ETV Bharat / state

खिवनी अभ्यारणय में 'अनुभूति कार्यक्रम' का आयोजन, छात्रों ने लिए प्रकृति को बचाने का संकल्प - Kannod Forest Range

देवास में खिवनी अभ्यारणय में एक दिवसीय 'अनुभूति कार्यक्रम' का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया.

nubhuti program' organized in Khivni sanctuary
अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन
author img

By

Published : Jan 12, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 6:47 PM IST

देवास। खातेगांव के कन्नौद वनपरिक्षेत्र खिवनी अभ्यारणय में एक दिवसीय 'अनुभूति कार्यक्रम' का आयोजन किया. जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रकृति के विविध आयामों को जानने और सीखने का मौका मिला. साथ ही प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया गया. इस दौरान छात्र-छात्राओं को पर्यावरण का पाठ पढ़ाने के लिए वन अधिकारी ही शिक्षक बने.

अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन


आज हम संकल्प लें कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे


प्रकृति में आकर्षण होता है, इसलिए हम प्रकृति की ओर खिंचे चले आते हैं. प्रकृति से खूबसूरत कुछ भी नहीं है. इसलिए हमें प्रकृति से प्रेम करते हुए पेड़-पौधे लगाने चाहिए. साथ ही उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए. तो आज हम संकल्प लें कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. ना तो हम नुकसान पहुंचाएंगे और ना ही किसी को पहुंचाने देंगे. और तो और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पृथ्वी की सुंदरता को बढ़ाएंगे. विद्यार्थियों को ये बात अनुभूति कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर अम्बुज जैन ने कही.

विद्यार्थियों को बताए पेड़-पौधों की उपयोगिता


इस कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को रेंजर जेडी उपाध्याय ने वनों के महत्व के बारे में बताया. साथ ही कई तरह के पेड़ और पौधों की प्रजातियों की पहचान कराकर उनकी उपयोगिता के बारे में बताया. जलस्त्रोतों की जगह पर वन्यप्राणियों के पगमार्क के निशान भी विद्यार्थियों को दिखाए और बताए गए. वन्यजीवों के जीवन चक्र, भोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें भी बताई गई. साथ ही स्कूली बच्चों ने भी अपने मन में उठ रहे सवाले को अधिकारियों के सामने रखकर अपनी जिज्ञासा शांत की.

देवास। खातेगांव के कन्नौद वनपरिक्षेत्र खिवनी अभ्यारणय में एक दिवसीय 'अनुभूति कार्यक्रम' का आयोजन किया. जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को प्रकृति के विविध आयामों को जानने और सीखने का मौका मिला. साथ ही प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया गया. इस दौरान छात्र-छात्राओं को पर्यावरण का पाठ पढ़ाने के लिए वन अधिकारी ही शिक्षक बने.

अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन


आज हम संकल्प लें कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे


प्रकृति में आकर्षण होता है, इसलिए हम प्रकृति की ओर खिंचे चले आते हैं. प्रकृति से खूबसूरत कुछ भी नहीं है. इसलिए हमें प्रकृति से प्रेम करते हुए पेड़-पौधे लगाने चाहिए. साथ ही उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए. तो आज हम संकल्प लें कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. ना तो हम नुकसान पहुंचाएंगे और ना ही किसी को पहुंचाने देंगे. और तो और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पृथ्वी की सुंदरता को बढ़ाएंगे. विद्यार्थियों को ये बात अनुभूति कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर अम्बुज जैन ने कही.

विद्यार्थियों को बताए पेड़-पौधों की उपयोगिता


इस कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को रेंजर जेडी उपाध्याय ने वनों के महत्व के बारे में बताया. साथ ही कई तरह के पेड़ और पौधों की प्रजातियों की पहचान कराकर उनकी उपयोगिता के बारे में बताया. जलस्त्रोतों की जगह पर वन्यप्राणियों के पगमार्क के निशान भी विद्यार्थियों को दिखाए और बताए गए. वन्यजीवों के जीवन चक्र, भोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें भी बताई गई. साथ ही स्कूली बच्चों ने भी अपने मन में उठ रहे सवाले को अधिकारियों के सामने रखकर अपनी जिज्ञासा शांत की.

Intro:खिवनी अभ्यारण्य: स्कूली बच्चों को जंगल ले जाकर पर्यावरण के बारे में बताया

खातेगांव। प्रकृति में आकर्षण होता है और इसलिए हम प्रकृति की ओर खिंचे चले आते हैं प्रकृति से खूबसूरत कुछ भी नहीं है इसलिए हमें प्रकृति से प्रेम करते हुए पेड़ पौधों लगाने के साथ ही उनकी सुरक्षा करनी चाहिए आज हम संकल्प लें कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे, ना तो हम नुकसान पहुंचाएंगे और ना ही किसी को पहुंचाने देंगे और अधिक से अधिक पौधे लगाकर पृथ्वी की सुंदरता को बढ़ाएंगे। यह बात कन्नौद वनपरिक्षेत्र के अनुभूति कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर अम्बुज जैन ने उपस्थित स्कूली बच्चों से कही। यहाँ पर्यावरण का पाठ पढ़ाने के लिए वन अधिकारी एक दिन के लिए शिक्षक बने।

Body:वनपरिक्षेत्र कन्नोद द्वारा अनुभूति कार्यक्रम का एक दिवसीय आयोजन खिवनी अभ्यारण्य में किया। जिसमें स्कूली विद्यार्थियों को प्रकृति के सानिध्य में विविध आयामों के साथ जानने एवं सीखने के साथ ही संरक्षण के लिए प्रेरित किया। जिसमें रेंजर जेडी उपाध्याय ने वनों के महत्व के बारे में बताया विभिन्न प्रकार के वृक्ष एवं पौधों की प्रजातियों की पहचान करा कर उनकी उपयोगिता के बारे में बताया और जलस्त्रोतों के स्थान पर वन्यप्राणियो के पगमार्क के निशान भी बताये। वन्यजीवो के जीवन चक्र एवं भोजन से जुडी महत्वपूर्ण बातें भी बताई। साथ ही स्कूली बच्चों ने भी अपने मन में उत्पन्न प्रश्नों को अधिकारियों के सामने रखकर जिज्ञासा शांत की।

Conclusion:बता दे कि खिवनी अभ्यारण्य देवास जिले का एक मात्र अभ्यारण्य है जिसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। खिवनी अभ्यारण्य में टाइगर, तेंदुएं, नीलगाय, जंगली सुवर, हिरण, मृग, सहित 155 प्रजातियों के पक्षी रहते है।

बाईट-1 कैलाश कुण्डल, पूर्व विधायक खातेगांव

2 स्कूली छात्रा
Last Updated : Jan 12, 2020, 6:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.