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जनपद CEO ने पेश की मानवता की मिसाल, विकलांग दंपत्ति को पहुंचाया घर

विकलांग दंपत्ति को बागली मुख्यालय से ट्राई साइकिल मिली थी, लेकिन उसे ले जाने की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके बाद दिव्यांग महिला का पति अपनी ट्राई साइकिल से पत्नी की ट्राई साइकिल बांधी और अपने गांव के लिए जाने लगा, इसी बीच किसी ने जनपद पंचायत के सीईओ अमित व्यास को सूचना दी. जिसके बाद अमित व्यास ने लोडिंग वाहन से उन्हें गांव छोड़वाया.

Divyang couple
विकलांग दंपत्ति
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Published : Dec 30, 2020, 2:30 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 2:50 PM IST

देवास। कड़कड़ाती सर्दी और घनघोर अंधेरे में सुनसान सड़क पर, दिव्यांग पत्नी की ट्राई साइकिल को अपनी ट्राई साइकिल से बांधकर खींचते बीमार दिव्यांग को जिसने भी देखा, वो दांतों तले उंगली दबा लिया, दिव्यांग दंपति की मंजिल दूर थी, पर जाना जरूरी था. लिहाजा उनके पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था.

विकलांग दंपत्ति
  • जनपद सीईओ ने दिखाई मानवता

जब रात के अंधेरे में ये दंपति सड़क पर जिंदगी की गाड़ी खींचते हुए जा रहा था, तभी किसी की नजर उस पर पड़ी और उसने फौरन बागली जनपद सीईओ अमित कुमार व्यास को इसकी सूचना दी. जिसके बाद मानवता दिखाते हुए जनपद सीईओ तुरंत मौके पर पहुंचे और दोनों विकलांग दंपत्ति को लोडिंग वाहन से घर पहुंचाया.

  • सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग ने दी ट्राई साइकिल

देवास के बागली अनुभाग से 13 किमी दूर ग्राम मतमोर के सखाराम और सीता पति पत्नी होकर दोनों ही दिव्यांग हैं. कोरोना संक्रमण के पूर्व सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग ने दिव्यांगजनों के लिए चिकित्सकीय शिविर लगाए थे, जिसके अंतर्गत दोनों को ट्राई साइकिल दी गई थी, दिव्यांग दंपति लॉक डाउन के कारण अपनी ट्राई साइिकल नहीं ले जा पाए थे. लॉकडाउन के बाद विभाग द्वारा दिव्यांगों को फोन लगाकर उन्हे बागली जनपद कार्यालय बुलाया गया, जहां सीताबाई पहुंच गई जबकि सखाराम बीमार होने के कारण देर से पहुंचा.

  • दंपति के पास गांव जाने का नहीं था कोई साधन

अधिक समय होने से शाम की आखरी बस भी निकल गई. वहीं पत्नी को साइिकल चलना भी नहीं आता था. इस पर बीमार सखाराम ने अपनी पत्नी सीताबाई की साइकिल को एक रस्सी की सहायता से बांधकर अपने गांव की ओर चल दिया. अधिक शाम होने ठिठुरन भरी ठंड में बड़ी मशक्कत से सखाराम अपनी पत्नी की साइकिल को खींचते चला जा रहा था, तभी किसी राहगीर ने दिव्यांग दंपति को जाते देखा, उसने तुरंत जनपद पंचायत के सीईओ अमित व्यास को सूचना दी.

  • दंपति को कंबल दिया गया कंबल

सूचना मिलते ही व्यास बागली चापड़ा मार्ग पर लगभग 1 किमी का सफर तय कर चुके दंपति के पास पहुंचे और मानवता दिखाते हुए तुरंत लोडिंग वाहन की व्यवस्था की और दंपति एवं दोनों साइकिल को मातमोर गांव भेजने की व्यवस्था की, यही नहीं ठंड से ठिठुरते दंपति को कंबल भी दिए गए.

