देवास। जिले में किसानों को वितरित की जाने वाली आपदा राहत राशि में करीब 1 करोड़ 61 लाख का घोटाला सामने आया है. इस मामले में 35 पटवारी और तहसील के कुछ कर्मचारी जांच के दायरे में आए थे. कलेक्टर ने 7 पटवारी और एक लिपिक को निलंबित कर दिया है. इन पटवारियों ने अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के खाते में यह राशि डाल ली थी. इस मामले की अभी जांच चल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में अभी कुछ और कर्मचारी लपेटे में आएंगे.
4 साल के अंदर हुआ घोटाला : दरअसल, 2018 से 2022 के बीच देवास जिले के किसानों को प्राकृतिक आपदा के तहत वितरित की जाने वाली राशि का सीएजी द्वारा आडिट किया गया था. सीएजी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में करीब 1 करोड़ 61 लाख का घोटाला निकलकर सामने आया था. इस मामले में कलेक्टर ऋषव गुप्ता का कहना है कि गबन की गई राशि में से करीब 1 करोड़ 10 लाख की राशि वसूल कर ली गई है. गबन करने वाले ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 5 लाख या उससे अधिक का गबन किया हैं, उन्हें निलंबित किया गया है.
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अन्य कर्मचारी भी जांच के दायरे में : इसके साथ ही इस घोटााले में और जो भी कर्मचारी शामिल हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस घोटाले को लेकर जिले के प्रशासनिक हल्के में हड़कंप है. मामले की जांच अभी चल रही है. गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदा के तहत किसानो को दी जाने वाली राहत राशि में अक्सर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन इतने व्यापक स्तर पर घोटाला पहली बार सामने आया है. संभावना है कि इस घोटाले में कुछ अफसर भी शामिल हो सकते हैं.