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देवास: तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा नगद भुगतान, डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताई ये वजह

खातेगांव तहसील के विक्रमपुर गांव में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक खाते के माध्यम से राशि का भुगतान न करते हुए नगद राशि से भुगतान किया जा रहा है.

तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा नगद भुगतान
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Published : May 31, 2019, 11:47 PM IST

देवास। खातेगांव तहसील के विक्रमपुर गांव में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक खाते के माध्यम से राशि का भुगतान न करते हुए नगद राशि से भुगतान किया जा रहा है. डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताया कि नगद भुगतान करने से संग्राहकों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा नगद भुगतान

डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा अनुसार तेंदुपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान किया जाना है. इस प्रकार नगद भुगतान करने से संग्राहकों को बैंक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे. साथ ही लघुवनोपज समिति के माध्यम से गांव में ही भुगतान होने से संग्राहकों का समय भी बचेगा और कई प्रकार की असुविधाओं से बच सकेंगे.
उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता लघुवनोपज समिति में एक हजार चार सौ संग्राहक हैं जिनको करीब 40 लाख रुपये का भुगतान किया जाना है. अब तक करीब चार सौ संग्राहकों को 20 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. संग्राहकों को 250 रुपये प्रति सैकड़ा गड्डी की दर से भुगतान किया जा रहा है.

देवास। खातेगांव तहसील के विक्रमपुर गांव में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक खाते के माध्यम से राशि का भुगतान न करते हुए नगद राशि से भुगतान किया जा रहा है. डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताया कि नगद भुगतान करने से संग्राहकों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा नगद भुगतान

डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा अनुसार तेंदुपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान किया जाना है. इस प्रकार नगद भुगतान करने से संग्राहकों को बैंक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे. साथ ही लघुवनोपज समिति के माध्यम से गांव में ही भुगतान होने से संग्राहकों का समय भी बचेगा और कई प्रकार की असुविधाओं से बच सकेंगे.
उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता लघुवनोपज समिति में एक हजार चार सौ संग्राहक हैं जिनको करीब 40 लाख रुपये का भुगतान किया जाना है. अब तक करीब चार सौ संग्राहकों को 20 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. संग्राहकों को 250 रुपये प्रति सैकड़ा गड्डी की दर से भुगतान किया जा रहा है.

Intro:तेंदुपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा नगद भुगतान

खातेगांव। भारत सरकार द्वारा एक तरफ तो डिजिटल इंडिया में केेेशलेस पद्धति के आधार पर काम का भुगतान किये जाने की बात कही जा रही है, दूसरी और वन विभाग द्वारा तेंदुपत्ता संग्राहकों को नगद राशि का भूगतान किया जा रहा है। खातेगांव तहसील के ग्राम विक्रमपुर में तेंदुपत्ता संग्राहकों को बैंक खाते के माध्यम से राशि का भुगतान नही करते हुए नगद राशि से भुगतान किया जा रहा है।

Body:तेंदुपत्ता लघु वनोपज समिति विक्रमपुर मे तेंदुपत्ता संग्राहकों को नगद राशि का भुगतान जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में समारोहपूर्वक वितरित किया।
डिप्टी रेंजर महेशचंद्र वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा अनुसार तेंदुपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान किया जाना है। इस प्रकार नगद भुगतान करने से संग्राहकों को बैंक के चक्कर नही लगाना पड़ेगा। साथ ही लघुवनोपज समिति के माध्यम से गांव में ही भुगतान होने से संग्राहकों का समय भी बचेगा और कई प्रकार की असुविधाओं से बच सकेंगे।
Conclusion:वर्मा ने बताया कि आज तेंदूपत्ता लघुवनोपज समिति विक्रमपुर का वर्ष 2019 का भुगतान किया जा रहे है, समिति में 1400 संग्राहक है जिनको करीब 40 लाख रुपये का भुगतान किया जाना है। अब तक 450 संग्राहकों को 20 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। संग्राहकों को 250 रुपये प्रति सैकड़ा गड्डी के मान से भुगतान किया जा रहा है।
उधर तेंदुपत्ता संग्राहक सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि समिति के माध्यम से नगद भुगतान करने से मजदूर वर्ग को अपना काम छोड़कर बैंक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।

बाईट- महेशचंद्र वर्मा डिप्टी रेंजर विक्रमपुर सबरेंज खातेगांव एवं
सत्यनारायण शर्मा, तेंदुपत्ता संग्राहक
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