  • अमित व्यास बने मिसाल

बागली सीईओ अमित कुमार व्यास ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने परिवार से बिछड़े हुए बच्चों को मिलाने में अपनी ओर से काफी मदद की थी. व्यास द्वारा इस तरह के कार्यों के क्षेत्र में हर कोई प्रशंसा करते नहीं थकता है.

देवास। कड़कड़ाती सर्दी और घनघोर अंधेरे में सुनसान सड़क पर, दिव्यांग पत्नी की ट्राई साइकिल को अपनी ट्राई साइकिल से बांधकर खींचते बीमार दिव्यांग को जिसने भी देखा, वो दांतों तले उंगली दबा लिया, दिव्यांग दंपति की मंजिल दूर थी, पर जाना जरूरी था. लिहाजा उनके पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था.

विकलांग दंपत्ति
  • जनपद सीईओ ने दिखाई मानवता

जब रात के अंधेरे में ये दंपति सड़क पर जिंदगी की गाड़ी खींचते हुए जा रहा था, तभी किसी की नजर उस पर पड़ी और उसने फौरन बागली जनपद सीईओ अमित कुमार व्यास को इसकी सूचना दी. जिसके बाद मानवता दिखाते हुए जनपद सीईओ तुरंत मौके पर पहुंचे और दोनों विकलांग दंपत्ति को लोडिंग वाहन से घर पहुंचाया.

  • सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग ने दी ट्राई साइकिल

देवास के बागली अनुभाग से 13 किमी दूर ग्राम मतमोर के सखाराम और सीता पति पत्नी होकर दोनों ही दिव्यांग हैं. कोरोना संक्रमण के पूर्व सामाजिक न्याय और निःशक्तजन कल्याण विभाग ने दिव्यांगजनों के लिए चिकित्सकीय शिविर लगाए थे, जिसके अंतर्गत दोनों को ट्राई साइकिल दी गई थी, दिव्यांग दंपति लॉक डाउन के कारण अपनी ट्राई साइिकल नहीं ले जा पाए थे. लॉकडाउन के बाद विभाग द्वारा दिव्यांगों को फोन लगाकर उन्हे बागली जनपद कार्यालय बुलाया गया, जहां सीताबाई पहुंच गई जबकि सखाराम बीमार होने के कारण देर से पहुंचा.

  • दंपति के पास गांव जाने का नहीं था कोई साधन

अधिक समय होने से शाम की आखरी बस भी निकल गई. वहीं पत्नी को साइिकल चलना भी नहीं आता था. इस पर बीमार सखाराम ने अपनी पत्नी सीताबाई की साइकिल को एक रस्सी की सहायता से बांधकर अपने गांव की ओर चल दिया. अधिक शाम होने ठिठुरन भरी ठंड में बड़ी मशक्कत से सखाराम अपनी पत्नी की साइकिल को खींचते चला जा रहा था, तभी किसी राहगीर ने दिव्यांग दंपति को जाते देखा, उसने तुरंत जनपद पंचायत के सीईओ अमित व्यास को सूचना दी.

  • दंपति को कंबल दिया गया कंबल

सूचना मिलते ही व्यास बागली चापड़ा मार्ग पर लगभग 1 किमी का सफर तय कर चुके दंपति के पास पहुंचे और मानवता दिखाते हुए तुरंत लोडिंग वाहन की व्यवस्था की और दंपति एवं दोनों साइकिल को मातमोर गांव भेजने की व्यवस्था की, यही नहीं ठंड से ठिठुरते दंपति को कंबल भी दिए गए.

  • अमित व्यास बने मिसाल

बागली सीईओ अमित कुमार व्यास ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने परिवार से बिछड़े हुए बच्चों को मिलाने में अपनी ओर से काफी मदद की थी. व्यास द्वारा इस तरह के कार्यों के क्षेत्र में हर कोई प्रशंसा करते नहीं थकता है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 2:50 PM IST
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