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कन्नौद सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की हुई मौत, परिजनों ने जमकर मचाया हंगामा

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Published : Aug 7, 2019, 5:26 AM IST

देवास जिले के खातेगांव के कन्नौद सिविल अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की जान चली गई. महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था. महिला की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

परिजनों ने जमकर मचाया हंगामा

देवास। खातेगांव के कन्नौद सिविल अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते प्रसूता के मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने नर्स पर महिला की देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टरों कहना है कि डिलीवरी के बाद महिला ज्यादा खून बह गया जिससे उसकी मौत हुई है.

कन्नौद सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की हुई मौत

गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी थी और हाल ही में महिला डॉक्टर लक्ष्मी नागदेव मई माह में सेवानिवृत्त हो गईं. वहीं एक और डॉक्टर अरुण पांडे का भी हाल ही मे तबादला इंदौर हो गया अस्पताल में एक महिला डॉक्टर मेघा पटेल को बीएमओ का प्रभार दिया गया है जो अन्य जगह भी कार्यरत हैं और मौजूदा समय वे निजी कार्य से अवकाश पर हैं. ऐसे में सिविल अस्पताल की जिम्मेदारी डॉ दीपक यादव एवं विवेक अहिरवाल के ऊपर है.

कन्नौद का सिविल अस्पताल ब्लॉक स्तरीय होने के साथ-साथ 30 बिस्तरों का है. सोमवार की रात गांव कलवार निवासी गर्भवती महिला द्रोपता बाई पति के साथ प्रसूति के लिए सिविल अस्पताल आई. जहां प्रसूति के दौरान महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. वह बच्चा स्वस्थ है लेकिन डिलीवरी के कुछ घण्टे बाद महिला की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. और अस्पताल की नर्सों पर अभद्रता एवं लापरवाही का आरोप लगाया है.


मृतका के पति का कहना है की स्टाफ की लापरवाही से मेरी पत्नी की मौत हुई है. अस्पताल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते मुझे बता दिया जाता तो मैं उसे अन्य अस्पताल ले जाता जिससे मेरी पत्नी की मौत नहीं होती. वहीं इस संबंध में डॉ. विवेक अहिरवार का कहना है कि जिस समय द्रोपता बाई को लाया गया था और उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया था. महिला की डिलीवरी भी नॉर्मल हुई थी. अधिक रक्तस्राव होने की वजह से संभवत महिला कि मौत हुई है. महिला का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत की असली वजह पता चलेगा.

देवास। खातेगांव के कन्नौद सिविल अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही के चलते प्रसूता के मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने नर्स पर महिला की देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टरों कहना है कि डिलीवरी के बाद महिला ज्यादा खून बह गया जिससे उसकी मौत हुई है.

कन्नौद सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की हुई मौत

गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी थी और हाल ही में महिला डॉक्टर लक्ष्मी नागदेव मई माह में सेवानिवृत्त हो गईं. वहीं एक और डॉक्टर अरुण पांडे का भी हाल ही मे तबादला इंदौर हो गया अस्पताल में एक महिला डॉक्टर मेघा पटेल को बीएमओ का प्रभार दिया गया है जो अन्य जगह भी कार्यरत हैं और मौजूदा समय वे निजी कार्य से अवकाश पर हैं. ऐसे में सिविल अस्पताल की जिम्मेदारी डॉ दीपक यादव एवं विवेक अहिरवाल के ऊपर है.

कन्नौद का सिविल अस्पताल ब्लॉक स्तरीय होने के साथ-साथ 30 बिस्तरों का है. सोमवार की रात गांव कलवार निवासी गर्भवती महिला द्रोपता बाई पति के साथ प्रसूति के लिए सिविल अस्पताल आई. जहां प्रसूति के दौरान महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. वह बच्चा स्वस्थ है लेकिन डिलीवरी के कुछ घण्टे बाद महिला की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. और अस्पताल की नर्सों पर अभद्रता एवं लापरवाही का आरोप लगाया है.


मृतका के पति का कहना है की स्टाफ की लापरवाही से मेरी पत्नी की मौत हुई है. अस्पताल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते मुझे बता दिया जाता तो मैं उसे अन्य अस्पताल ले जाता जिससे मेरी पत्नी की मौत नहीं होती. वहीं इस संबंध में डॉ. विवेक अहिरवार का कहना है कि जिस समय द्रोपता बाई को लाया गया था और उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया था. महिला की डिलीवरी भी नॉर्मल हुई थी. अधिक रक्तस्राव होने की वजह से संभवत महिला कि मौत हुई है. महिला का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत की असली वजह पता चलेगा.

Intro:प्रसूति के बाद हुई महिला की मौत, परिजनों ने नर्स पर लगाये लापरवाही के आरोप

खातेगांव। कन्नौद के सिविल अस्पताल में इन दिनों बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है कन्नौद के सिविल अस्पताल का तो भगवान ही मालिक है।सिविल अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी थी और पदस्थ महिला डॉक्टर लक्ष्मी नागदेव मई माह में सेवानिवृत्त हो गई वही एक और डॉक्टर अरुण पांडे का भी हाल ही मे तबादला इंदौर हो गया अस्पताल में एक महिला डॉक्टर मैघा पटेल को बीएमओ का प्रभार दिया है जो अन्य जगह भी पदस्थ है। वे भी निजी कार्य से अवकाश पर है ऐसे में सिविल अस्पताल की जिम्मेदारी डॉ दीपक यादव एवं विवेक अहिरवाल के ऊपर है।


Body:कन्नौद का सिविल अस्पताल ब्लॉक स्तरीय होकर 30 बिस्तरों का है एक ताजा उदाहरण सोमवार रात्रि में समीप के गांव कलवार निवासी गर्भवती महिला द्रोपता बाई पति विक्रमसिंह का सामने आया है। यहां प्रसूति के दौरान महिला ने बच्चे को जन्म दिया। वह स्वास्थ्य है लेकिन प्रसूति के कुछ घण्टे बाद महिला की तबियत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। महिला की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। और अस्पताल की नर्सो पर अभद्रता एवं लापरवाही का आरोप लगाया। मृतिका के पति का कहना है की स्टाफ की लापरवाही से मेरी पत्नी की मौत हो गई है इस संबंध में पति ने बताया कि रात्रि को मेरी पत्नी को अस्पताल कन्नोद लाए थे और अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने रात में दर्द होने के बाद भी बड़ी लापरवाही बरती जिसका परिणाम क्या रहा कि मंगलवार दोपहर 2:00 बजे मेरी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया और उसके 1 घंटे बाद मेरी पत्नी की दर्दनाक मौत हो गई सीधा सीधा आरोप अस्पताल स्टॉप पर लगाते हुए लापरवाही बताई गई है यदि समय रहते मुझे बता दिया जाता तो मैं उसे अन्यत्र इंदौर देवास ले जाता जिससे मेरी पत्नी की मौत नहीं होती।



Conclusion:इस संबंध में डॉ.विवेक अहिरवार का कहना है कि
जिस समय द्रोपता बाई को लाया गया था और उसका तुरंत इलाज भी शुरू कर दिया गया था। महिला की डिलीवरी भी नॉर्मल हुई थी। अधिक रक्तस्राव होने की वजह से संभवत मौत हुई है।महिला का पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत की असली वजह पता चलेगी।

बाईट-1 डॉ.विवेक अहिरवार सिविल अस्पताल कन्नौद

2 विक्रमसिंह, मृतिका का पति
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