देवास। बारिश के मौसम में नर्मदा और सहायक नदियों में बाढ़ आने की स्थिति से निपटने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. इसे लेकर आज नेमावर के रेस्ट हाउस पर खातेगांव अनुविभागीय अधिकारी संतोष तिवारी की अध्यक्षता में सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई है. बाढ़ आपदा राहत बैठक में उन गांव के लोग भी शामिल हुए, जो बाढ़ के दौरान ज्यादा प्रभावित होते हैं.
नर्मदा और जामनेर नदी से जल्द प्रभावित होने वाले गांवों में तमखान, मेलपिपल्या, सिराल्या रेवातीर, नेमावर, कुंडगांव खुर्द, तुरनाल,दैय्यत, मुरझाल, करोंद माफी, चीचली, बिजलगांव, पिपलनेरिया शामिल हैं, जबकि नर्मदा नदी का जलस्तर 885 फिट हो जाने पर नदी के बैक वाटर और अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों में नवाड़ा, बजवाड़ा , मंडलेश्वर, नीमनपुर और कुंडगांव बुजुर्ग को रखा गया है.
सबसे ज्यादा बाढ़ की स्थिति में प्रभावित होने वाले ग्रामों की सूची मे मिर्जापुर, रवलास, दुलवा, कणा बुजुर्ग, अकावल्या, धुंदयाखेडी और मवासा को रखा गया है. बैठक में 20 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम की स्थापना की भी की जाएगी, जहां हर दिन बारिश की जानकारी टेलीफोन के जरिए कंट्रोल रुम में दी जाएगी.
कंट्रोल रुम में तैनात किए जाएंगे कर्मचारी
कंट्रोल रूम नेमावर में बनाया जाएगा और थाना प्रभारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर पंचायत नेमावर में रहेंगे. नर्मदा का जलस्तर 885 फिट पर होने एवं सतत वर्षा होने की स्थिति में एसडीओ राजस्व, एसडीओ पुलिस और डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड और सभी कार्यालय प्रमुख भी तहसील मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे, जो बाढ़ प्रभावित ग्रामों में राहत एवं बचाव दल को पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे. नर्मदा और उसकी अन्य सहायक नदियों के बेक वाटर से खातेगांव तहसील का सर्वाधिक भू भाग प्रभावित होता है. जिससे तहसील मुख्यालय खातेगांव में बाढ़ बचाव के लिए विशेश प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जिसके संयोजक अनुविभागीय अधिकारी होंगे जो एक्शन प्लान तैयार करेंगे.
आपातकालिन स्थिति से निपटने के लिए नावों का अधिग्रहण करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जेसीबी, ट्रेक्टर, जनरेटर, केरोसिन,खाद्य सामग्री का स्टॉक रखने के साथ साथ नदी, नालों के किनारे रह रहे लोगों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही जीर्ण शीर्ण भवनों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
बीजेपी नेत्री अनुराधा जोशी और कांग्रेसी नेत्री रत्ना पाठक ने भी अपने विचार व्यक्त कर कुछ सुझाव दिए, और कहा की नेमावर वासियो ने मांग की है कि बारिश का जल स्तर बताने वाले खंबे एक ही स्थान पर लगे हैं. जिसे पेड़ी घाट एवं सिध्दनाथ घाट, नागर घाट के पास भी लगाया जाए.