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किसानों ने बनाया देसी यंत्र, आवाज सुनकर खेतों से भाग जाते हैं जानवर

देवास के पीपलरावा और ग्राम धंदेड़ा के किसानों ने जंगली जानवर को खेतों से भगाने के लिए देसी यंत्र बना कर अनूठा प्रयास किया है.

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Published : Feb 1, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Feb 1, 2020, 12:04 PM IST

Farmers made indigenous instruments
किसानों ने बनाया देसी यंत्र

देवास। जिले में पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने बंदूकनुमा देसी यंत्र बनाया है. इसे चलाते ही फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर इसकी आवाज सुनकर भाग जाते हैं. वहीं ग्राम धंदेड़ा के भी किसान ने जानवरों को भगाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है.

किसानों ने बनाया देसी यंत्र

जंगली जानवरों की वजह से खेतों में हो रहे नुकसान से छुटकारा पाने के लिए पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने नया तरीका निकाला है. किसान ने गैस लाइटर, पानी, बारूद और कुछ पाइप की मदद से एक ऐसी बंदूक बनाई है, जो बहुत तेज आवाज करती है. रात के समय जब भी जंगली जानवर खेतों में आते हैं, तो वे उस आवाज को सुनकर भाग जाते हैं, जिससे फसलों को नुकसान नहीं होता है.

वहीं ग्राम धंदेड़ा के किसानों ने अपनी फसल की सुरक्षा के लिए एक देसी तरीका अपनाया है. इसमें खेतों में एक कांच की बोतल को रस्सी से पेड़ पर लटका दिया गया है. उसके पास एक धागे से एक लोहे का बोल्ट और नीचे की तरफ कागज का कड़क गत्ता बांध दिया गया है. जब भी हवा चलती है तो यह गत्ता हवा में उड़ता है. जिसके चलते लोहे का बोल्ट बार-बार कांच की बोटल से टकराता है. इससे घंटी जैसी तेज आवाज आने लगती है. फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर देसी यंत्रों की आवाज सुनकर भाग जाते हैं और फसलें बर्बाद होने से बच जाती हैं.

देवास। जिले में पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने बंदूकनुमा देसी यंत्र बनाया है. इसे चलाते ही फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर इसकी आवाज सुनकर भाग जाते हैं. वहीं ग्राम धंदेड़ा के भी किसान ने जानवरों को भगाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है.

किसानों ने बनाया देसी यंत्र

जंगली जानवरों की वजह से खेतों में हो रहे नुकसान से छुटकारा पाने के लिए पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने नया तरीका निकाला है. किसान ने गैस लाइटर, पानी, बारूद और कुछ पाइप की मदद से एक ऐसी बंदूक बनाई है, जो बहुत तेज आवाज करती है. रात के समय जब भी जंगली जानवर खेतों में आते हैं, तो वे उस आवाज को सुनकर भाग जाते हैं, जिससे फसलों को नुकसान नहीं होता है.

वहीं ग्राम धंदेड़ा के किसानों ने अपनी फसल की सुरक्षा के लिए एक देसी तरीका अपनाया है. इसमें खेतों में एक कांच की बोतल को रस्सी से पेड़ पर लटका दिया गया है. उसके पास एक धागे से एक लोहे का बोल्ट और नीचे की तरफ कागज का कड़क गत्ता बांध दिया गया है. जब भी हवा चलती है तो यह गत्ता हवा में उड़ता है. जिसके चलते लोहे का बोल्ट बार-बार कांच की बोटल से टकराता है. इससे घंटी जैसी तेज आवाज आने लगती है. फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर देसी यंत्रों की आवाज सुनकर भाग जाते हैं और फसलें बर्बाद होने से बच जाती हैं.

Intro:जंगली जानवरो से परेशान किसानों ने बनाये यंत्र,फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर देसी यंत्रों की आवाज सुन भाग जाते है.....

