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मोबाइल टार्च की रोशनी में किया गया किसान के शव का पोस्टमार्टम

देवास के सोनकच्छ में मृतक किसान के शव का पोस्ट मार्टम मोबाइल टार्च की रोशनी में किया गया, जिस वक्त पोस्टमार्टम किया जा रहा था उस समय पोस्टमार्टम कक्ष का दरवाजा भी बंद नहीं किया गया.

मोबाइल की लाइट में किया गया पोस्टमार्टम
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Published : Oct 7, 2019, 5:55 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 7:38 PM IST

देवास। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र से प्रशासन को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. देवास के सोनकच्छ में मृतक किसान का पोस्टमार्टम मोबाइल टार्च की रोशनी में किया गया और वो भी पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खुला रखकर.

टार्च की रोशनी में पोस्टमार्टम

दो साल पहले दो करोड़ रुपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग तो बना दी, लेकिन एक आधुनिक पोस्टमार्टम रूम का निर्माण नहीं किया गया. वर्तमान में पोस्टमार्टम रूम की हालत जर्जर होने के साथ ही वो बेहद छोटा भी है. बताया गया कि पहले यहां पोस्टमार्टम रूम बनना स्वीकृत था, लेकिन प्रदेश में नई सरकार आई तो ये काम नहीं हो सका.

जिले के सोनकच्छ थाना क्षेत्र के अंतिम ग्राम मऊ में कुएं में डूबने से एक किसान की मौत हो गई थी. पुलिस ने गांव में पहुंचकर किसान के शव को बाहर निकालकर सोनकच्छ अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया.

देवास। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र से प्रशासन को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. देवास के सोनकच्छ में मृतक किसान का पोस्टमार्टम मोबाइल टार्च की रोशनी में किया गया और वो भी पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खुला रखकर.

टार्च की रोशनी में पोस्टमार्टम

दो साल पहले दो करोड़ रुपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग तो बना दी, लेकिन एक आधुनिक पोस्टमार्टम रूम का निर्माण नहीं किया गया. वर्तमान में पोस्टमार्टम रूम की हालत जर्जर होने के साथ ही वो बेहद छोटा भी है. बताया गया कि पहले यहां पोस्टमार्टम रूम बनना स्वीकृत था, लेकिन प्रदेश में नई सरकार आई तो ये काम नहीं हो सका.

जिले के सोनकच्छ थाना क्षेत्र के अंतिम ग्राम मऊ में कुएं में डूबने से एक किसान की मौत हो गई थी. पुलिस ने गांव में पहुंचकर किसान के शव को बाहर निकालकर सोनकच्छ अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रवाना कर दिया.

Intro:यहां संवेदना भी मर गई...

सोनकच्छ अस्पताल में मोबाइल की लाइट में किया पोस्टमार्टम, वो भी दरवाजा खुला रखकर......

किसान की कुएं में डूबने से हो गई थी मौत, सोनकच्छ अस्पताल में लोग देखते रहे और कर्मचारी पोस्टमार्टम करते रहे......
Body:देवास-प्रदेश PWD एव पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा की सोनकच्छ विधानसभा मुख्यालय के स्वास्थ केंद्र में मृतक किसान का पोस्टमार्टम मोबाईल के टॉर्च की रोशनी में किया गया औऱ वो भी पोस्टमार्टम रूम का दरवाजा खुला रखकर,लोग पोस्टमार्टम देखते रहे।पोस्टमार्टम रूम की हालत जर्जर थी, टॉर्च में किया गया पोस्टमार्टम,अनुविभाग का सबसे बड़े हॉस्पिटल में 2 वर्ष पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की 2 करोड़ रुपए की लागत से एक बिल्डिंग तो बना दी लेकिन शासन ने लाखों रुपए खर्च कर एक आधुनिक पोस्टमार्टम का निर्माण नहीं किया। वर्तमान पोस्टमार्टम रूम की हालत जर्जर होने के साथ ही बेहद छोटा है। जिसके कारण डूबने से व्यक्ति मौत हुई तो उसका पोस्टमार्टम मोबाइल की टॉर्च में किया गया। पूर्व में यहां पोस्टमार्टम रूम बनना स्वीकृत था लेकिन नई सरकार आई तो यह कार्य नहीं हो सका। इस मामले को लेकर जब बीएमओ हेमंत पटेल से चर्चा करना चाही तो उनका मोबाइल कवरेज क्षेत्र से बाहर बता रहा था।दरअसल जिले के सोनकच्छ थाना क्षेत्र के अंतिम ग्राम मऊ में कुएं में डूबने से एक किसान की मौत हो गई थी। पुलिस ग्राम में पहुंचकर किसान के शव को कड़ी मशक्कत कर बाहर निकालकर सोनकच्छ अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रवाना करवाया।।पुलिस के थाना क्षेत्र के ग्राम मऊ में रहने वाले सुरेंद्र पिता दरियाव मालवीय (32) अपने घर के सामने बने कुएं पर हाथ धोने गया था। तभी वह अनियंत्रित होकर कुएं में जा गिरा। यह घटना उसके परिजनों ने देखी तो ताबड़तोड़ दौड़ें लेकिन जब तक देर हो चुकी थी कुआं गहरा होने से वह डूब गया। घटना की सूचना के बाद प्रभारी टीआई अविनाशसिंह सेंगर दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां जाकर देखा तो कुआं पानी से लबालब भरा हुआ था। साथ ही गांव में कोई तैराक भी मौजूद नहीं था। पुलिस व गांव वाले भी शव पानी के ऊपर आने का इंतजार कर रहे थे। जब समय अधिक होने लगा तो पुलिस ने एक प्रयास करते हुए सीमेंट की खाली बोरी में कुछ सामग्री भरी व बोरी के पास दरांती बांधी। बोरी व दराती में शव के पैर फंस गए जिसे धीरे-धीरे पुलिस व ग्रामीणों ने ऊपर खींच लिया। पुलिस ने उचित कार्रवाई की व शव को सोनकच्छ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां ड्यूटी डॉक्टर आदर्श ननेरिया ने उसे मृत घोषित कर दिया।


Conclusion:यहां संवेदना भी मर गई...

सोनकच्छ अस्पताल में मोबाइल की लाइट में किया पोस्टमार्टम, वो भी दरवाजा खुला रखकर......

किसान की कुएं में डूबने से हो गई थी मौत, सोनकच्छ अस्पताल में लोग देखते रहे और कर्मचारी पोस्टमार्टम करते रहे......
Last Updated : Oct 7, 2019, 7:38 PM IST
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