाई की कमाई से खर्चा बहुत ही मुश्किल से चलता है इसलिए मेडिकल कचरा बेचकर अपना गुजारा चला रहे हैं. युवक से यह भी पूछा गया कि वह इस कचरे को किससे पूछकर लाया है उसने जबाव में कहा कि किसी से भी नहीं.
कचरा खरीदने वाले दुकानदार से पूछा गया कि यह युवक हर दिन मेडिकल का कचरा लाता है तो जबाव में दुकानदार ने कहा कि कभी कभी. जब दुकानदार से पूछा गया कि इसे खरीदना भी गुनाह है तो दुकानदार ने कहा कि मुझे इसकी किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. मेडिकल कचरा आता है हम उसे खरीद लेते हैं.