देवास। सरकारें भले ही विकास के दावे करे, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. आज भी कई गांव विकास की बांट जोह रहे हैं. ऐसा ही मामला खातेगांव जनपद की ककड़दी ग्राम पंचायत के नंदाडाई गांव में सामने आया है. यहां के लोगों ने विकास का नाम सुना है, लेकिन विकास क्या होता है इन्हें नहीं पता. आदिवासी बाहुल्य गांव पूरी तरह खेती कार्य पर निर्भर हैं, लेकिन यहां खेत पर जाने का रास्ता नहीं होने से समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जब किसी ने सुनवाई नहीं की तो किसानों ने स्वयं के खर्च से मार्ग पर मुरम व पत्थर डलवाना शुरू किए हैं. खास बात ये है कि लॉकडाउन में जहां लोग घरों में बैठे हैं, वहीं इन किसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने लिए सड़क बनान में जुटे हुए हैं.
सभी किसानों मिलकर इस कच्चे रास्ते में पत्थर डाल रहे हैं. जिससे बरसात के दिनों कम से कम वे खेतों तक तो पहुंच सकें. अब तक करीब 50 ट्रॉली पत्थर डाले गए हैं. इस काम को करने में किसान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रख रहे हैं.
मामले में सरपंच राधेश्याम बारेला से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि ये किसानों की गंभीर समस्या है. इस संबंध में पंचायत ने खेत सड़क योजना के लिए प्रस्ताव बनाकर दिया है. लेकिन सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण सड़क स्वीकृत नहीं हुई है. ग्रामीणों ने तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह को भी इस मामले से अवगत कराया था. मौके पर कुछ किसानों ने तार फेंसिंग कर अतिक्रमण किया हुआ है.