हिरण व जरख से फसल की सुरक्षा के लिए किसानों ने बनाये देसी यंत्र......
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देवास-जंगली जानवरों से खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने से किसान परेशान है।वही दूसरी ओर पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने एक ऐसा बंदूक नूमा देसी यंत्र बनाया है जिससे चलाते ही फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर देसी यंत्रों की आवाज सुन भाग जाते है।इन किसानों ने देशी यंत्र बना कर जानवरो को भगाने का अनूठा प्रयास किया है। अपने खेतों में हो रहे नुकसान से छुटकारा पाने के लिये नया तरीका निकाला है।हिरण,जरख व जंगली जानवरो से अपनी खेतो में खड़ी फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए आखिरकार किसानों ने अपने देसी यंत्रों की सहायता से अपनी फसलों की सुरक्षा के नये नये तरीके इजात किये है। जिनका उपयोग करके किसान अपनी फसल को बचाने मे लगा हुआ है। वही इन देसी तरीकों के कारण वन्य जीवों को भी किसी प्रकार की कोई हानी नही होती है। इसी प्रकार किसान ने गेस लाइटर, पानी, बारूद व कुछ पाइप की मदद से एक ऐसी बंदूक बनाई है जो बहुत तेज आवाज करती है। रात के समय जब भी हिरण या जरख खेतो मे आते है तो ये उस आवाज को सुनकर भाग जाते है। जिससे फसलों को नुकसान नही होता है। किसानों ने बताया कि यदि हवा नही चलती हे तो फिर आवाज नही आयेगी। इन देसी यंत्रो को बनाने में कुछ ही रूपये का खर्च होते है तथा वन्य जीवों को भी कोई नुकसान नही पहुंचता है। नगर एवं आसपास के गांव धंदेड़ा, पाड़ल्या मोहबा, खुंटखेड़ा, मलपुरा, जोलाई, घिचलाय, लकुमड़ी व निपानिया हुरहुर व खेरिया जागीर के जंगलों मे हजारों की संख्या मे वन्य प्राणी हिरण व जरख पाये जाते है। ये जीव इस समय किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे है। जिस खेत मे इन हिरणों या जरख का झूंड़ पहुंच जाता है ये उस खेत मे बोई गई सारी फसलों को नष्ट कर देते है। ग्राम जोलाई के किसान लाखनसिंह देवड़ा ने बताया कि हमारे क्षैत्र मे हजारों की संख्या मे हिरण पाई जाती है, जिनसे सारे गांव के किसान परेषान है। किसानो को दिन रात अपनी फसल की इन वन्य जीवो से रक्षा के लिए जागना पड़़ता है। कई बार वन विभाग के अधिकारीयों से इनके बारे मे षिकायत की गई किंतु वन विभाग के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नही देते है।निपानिया हुरहुर के अभिलाष जोशी
ने बताया कि क्षैत्र मे वन्य जीवों से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है। इसी प्रकार समुचे क्षैत्र के किसान इन वन्य प्राणीयों से अपनी फसल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। वही ग्राम धंदेड़ा के किसानों ने अपनी फसल की सुरक्षा के लिए एक देषी तरीका अपनाया है,जिसमे किसानों द्वारा अपने खेतो में एक कांच की बोटल को रस्सी से किसी वृक्ष के निचें लटका दिया गया है तथा उसके पास मे ही एक ओर धागे मे एक लोहे का बोल्ट व निचे की तरफ कागज का कड़क गत्ता बांध दिया गया है। जब भी हवा चलती है तो यह गत्ता हवा मे उड़ता है जिसके कारण इसके सांथ बंधा लोहे का बोल्ट बार बार कांच की बोटल से टकराता है जिसके कारण घंटी जैसी तेज आवाज आने लगती है। इसी प्रकार किसान ने गेस लाइटर, पानी, बारूद व कुछ पाइप की मदद से एक ऐसी बंदूक बनाई है जो बहुत तेज आवाज करती है। रात के समय जब भी हिरण या जरख खेतो मे आते है तो ये उस आवाज को सुनकर भाग जाते है। जिससे फसलों को नुकसान नही होता है। किसानों ने बताया कि यदि हवा नही चलती हे तो फिर आवाज नही आयेगी। इन देसी यंत्रो को बनाने में कुछ ही रूपये का खर्च होते है तथा वन्य जीवों को भी कोई नुकसान नही पहुंचता है।



बाइट -01 कुमेर सिंह सेंधव, किसान।Conclusion:पीपलरावा क्षेत्र के एक किसान ने एक ऐसा बंदूक नूमा देसी यंत्र बनाया है जिससे चलाते ही फसल बर्बाद करने आए जंगली जानवर देसी यंत्रों की आवाज सुन भाग जाते है।इन किसानों ने देशी यंत्र बना कर जानवरो को भगाने का अनूठा प्रयास किया है। अपने खेतों में हो रहे नुकसान से छुटकारा पाने के लिये नया तरीका निकाला है
Last Updated : Feb 1, 2020, 12:04 PM IST
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