देवास। महिला मोर्चा के प्रशिक्षण वर्ग में अल्प प्रवास के लिए पहुंची सांसद साधवी प्रज्ञा सिंह. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के लिए हर वर्ग में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करती है. उसमें पार्टी से जुड़े सभी संगठन चाहे महिला वर्ग हो या कोई और आयोजित किए जाते रहते हैं. कार्यकर्ता ही आगे चलकर अच्छा नेता बनता है. पार्टी ने इसी सिलसिले में महिलाओं के लिए यह प्रशिक्षण वर्ग का शिविर आयोजित किया था जो अच्छे से सम्पन्न हुआ. उन्होंने old age home की व्यवस्था को गलत ठहराते हुए कहा कि हर परिवार को उनकी दादी, नानी की कहानी अपने बच्चों को सुना करके उनको संस्कारित करना होगा.
भाजपा महिलाओं को अधिक महत्व दे रहीः समापन में महिला सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह अल्प प्रवास के लिए पहुंची जहां उन्होंने प्रशिक्षण वर्ग को सुना और अपने विचार भी रखें. महिला मोर्चा का प्रादेशिक वर्ग देवास के रॉयल पैलेस में आयोजित किया जा रहा है. जिसके लिए प्रदेश भर की महिला कार्यकर्ता कार्यक्रम शिरकत कर रही है. बीजेपी इन महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही है. जहां सांसद प्रज्ञा सिंह ने संगठन को लेकर अपने विचार रखे. 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर बोली संगठन है तो चुनाव है. इसलिए प्रशिक्षण वर्ग चलते ही है, कार्यकर्ताओं के निर्माण के लिए संगठन कार्यकर्ताओं को सुगठित करता है. चुनाव के लिए संगठन हमेशा तैयारी करता है. तभी भाजपा विजयी हुई है. इसलिए भाजपा विश्व का सबसे बड़ा संगठन है. चाहे गुजरात हो मध्यप्रदेश हो या अन्य प्रदेश हो भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को अत्यधिक importance दे रही है, बहुत सीटे दे रही है. भोपाल की नगर निगम की मैं बात कर रही हूँ वहां भी महिलाओं का वर्चस्व है. भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो महिलाओं के लिए बेहतर कार्य कर सकती है.
साध्वी का विवादास्पद बयान, '...तो भारत छोड़कर चले जाइए'
देश में वृद्ध आश्रम अच्छी व्यवस्था नहींः देश में वृद्ध आश्रम साध्वी प्रज्ञा सिंह बोली कि बड़ी चिंता का विषय है. देश में पहले old age home कम हो और फिर खत्म हो. हमारे देश में कभी वृद्ध आश्रम की व्यवस्था थी नहीं. जो बच्चा माता से जन्म लेता था, वही उनकी सेवा करके उत्तरण काल में अपनी अंतिम समय में मोक्ष पाता है.आजकल वृद्धा आश्रम का चलन बढ़ चला है जो बहुत गलत है.old age home एक अच्छी व्यवस्था नहीं है. यह तो केवल मात्र उन लोगों के लिए है, जिनका कोई नहीं वह भटके नहीं. हर परिवार को अपने बच्चों को दादी, नानी की कहानी सुनाकर उनको संस्कारित कर उनके परिवार निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण की ओर केंद्रित करना होगा.