देवास। खातेगांव के कन्नौद सिविल अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते प्रसूता के मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने नर्स पर महिला की देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टरों कहना है कि डिलीवरी के बाद महिला ज्यादा खून बह गया जिससे उसकी मौत हुई है.
गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी थी और हाल ही में महिला डॉक्टर लक्ष्मी नागदेव मई माह में सेवानिवृत्त हो गईं. वहीं एक और डॉक्टर अरुण पांडे का भी हाल ही मे तबादला इंदौर हो गया अस्पताल में एक महिला डॉक्टर मेघा पटेल को बीएमओ का प्रभार दिया गया है जो अन्य जगह भी कार्यरत हैं और मौजूदा समय वे निजी कार्य से अवकाश पर हैं. ऐसे में सिविल अस्पताल की जिम्मेदारी डॉ दीपक यादव एवं विवेक अहिरवाल के ऊपर है.
कन्नौद का सिविल अस्पताल ब्लॉक स्तरीय होने के साथ-साथ 30 बिस्तरों का है. सोमवार की रात गांव कलवार निवासी गर्भवती महिला द्रोपता बाई पति के साथ प्रसूति के लिए सिविल अस्पताल आई. जहां प्रसूति के दौरान महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. वह बच्चा स्वस्थ है लेकिन डिलीवरी के कुछ घण्टे बाद महिला की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. और अस्पताल की नर्सों पर अभद्रता एवं लापरवाही का आरोप लगाया है.
मृतका के पति का कहना है की स्टाफ की लापरवाही से मेरी पत्नी की मौत हुई है. अस्पताल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते मुझे बता दिया जाता तो मैं उसे अन्य अस्पताल ले जाता जिससे मेरी पत्नी की मौत नहीं होती. वहीं इस संबंध में डॉ. विवेक अहिरवार का कहना है कि जिस समय द्रोपता बाई को लाया गया था और उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया था. महिला की डिलीवरी भी नॉर्मल हुई थी. अधिक रक्तस्राव होने की वजह से संभवत महिला कि मौत हुई है. महिला का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत की असली वजह पता चलेगा.