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हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर जाने को मजबूर मजदूर, खोखले साबित हो रहे प्रशासन के दावे

देवास में एक निजी कंपनी में काम कर रहे 38 मजदूर लॉकडाउन में मदद नहीं मिल पाने से परेशान हैं. अब सभी मजदूर कंपनी से मदद नहीं मिलने पर पैदल ही अपने घर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर निकल पड़े हैं. भूखे-प्यासे पैदल जाते देख खातेगांव में स्थानीय लोगों ने इन मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था कीऔर निजी वाहन से कुसमानिया क्षेत्र तक छोड़ा.

Migrant laborers
प्रवासी मजदूर
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Published : May 10, 2020, 2:12 PM IST

देवास। खातेगांव के उदयनगर-पुंजापुरा क्षेत्र में एक निजी कंपनी में काम करने वाले 38 मजदूर लॉकडाउन में अपने घर के लिए पैदल निकल पड़े. मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं होने से ये लोग परेशान थे. मजदूरों का आरोप है कि इन्हे मजदूरी के पैसे भी नहींं मिले. प्रवासी मजदूरों हालत देखकर पूर्व सरपंच नर्मदा बाई शर्मा सुन्द्रेल ने स्थानीय लोगों की मदद से इनके लिए खाने की व्यवस्था कराई. बाद में इन्हे निजी वाहन से कुसमानिया क्षेत्र तक छोड़ा गया. जहां से आगे सभी मजदूर पैदल ही अपने गांव यूपी के लिए निकल गए.

पैदल चलकर घर जाने को मजबूर मजदूर

परिवार को छोड़कर इतनी दूर आकर कंपनी में काम कर रहे मजदूरों का कहना था कि वे सभी जीवन-यापन के लिए यहां आए थे. सभी उत्तर प्रदेश कुशीनगर के रहने वाले हैं. कंपनी ने राशन-पानी की भी व्यवस्था नहीं कराई जिससे उनके भूखे रहने की स्थिति आ गई. सभी सुबह से ही भूखे प्यासे निकले थे.

भाजपा नेता जगदीश प्रसाद शर्मा सुन्द्रेल ने बताया पिछले कई महीनों से इस इलाके में कंपनी नर्मदा पाइप लाइन डालने का कार्य मजदूरों से ले रही थी. मगर अब लॉक डाउन में इन 38 मजदूरों के सामने 42 डिग्री की गर्मी में पैदल घर के लिए निकलना मजबूरी थी. मजदूरों ने कंपनी से उन्हें घर भेजने की गुहार भी लगाई लेकिन कंपनी के अधिकारियों की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. मजदूरों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी मदद मांगी लेकिन निराशा ही हाथ लगी. अब वे मजबूरी में अपने घर हजारों किलोमीटर पैदल जा रहे हैं.

देवास। खातेगांव के उदयनगर-पुंजापुरा क्षेत्र में एक निजी कंपनी में काम करने वाले 38 मजदूर लॉकडाउन में अपने घर के लिए पैदल निकल पड़े. मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं होने से ये लोग परेशान थे. मजदूरों का आरोप है कि इन्हे मजदूरी के पैसे भी नहींं मिले. प्रवासी मजदूरों हालत देखकर पूर्व सरपंच नर्मदा बाई शर्मा सुन्द्रेल ने स्थानीय लोगों की मदद से इनके लिए खाने की व्यवस्था कराई. बाद में इन्हे निजी वाहन से कुसमानिया क्षेत्र तक छोड़ा गया. जहां से आगे सभी मजदूर पैदल ही अपने गांव यूपी के लिए निकल गए.

पैदल चलकर घर जाने को मजबूर मजदूर

परिवार को छोड़कर इतनी दूर आकर कंपनी में काम कर रहे मजदूरों का कहना था कि वे सभी जीवन-यापन के लिए यहां आए थे. सभी उत्तर प्रदेश कुशीनगर के रहने वाले हैं. कंपनी ने राशन-पानी की भी व्यवस्था नहीं कराई जिससे उनके भूखे रहने की स्थिति आ गई. सभी सुबह से ही भूखे प्यासे निकले थे.

भाजपा नेता जगदीश प्रसाद शर्मा सुन्द्रेल ने बताया पिछले कई महीनों से इस इलाके में कंपनी नर्मदा पाइप लाइन डालने का कार्य मजदूरों से ले रही थी. मगर अब लॉक डाउन में इन 38 मजदूरों के सामने 42 डिग्री की गर्मी में पैदल घर के लिए निकलना मजबूरी थी. मजदूरों ने कंपनी से उन्हें घर भेजने की गुहार भी लगाई लेकिन कंपनी के अधिकारियों की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. मजदूरों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी मदद मांगी लेकिन निराशा ही हाथ लगी. अब वे मजबूरी में अपने घर हजारों किलोमीटर पैदल जा रहे हैं.

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