भोपाल। बीजेपी के लिए मालवा क्षेत्र की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र चुनौती बनी हुई है. यह उन 39 विधानसभा सीटों में से एक है, जहां बीजेपी ने जमीन तैयान करने चुनाव के काफी पहले उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए सांवेर से चुनाव लड़ते आए राजेश सोनकर को सोनकच्छ के मैदान में उतारा है. बीजेपी के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की चुनावी जमीन छीनना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, सज्जन सिंह ने 2018 का चुनाव 9 हजार 818 वोटों के अंतर से जीता था, यह उनकी इस सीट से 5 वीं जीत थी.
बीजेपी ने बदला चेहरा, भितरघाट का खतरा: उधर बीजेपी ने जिन 39 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है, उनमें एक सोनकच्छ विधानसभा भी है. बीजेपी ने यहां इंदौर बीजेपी ग्रामीण अध्यक्ष और पूर्व विधायक राजेश सोनकर को मैदान में हैं, हालांकि यहां से पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा टिकट के लिए पूरी दम लगाए हुए थे. टिकट के ऐलान के बाद पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा समर्थकों के साथ आकर कड़ी नाराजगी जता चुके हैं, आगामी चुनाव में बीजेपी को अंदरूनी विरोद्ध से भी जूझना पड़ सकता है.
राजेश सोनकर 2013 में सांवेर से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछला चुनाव वे सांवेर सीट से कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट से हार गए थे. 2020 में सिलावट सिंधिया के साथ बीजेपी में आ गए, इसलिए पार्टी ने सोनकर को सोनकच्छ में शिफ्ट किया गया है. सोनकर को यहां अपनी जमीन मजबूत करने काफी पसीना बहाना होगा, कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने टोंक खुर्द और सोनकच्छ में कार्यकर्ताओं का तगड़ा नेटवर्क खड़ा किया है. हालांकि क्षेत्र में सड़क, पानी और दूसरी सरकारी योजनाएं जमीन पर नहीं उतर सकीं, कांग्रेस नेता इसका पूरा ठीकरा बीजेपी सरकार पर ही फोड़ते हैं.
सोनकच्छ की कांग्रेस की जमीन मजबूत: सोनकच्छ देवास जिले की तहसील है, जो इंदौर-भोपाल हाइवे पर स्थित और नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में बटी हुई है. सोनकच्छ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है, यहां 40 फीसदी मतदाता अनुसूचित, जबकि 40 फीसदी मतदाता ठाकुर हैं, इन दोनों जाति के मतदाता निर्णायक साबित होते हैं. सोनकच्छ में कुल 2 लाख 27 हजार 520 मतदाता हैं, इसमें से 1,17,680 पुरूष मतदाता, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,09,839 और 1अन्य शामिल हैं.