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देवास के बागली में नहीं है बस स्टैंड, यात्रियों को हो रही भारी परेशानी

देवास के आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली में बस स्टैंड ना होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं 70 लाख रुपए की लागत से बन रहा बस स्टैंड अभी तक नहीं बन पाया है.

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Published : Feb 3, 2020, 1:06 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 1:16 PM IST

Trouble reading passengers due to lack of bus stand
बस स्टैंड ना होने से यात्रियों को हो रही परेशानी

देवास। जिले की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली में ये हाल है कि अब तक वहां बस स्टैंड नहीं बन पाया है. पिछले कई सालों से 70 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड बनाने का काम चल रहा है जो अबतक पूरा नहीं हो पाया है.

बस स्टैंड ना होने से यात्रियों को हो रही परेशानी

देवास के आदिवासी क्षेत्र बागली में आज तक बस स्टैंड नहीं बन पाया है, वहीं कई सालों से 70लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड का काम धीमी गती से चल रहा है, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आदिवासी क्षेत्र होने के कारण तहसील मुख्यालय पर ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है.

वहीं हाल ये है कि यात्रियों के बैठने और पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है. यात्रियों को पेड़ के नीचे बैठ कर बस का इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों को सुविधाएं न मिलने का मुख्य कारण ये भी है कि यहां के जनप्रतिनिधियों ने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया.

देवास। जिले की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली में ये हाल है कि अब तक वहां बस स्टैंड नहीं बन पाया है. पिछले कई सालों से 70 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड बनाने का काम चल रहा है जो अबतक पूरा नहीं हो पाया है.

बस स्टैंड ना होने से यात्रियों को हो रही परेशानी

देवास के आदिवासी क्षेत्र बागली में आज तक बस स्टैंड नहीं बन पाया है, वहीं कई सालों से 70लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड का काम धीमी गती से चल रहा है, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आदिवासी क्षेत्र होने के कारण तहसील मुख्यालय पर ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है.

वहीं हाल ये है कि यात्रियों के बैठने और पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है. यात्रियों को पेड़ के नीचे बैठ कर बस का इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों को सुविधाएं न मिलने का मुख्य कारण ये भी है कि यहां के जनप्रतिनिधियों ने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया.

Intro:बस स्टैंड बागली

देवास जिले की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली जहां के सूरत हाल यह है कि यहां पर देश के आजादी के बाद से बस स्टैंड तक नहीं बन पाया

गत वर्ष से बागली मै 70 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड बनने का कार्य धीमी चल रहा है जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण बागली आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है आदिवासी क्षेत्र होने के कारण तहसील मुख्यालय पर पूरे ग्रामीण क्षेत्र का आना जाना लगा रहता है जिसके कारण यहां पर हमेशा यात्रियों की भीड़ लगी रहती है यात्रियों को पीने का पानी और ना ही बैठने की कोई व्यवस्था है यात्री कहीं पेड़ के नीचे तो कई होटलों पर बैठकर बसों का इंतजार करते हैं

ग्रामीणों ने इस तरह अव्यवस्था और सुविधाओं को ना मिलने का कारण.जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को बताया है


बाईट

01 टीकेन्द्र प्रताप सिंह मंडल अध्यक्ष

02 राजेश बजाय ग्रामीण

03 मुकेश चौबे CMOBody:बस स्टैंड बागली

देवास जिले की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली जहां के सूरत हाल यह है कि यहां पर देश के आजादी के बाद से बस स्टैंड तक नहीं बन पाया

गत वर्ष से बागली मै 70 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड बनने का कार्य धीमी चल रहा है जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण बागली आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है आदिवासी क्षेत्र होने के कारण तहसील मुख्यालय पर पूरे ग्रामीण क्षेत्र का आना जाना लगा रहता है जिसके कारण यहां पर हमेशा यात्रियों की भीड़ लगी रहती है यात्रियों को पीने का पानी और ना ही बैठने की कोई व्यवस्था है यात्री कहीं पेड़ के नीचे तो कई होटलों पर बैठकर बसों का इंतजार करते हैं

ग्रामीणों ने इस तरह अव्यवस्था और सुविधाओं को ना मिलने का कारण.जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को बताया है


बाईट

01 टीकेन्द्र प्रताप सिंह मंडल अध्यक्ष

02 राजेश बजाय ग्रामीण

03 मुकेश चौबे CMOConclusion:बस स्टैंड बागली

देवास जिले की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र का मुख्यालय बागली जहां के सूरत हाल यह है कि यहां पर देश के आजादी के बाद से बस स्टैंड तक नहीं बन पाया

गत वर्ष से बागली मै 70 लाख रुपए की लागत से बस स्टैंड बनने का कार्य धीमी चल रहा है जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया जिसके कारण बागली आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है आदिवासी क्षेत्र होने के कारण तहसील मुख्यालय पर पूरे ग्रामीण क्षेत्र का आना जाना लगा रहता है जिसके कारण यहां पर हमेशा यात्रियों की भीड़ लगी रहती है यात्रियों को पीने का पानी और ना ही बैठने की कोई व्यवस्था है यात्री कहीं पेड़ के नीचे तो कई होटलों पर बैठकर बसों का इंतजार करते हैं

ग्रामीणों ने इस तरह अव्यवस्था और सुविधाओं को ना मिलने का कारण.जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को बताया है


बाईट

01 टीकेन्द्र प्रताप सिंह मंडल अध्यक्ष

02 राजेश बजाय ग्रामीण

03 मुकेश चौबे CMO
Last Updated : Feb 3, 2020, 1:16 PM IST
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