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लाखों का बिल बकाया फिर क्यों है वन विभाग पर बिजली विभाग मेहरबान

खातेगांव कन्नौद तहसील की पानीगांव-बिजवाड़ बिजली विभाग की लापरवाही.

लाखों का बिल बकाया फिर क्यों है वन विभाग पर बिजली विभाग मेहरबान
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Published : Aug 4, 2019, 7:42 PM IST

देवास । खातेगांव कन्नौद तहसील की पानीगांव-बिजवाड़ वन विभाग का तीन लाख से ज्यादा बिल बकाया है, इसके बावजूद बिजली विभाग मेहरबान है. बिजली विभाग की लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं है. वन विभाग की रेंज परिसर में 7 कनेक्शन हैं लेकिन एक में भी मीटर नहीं लगा है. बिजली विभाग के अधिकारियों को पता नहीं हैं कि वन विभाग में क्या-क्या उपकरण चलाये जा रहे है. फिर भी बिना मीटर के सालों से बिल थमा रहे हैं.

लाखों का बिल बकाया फिर क्यों है वन विभाग पर बिजली विभाग मेहरबान

वन विभाग का यह ऑफिस बिजवाड़ के पास इंदौर बैतूल नेशनल हाइवे पर है, जहां से विधुत विभाग के कई बड़े अधिकारी निकलते हैं, लेकिन बिजली विभाग ने न कोई बिजली बंद की और न ही राशि वसूलने की जहमत उठाई. वन विभाग के रेंजर से मीटर के बारे मे पूछा तो वह भी इधर-उधर ताकने लगे.

गरीब आम आदमी का अगर बिल बकाया होता है तो बिजली बिल विभाग के अधिकारी, कर्मचारी कनेक्शन काट देते हैं. इतना ही नहीं कुर्की कर घर का सामान भी उठा ले जाते हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि लाखों का बिल बकाया होने पर भी बिजली विभाग आखिरकार वन विभाग पर क्यों मेहरबान है.

देवास । खातेगांव कन्नौद तहसील की पानीगांव-बिजवाड़ वन विभाग का तीन लाख से ज्यादा बिल बकाया है, इसके बावजूद बिजली विभाग मेहरबान है. बिजली विभाग की लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं है. वन विभाग की रेंज परिसर में 7 कनेक्शन हैं लेकिन एक में भी मीटर नहीं लगा है. बिजली विभाग के अधिकारियों को पता नहीं हैं कि वन विभाग में क्या-क्या उपकरण चलाये जा रहे है. फिर भी बिना मीटर के सालों से बिल थमा रहे हैं.

लाखों का बिल बकाया फिर क्यों है वन विभाग पर बिजली विभाग मेहरबान

वन विभाग का यह ऑफिस बिजवाड़ के पास इंदौर बैतूल नेशनल हाइवे पर है, जहां से विधुत विभाग के कई बड़े अधिकारी निकलते हैं, लेकिन बिजली विभाग ने न कोई बिजली बंद की और न ही राशि वसूलने की जहमत उठाई. वन विभाग के रेंजर से मीटर के बारे मे पूछा तो वह भी इधर-उधर ताकने लगे.

गरीब आम आदमी का अगर बिल बकाया होता है तो बिजली बिल विभाग के अधिकारी, कर्मचारी कनेक्शन काट देते हैं. इतना ही नहीं कुर्की कर घर का सामान भी उठा ले जाते हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि लाखों का बिल बकाया होने पर भी बिजली विभाग आखिरकार वन विभाग पर क्यों मेहरबान है.

Intro:लाखो रुपये बकाया होने के बाद भी मेहरबान बिजली विभाग

खातेगांव। कन्नौद तहसील की पानीगांव-बिजवाड़ वन विभाग की रेंज में 7 कनेक्शन है जिन पर एक भी मीटर नही लगा है और यहाँ 3 लाख 23 हजार का बिल बकाया है, फिर भी बिजली विभाग इन पर मेहरबान है, जबकि गांव-गांव गरीब की झोपड़ी तक मे मीटर लगा दिए लेकिन वन विभाग की रेंज परिसर में 7 कनेक्शन पर एक भी मीटर नही लगाए।


Body:विद्युत वितरण कंपनी की मेहरबानी से वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के भवन में लाखो के बिल बकाया होने पर भी विभाग की मेहरबानी या सांठगांठ से चलाई जा रही है, बिजली विभाग के अधिकारियों को नही पता कि वहां क्या क्या उपकरण चलाये जा रहे है। फिर बिना मीटर के वर्षो बिल दे रहे है।
खास बात तो यह है कि वन विभाग के रेंजर से मीटर के बारे मे पूछा तो वह भी इधर-उधर ताकने लगे उनको भी नही पता कि बिजली के मीटर भवन से बाहर लगे है भीतर।

Conclusion:देवास जिले के वन विभाग की पानीगांव-बिजवाड़ रेंज में वनकर्मियों के रहने के लिए कई भवन बने हुए है, जहां धड़ल्ले से चल रही है बिना मीटर के बिजली। आपको बतादे वन विभाग का यह ऑफिस बिजवाड़ के पास इंदौर बैतूल नेशनल हाइवे पर है, जहां से विधुत विभाग के कई बड़े अधिकारी निकलते है। इस परिसर में कुल 7 कनेक्शन है, लेकिन मीटर एक भी नही लगा है। इन सात कनेक्शन पर 3 लाख 23 हजार का बिल बकाया है। लेकिन उसके बावजूद भी बिजली विभाग ने न कोई बिजली बंद की, ओर न ही राशि वसूलने की जहमत उठाई, जबकि एक गरीब, आम आदमी का 5 हजार या 10 हजार के बकाया बिल पर यही अधिकारी, कर्मचारी बिजली बंद कर देते है, ओर ज्यादा हुआ तो घरों से सामान उठा ले जाते है। ओर यहाँ लाखो की राशि बकाया होने के बाद भी कोई कार्रवाई नही। ओर बिजली चालू है। यह बात समझ से परे है।

इस संबंध में विविकं के डीई बीएम गुप्ता को जानकारी दी तो उन्होंने मीटर लगवाकर बकाया वसूलने की बात कही।


बाईट- बृज मोहन गुप्ता, (डीई) कार्यपालन अभियंता कन्नौद
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