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कृषि मंत्री कमल पटेल से मिले किसान, अच्छी कीमत पर प्याज खरीदने की मांग

देवास जिले की बागली तहसील में प्यास की खेती करने वाले किसानों ने कृषि मंत्री कमल पटेल के गृह निवास बारंगा पहुंचकर उन्हें प्यास के भाव को लेकर ज्ञापन सौंपा. जिसमें अच्छी कीमत पर प्याज खरीदने की मांग की गई है.

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Published : May 26, 2020, 12:12 PM IST

देवास
Bagli

देवास। बागली तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों मे हर साल की तरह इस साल भी प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है, लेकिन किसान को प्याज का भाव अभी भी तीन से पांच रुपए प्रति किलो तक ही मिल पा रहा है, जबकि यह भाव न्यूनतम 15 से 20 रुपए किलो रहना चाहिए.

इसको लेकर डेरिया साहू, बरखेड़ा सोमा, चापड़ा, बागली, बेहरी, के कृषक सोमवार को कृषि मंत्री कमल पटेल से उनके गृह निवास बारंगा पहुंचे और प्याज के भाव सम्मानजनक रखने हेतु ज्ञापन दिया. साथ ही किसानों ने कहा है कि प्याज का भाव जब कम रहता है तब किसानों के पास प्याज रखने की जगह नहीं रहती और उन्हें वे मजबूरी में बेचते हैं.

किसानों का कहना है कि फसल उनके पास से निकलने के बाद ही प्याज का भाव बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति को सरकार नियंत्रण में करे. क्षेत्र में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने एक हजार, 15 सौ से अधिक कट्टे प्याज का उत्पादन किया है, लेकिन गोडाउन नहीं होने की वजह से उन्हें प्याज बेचना पड़ रहा है. वर्तमान में भाव न्यूनतम स्तर पर होकर खर्च निकलने जैसा भी नहीं है.

मांग पत्र में किसानों ने बताया कि 2018-19 का भावांतर भुगतान अभी तक किसानों को नहीं मिला है, उसे शीघ्र किसानों के खाते में डाला जाए. जिस पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कृषि एवं कृषक परिवार के उत्थान में हित निर्णय लेने की बात कही है.

देवास। बागली तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों मे हर साल की तरह इस साल भी प्याज का बंपर उत्पादन हुआ है, लेकिन किसान को प्याज का भाव अभी भी तीन से पांच रुपए प्रति किलो तक ही मिल पा रहा है, जबकि यह भाव न्यूनतम 15 से 20 रुपए किलो रहना चाहिए.

इसको लेकर डेरिया साहू, बरखेड़ा सोमा, चापड़ा, बागली, बेहरी, के कृषक सोमवार को कृषि मंत्री कमल पटेल से उनके गृह निवास बारंगा पहुंचे और प्याज के भाव सम्मानजनक रखने हेतु ज्ञापन दिया. साथ ही किसानों ने कहा है कि प्याज का भाव जब कम रहता है तब किसानों के पास प्याज रखने की जगह नहीं रहती और उन्हें वे मजबूरी में बेचते हैं.

किसानों का कहना है कि फसल उनके पास से निकलने के बाद ही प्याज का भाव बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति को सरकार नियंत्रण में करे. क्षेत्र में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने एक हजार, 15 सौ से अधिक कट्टे प्याज का उत्पादन किया है, लेकिन गोडाउन नहीं होने की वजह से उन्हें प्याज बेचना पड़ रहा है. वर्तमान में भाव न्यूनतम स्तर पर होकर खर्च निकलने जैसा भी नहीं है.

मांग पत्र में किसानों ने बताया कि 2018-19 का भावांतर भुगतान अभी तक किसानों को नहीं मिला है, उसे शीघ्र किसानों के खाते में डाला जाए. जिस पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कृषि एवं कृषक परिवार के उत्थान में हित निर्णय लेने की बात कही है.

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