भोपाल। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) ने देवास के जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के खिलाफ चार मामलों पर बार बार रिमाइंडर देने के बाद भी जवाब नहीं देने पर सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने जवाब देने में विफल रहने के कारण जमानती गिरफ्तारी वारंट और कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला को 14 जुलाई को मानवाधिकार आयोग के सामने मौजूद रहने का आदेश दिया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयोग ने गुरुवार को शुक्ला के खिलाफ कारण बताओ नोटिस और 5,000 रुपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसे देवास के पुलिस अधीक्षक द्वारा निष्पादित किया जाना है. (Arrest Dewas Collector) (MP Human Rights Commission news)
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क्यों बच रहे हैं जवाब देने से कलेक्टर: बार-बार प्रयास करने के बावजूद शुक्ला से उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका. आयोग को चार शिकायतें मिली थीं जिनमें से दो हाउसिंग सोसाइटी से संबंधित थीं, जिसके बाद उसने देवास कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी और उन्हें इसके बारे में रिमाइंडर भेजा. मगर कलेक्टर की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई. आयोग ने शुक्ला को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें 9 मई को पेश होने और मामलों पर अपना जवाब देने के लिए कहा. हालांकि इस पर भी जिला कलेक्टर की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इसके परिणामस्वरूप, आयोग ने कलेक्टर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस और जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
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MPHHRC के पास क्या है शिकायत: आयोग को दी गई एक शिकायत में, पत्रकार अनिल ठाकुर ने आरोप लगाया कि एक हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष ने कथित तौर पर एक पार्क को हड़प लिया और इसे अपने रिश्तेदारों को स्कूल चलाने के लिए आवंटित कर दिया. दूसरी शिकायत उसी हाउसिंग सोसाइटी में कुछ अन्य कथित अनियमितताओं के बारे में थी. बयान में कहा गया है कि तीसरा एक घर को गिराने के बारे में था और चौथा देवास में पानी से भरे क्षेत्र के मच्छरों के प्रजनन स्थल बनने के बारे में था. आयोग ने मामलों पर स्पष्टीकरण देने के लिए कलेक्टर को 14 जुलाई को उसके समक्ष उपस्थित रहने को कहा है. (Arrest Dewas Collector) (MPHRC arrest warrant to dewas collector )