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हाटपीपल्या में मनाया गया डोल ग्यारस, तैराई गई भगवान नृसिंह की प्रतिमा - Dole Gyrus Hatpipalya

देवास जिले के हाटपीपल्या में डोल ग्यारस का पर्व मनाया गया. इस दौरान भगवान नृसिंह की प्रतिमा को पानी में तैराया गया.

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तैराई भगवान नृसिंह की प्रतिमा
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Published : Aug 30, 2020, 12:06 PM IST

देवास। जिले के हाटपीपल्या में भगवान नृसिंह की साढ़े सात किलो वजनी पाषाण प्रतिमा भमोरी नदी में तीन बार तैराई गई. बता दें हर साल डोल ग्यारस के अवसर पर भव्य आयोजन किया जाता है. हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में भगवान नृसिंह की प्रतिमा पानी में तैराई जाती है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से मंदिर समिति के सदस्यों ने ही प्रतिमा तैराई.

हाटपीपल्या में मनाया डोल ग्यारस
नृसिंह मंदिर के पुजारी विष्णुदास वैष्णव ने बताया कि पाषाण प्रतिमा डोल ग्यारस के अवसर पर भगवान की प्रतिमा को तीन बार पानी में तैराया गया. तीनों बार भगवान की प्रतिमा पानी में तैरी. पुजारी ने बताया कि मूर्ति तीनों बार तैर जाती है, तो आने वाला साल बहुत अच्छा रहता है. 2 बार तैरती है, तो 8 माह अच्छे निकलते हैं और एक बार तैरती हैं, तो 4 माह अच्छे रहते हैं.

वहीं प्रतिमा तीनों बार डूब जाए, तो आने वाला साल अनिश्चितताओं से भरा रहता है. इस साल प्रतिमा तीनों बार ही पानी में तैर गई है. तीनों बार प्रतिमा तैरने से आने वाला साल सुखमय होगा. हर साल डोल ग्यारस के अवसर पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु हाटपीपल्या पहुंचते हैं और इस आयोजन के साक्षी बनते हैं. हालांकि इस साल कोरोना काल के चलते भव्य आयोजन आयोजित नहीं किया गया है.

देवास। जिले के हाटपीपल्या में भगवान नृसिंह की साढ़े सात किलो वजनी पाषाण प्रतिमा भमोरी नदी में तीन बार तैराई गई. बता दें हर साल डोल ग्यारस के अवसर पर भव्य आयोजन किया जाता है. हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में भगवान नृसिंह की प्रतिमा पानी में तैराई जाती है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से मंदिर समिति के सदस्यों ने ही प्रतिमा तैराई.

हाटपीपल्या में मनाया डोल ग्यारस
नृसिंह मंदिर के पुजारी विष्णुदास वैष्णव ने बताया कि पाषाण प्रतिमा डोल ग्यारस के अवसर पर भगवान की प्रतिमा को तीन बार पानी में तैराया गया. तीनों बार भगवान की प्रतिमा पानी में तैरी. पुजारी ने बताया कि मूर्ति तीनों बार तैर जाती है, तो आने वाला साल बहुत अच्छा रहता है. 2 बार तैरती है, तो 8 माह अच्छे निकलते हैं और एक बार तैरती हैं, तो 4 माह अच्छे रहते हैं.

वहीं प्रतिमा तीनों बार डूब जाए, तो आने वाला साल अनिश्चितताओं से भरा रहता है. इस साल प्रतिमा तीनों बार ही पानी में तैर गई है. तीनों बार प्रतिमा तैरने से आने वाला साल सुखमय होगा. हर साल डोल ग्यारस के अवसर पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु हाटपीपल्या पहुंचते हैं और इस आयोजन के साक्षी बनते हैं. हालांकि इस साल कोरोना काल के चलते भव्य आयोजन आयोजित नहीं किया गया है.

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