इंदौर (एएनआई)। देवास जिले के एक गांव में जिस तेंदुए के साथ ग्रामीणों को खेलते और सेल्फी लेते देखा गया था, वह गंभीर रूप से बीमार पाया गया है और उसका इलाज इंदौर में चल रहा है. इंदौर के पशु चिकित्सालय के एक अधिकारी ने कहा, ''देवास वन विभाग की एक टीम बुधवार सुबह करीब 10:00 बजे इस तेंदुए को लेकर इंदौर के कमला नेहरू प्राणि संग्रहालय आई और हमने इसका इलाज शुरू किया. जो प्राथमिक लक्षण सामने आए हैं हमारा ध्यान न्यूरोलॉजिकल विकारों पर है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें या तो रेबीज का डंप किया हुआ रूप या कैनाइन डिस्टेंपर वायरस शामिल है.
किसी पर हमला नहीं करता तेंदुआ: कमला नेहरू प्राणि संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने को एएनआई को बताया, ''तेंदुए के वायरल वीडियो में देखा गया कि वह न तो दहाड़ता है और न ही किसी पर हमला करता है. ग्रामीण तेंदुए के साथ गाय के बछड़े जैसा व्यवहार कर रहे थे.'' यादव ने कहा, ऐसे मामले तंत्रिका संबंधी विकारों में देखे गए हैं जब जानवर अपनी पहचान भूल जाता है.'' पशुचिकित्सक ने आगे कहा, तेंदुए की आंखों में आंशिक अंधापन भी दिखाई देता है. जब तेंदुआ यहां आया तो उसे हर आधे घंटे में दौरे पड़ रहे थे, जो मिर्गी जैसे थे, पूरा शरीर अकड़ रहा था, उसका तापमान भी बढ़ गया था जिसे नियंत्रण में कर लिया गया. काफी देर तक भूखे-प्यासे रहने के कारण डिहाइड्रेशन भी हो गया था.''
जबलपुर फॉरेंसिक टीम ने लिए नमूने: डॉ. उत्तम यादव ने कहा ''पिछले 24 घंटों में तेंदुए के मिर्गी के दौरे कम हो गए हैं लेकिन इसकी हालत गंभीर है. स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर की टीम ने भी यहां पहुंचकर जांच के लिए इसके नमूने एकत्र किए हैं.'' उन्होंने कहा, ''इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की टिप्पणी की जा सकती है. तेंदुए की उम्र करीब 10 साल है और उसके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है. यह कहना मुश्किल है कि यह बच पाएगा या नहीं. लेकिन पिछले 24 घंटों में इसकी सेहत में सुधार हुआ है. वे देश के आधुनिक विशेषज्ञों के संपर्क में हैं और उनकी सलाह भी ली जा रही है.'' (एएनआई)