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सफाई कर्मचारी चोरी से बेच रहे अस्पताल का कचरा, अधिकारियों को नहीं कोई जानकारी

देवास के महात्मा गांधी जिला अस्पताल का मेडिकल अस्पताल का कचरा सफाई कर्मचारी चोरी से बेच रहे हैं और प्रबंधन को इस बात की भनक तक नहीं है.

मेडिकल कचरे को बेचते हुए पकड़ा गया सफाई कर्मचारी
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Published : Oct 23, 2019, 6:32 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 9:43 PM IST

देवास। महात्मा गांधी जिला अस्पताल में खुले में पड़े मेडिकल कचरे को अस्पताल के ही सफाई कर्मचारी ठिकाने लगा रहे हैं. मेडिकल कचरे को बेचकर सफाई कर्मचारी पैसे कमा रहा हैं वहीं जिला प्रबंधन को इस बात की भनक भी नहीं है. कचरे को बेचने वाले युवक से पूछा गया कि क्या उसे इस कचरे को बेचने का अधिकार है तो उसने मना कर दिया.युवक ने बताया कि सफाई की कमाई से खर्चा बहुत ही मुश्किल से चलता है इसलिए मेडिकल कचरा बेचकर अपना गुजारा चला रहे हैं. युवक से यह भी पूछा गया कि वह इस कचरे को किससे पूछकर लाया है उसने जबाव में कहा कि किसी से भी नहीं.

सफाई कर्मचारी चोरी से बेच रहे अस्पताल का कचरा


कचरा खरीदने वाले दुकानदार से पूछा गया कि यह युवक हर दिन मेडिकल का कचरा लाता है तो जबाव में दुकानदार ने कहा कि कभी कभी. जब दुकानदार से पूछा गया कि इसे खरीदना भी गुनाह है तो दुकानदार ने कहा कि मुझे इसकी किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. मेडिकल कचरा आता है हम उसे खरीद लेते हैं.

देवास। महात्मा गांधी जिला अस्पताल में खुले में पड़े मेडिकल कचरे को अस्पताल के ही सफाई कर्मचारी ठिकाने लगा रहे हैं. मेडिकल कचरे को बेचकर सफाई कर्मचारी पैसे कमा रहा हैं वहीं जिला प्रबंधन को इस बात की भनक भी नहीं है. कचरे को बेचने वाले युवक से पूछा गया कि क्या उसे इस कचरे को बेचने का अधिकार है तो उसने मना कर दिया.युवक ने बताया कि सफाई की कमाई से खर्चा बहुत ही मुश्किल से चलता है इसलिए मेडिकल कचरा बेचकर अपना गुजारा चला रहे हैं. युवक से यह भी पूछा गया कि वह इस कचरे को किससे पूछकर लाया है उसने जबाव में कहा कि किसी से भी नहीं.

सफाई कर्मचारी चोरी से बेच रहे अस्पताल का कचरा


कचरा खरीदने वाले दुकानदार से पूछा गया कि यह युवक हर दिन मेडिकल का कचरा लाता है तो जबाव में दुकानदार ने कहा कि कभी कभी. जब दुकानदार से पूछा गया कि इसे खरीदना भी गुनाह है तो दुकानदार ने कहा कि मुझे इसकी किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. मेडिकल कचरा आता है हम उसे खरीद लेते हैं.

Intro:देवास महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय के सफाई कर्मचारी ही पैसे के लिए बेचता हैं। देवास जिला अस्पताल का समान कावड़ वालेको



Body:देवास जिले का यहा अस्पताल जिसका नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है पर यहां पर काम करने वाले कर्मचारी अस्पताल का समान कावड़े वाले को बेचकर पैसा कमाने का काम कर रहे हैं एक तरफ तनखा से काम चल रहा है तो दूसरी तरफ अस्पातल का समान बेच के काम चला रहे हैं प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं



Conclusion:देवास जिला अस्पताल के सफाई कर्मचारी उमेश को जब हमारी टीम ने सरेआम कावड़े की दुकान पर देवास जिला अस्पताल का समान कावड़े की दुकान पर बेचते हुए पकड़ा तो उमेश का कहना है। खर्चा पानी के लिए मैं देवास जिला अस्पताल का समान बेच देता हूं जब उससे पूछा गया तुमको समान बेचने का हक है । तो उमेश हस्ते हुए नजर आया कई दिनों से चोरी चुपके बेच रहा है जिला अस्पताल का समान वही जब कावड़े की दुकान वाले से पूछा गया कब से यह आपको कावड़ लाकर दे रहा है दुकानदार ने बोला दो-तीन बार ला चुका है बेचने के लिए यहां पर कावड़े का सामान जब हमारी टीम ने दुकानदार से पूछा यह खरीदना अपराध है दुकानदार बोला मुझे नहीं मालूम मैं इससे दो-तीन बार कावड़े का समान खरीद चुका हूं देवास जिला अस्पताल के प्रबंधक नहीं दे रहे हैं इस और ध्यान समान ओर कावड़े में क्या-क्या बिक रहा है किसी को नहीं है इसका भनक जब हमने जिला अस्पताल के जवाबदार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया बोले दिखाते हैं हमको नहीं मालूम हटाले में क्या यह किस को बेच रहा है।



बाईट---उमेश सफाई कर्मचारी जिला अस्पताल
बाईट---मोहिन अटाले की दुकान वाले
Last Updated : Oct 23, 2019, 9:43 PM IST
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