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फसल बीमा में हुए भेदभाव को लेकर, पूर्व विधायक ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

खातेगांव में वर्ष 2018 किसानों को खरीफ बीमा की राशि नामात्र के बराबर मिली थी, जिसे लेकर किसानों में आक्रोश था. वहीं किसानों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर पूर्व विधायक ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

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Published : May 23, 2020, 10:47 PM IST

Former MLA submitted memorandum to Governor
फसल बीमा में हुए भेदभाव को लेकर, पूर्व विधायक ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

देवास। जिले के खातेगांव में वर्ष 2018 के खरीफ बीमा की राशि नाम मात्र की मिली है, जिसे लेकर किसानों में आक्रोश है. वहीं खातेगांव विधानसभा के किसानों के साथ हुए भेदभाव को लेकर पूर्व विधायक कैलाश कुंडल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर राज्यपाल के नाम एसडीएम कैलाश चंद्र परते को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही खातेगांव विधानसभा की सेवा सहकारी संस्थाओं में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की है.

Demand for justice by submitting memorandum to different places
अलग अलग स्थानों पर जाकर ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि वर्ष 2018 में भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसल 70 से 80 प्रतिशत तक खराब हो गई थी. जिसके बाद किसानों के साथ मिलकर कांग्रेस ने आंदोलन कर सर्वे की मांग की थी, जिसके आधार पर क्षेत्र सूखाग्रस्त व जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया था. जिसके बाद देवास जिले के 75,782 किसानों के लिए 1 अरब 40 करोड 9 लाख 85 हजार 824 रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें से खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की कन्नौद और खातेगांव तहसील के 968 किसानों को केंद्रीय सहकारी बैंक और व्यवसायिक बैंकों ने 1 करोड़ 43 लाख 52 हजार 353 रुपए स्वीकृत की.

वहीं निम्नलिखित मांगों पर विचार करने की मांग भी की है:

1 . वर्ष 2018 में जो सर्वे हुआ था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.

2 . संपूर्ण जिले का वर्ष 2018 मे सोयाबीन का रकबा व उत्पादन कितना हुआ, क्षेत्रवार उसकी जानकारी दे

3 . सर्वे में पाई गई त्रुटियों के आधार पर बचे हुए किसानों को भी बीमा दिया जाए.

ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि मध्यप्रदेश शासन को तत्काल निर्देशित कर 15 दिन के अंदर क्षेत्र के किसानों को सही स्थिति से अवगत कराया जाए, वरना मजबूरी में क्षेत्र के कांग्रेस जनो, किसानों और किसान संगठनों को सड़कों पर आकर आदोलन करना होगा. वहीं उन्होंने कहा है कि आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन की होगी. साथ ही ज्ञापन में लिखा गया कि इस माध्यम से क्षेत्र के किसानों को समय सीमा पर न्याय मिलेगा.

देवास। जिले के खातेगांव में वर्ष 2018 के खरीफ बीमा की राशि नाम मात्र की मिली है, जिसे लेकर किसानों में आक्रोश है. वहीं खातेगांव विधानसभा के किसानों के साथ हुए भेदभाव को लेकर पूर्व विधायक कैलाश कुंडल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर राज्यपाल के नाम एसडीएम कैलाश चंद्र परते को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही खातेगांव विधानसभा की सेवा सहकारी संस्थाओं में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की है.

Demand for justice by submitting memorandum to different places
अलग अलग स्थानों पर जाकर ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि वर्ष 2018 में भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसल 70 से 80 प्रतिशत तक खराब हो गई थी. जिसके बाद किसानों के साथ मिलकर कांग्रेस ने आंदोलन कर सर्वे की मांग की थी, जिसके आधार पर क्षेत्र सूखाग्रस्त व जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया था. जिसके बाद देवास जिले के 75,782 किसानों के लिए 1 अरब 40 करोड 9 लाख 85 हजार 824 रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें से खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की कन्नौद और खातेगांव तहसील के 968 किसानों को केंद्रीय सहकारी बैंक और व्यवसायिक बैंकों ने 1 करोड़ 43 लाख 52 हजार 353 रुपए स्वीकृत की.

वहीं निम्नलिखित मांगों पर विचार करने की मांग भी की है:

1 . वर्ष 2018 में जो सर्वे हुआ था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.

2 . संपूर्ण जिले का वर्ष 2018 मे सोयाबीन का रकबा व उत्पादन कितना हुआ, क्षेत्रवार उसकी जानकारी दे

3 . सर्वे में पाई गई त्रुटियों के आधार पर बचे हुए किसानों को भी बीमा दिया जाए.

ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि मध्यप्रदेश शासन को तत्काल निर्देशित कर 15 दिन के अंदर क्षेत्र के किसानों को सही स्थिति से अवगत कराया जाए, वरना मजबूरी में क्षेत्र के कांग्रेस जनो, किसानों और किसान संगठनों को सड़कों पर आकर आदोलन करना होगा. वहीं उन्होंने कहा है कि आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन की होगी. साथ ही ज्ञापन में लिखा गया कि इस माध्यम से क्षेत्र के किसानों को समय सीमा पर न्याय मिलेगा.

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