खातेगांव/देवास। कन्नौद जनपद पंचायत की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के बाशिंदे इन दिनों मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं. आजादी के 70 साल बाद भी गांव में पहुंचने के लिए सड़क नही होने से गांव में आवागमन बंद जैसा ही है. इसके कारण ग्रामीणों को न तो समय पर इलाज मिलता है न ही स्कूली बच्चों को शिक्षा मिल रही है. इतना ही नहीं खराब सड़क की वजह से दूसरे गांव के लोग गांव में रिश्ता नहीं जोड़ना चाहते हैं जिसके चलते बहुत से लड़के लड़कियां कुंवारे हैं जिसको लेकर ग्रामीण ग्राम पंचायत बावड़ी खेड़ा के मजरा गांव बड़ी कराड के सैकड़ों ग्रामीण कन्नौद एसडीएम कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा सुनाई.
ज्ञापन में बताया कि ग्रामीण पिछले 25 सालों से सड़क की मांग कर करते रहे हैं. आदिवासी क्षेत्र होने के कारण जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है ग्राम बड़ी कराड में जनसंख्या लगभग 1500 है और यहां पर 800 वोटर है फिर भी मजरा टोला कहकर इस गांव का विकास नही किया जा रहा.
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में पहले जो राजनेता आता है सड़क निर्माण का आश्वासन देकर जाता है लेकिन पिछले 25 सालों से चुनाव जीतने के बाद भी कोई भी पर जनप्रतिनिधि राजनेता नहीं आया. चुनाव जीतने के बाद दोबारा पीछे मुड़कर हमारे गांव की ओर नहीं देखा. गांव में सड़क ना होने के कारण समय पर अस्पताल ना पहुंचने के कारण हर साल कई ग्रामीण काल के मुंह में समा जाते हैं.
कुछ दिन पूर्व ग्रामीण नवल सिंह पिता फक्कड़ सिंह को सांप काट लिए जाने से अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई सड़क ना होने के कारण गांव में बीमार लोगों को 4 किलोमीटर झोली में डाल कर ले जाना पड़ता है जिससे कि पीड़ित को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सकता ऐसी ही घटना कुछ दिन पहले गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई उसे भी इसी प्रकार झोली में डालकर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया गया लेकिन खराब सड़क के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका अंत में सड़क पर ही बच्चे का जन्म दिया.
कक्षा आठवीं के बाद गांव के बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है खराब रास्ता एवं नदी नाले के कारण पूरी बारिश बच्चे स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं माता-पिता द्वारा बच्चों को किसी तरह स्कूल भी पहुंचा दिया जाता है तो खराब सड़क और नदी नालों पर पुल ना होने की वजह से हमेशा डर बना रहता है. खराब सड़क के कारण रिश्तेदार भी गांव में आने जाने में संकोच करते हैं बारिश के दिनों में किसान खाद बीज लेने जाने में असमर्थ हो जाता है जिससे यहां किसानों की हालत खराब हो गई.