देवास। बांध का पानी नदी में छोड़ने पर किसान आक्रोशित हो गए और फिर नेशनल हाइवे पर चक्काजाम किया. कन्नौद क्षेत्र के किसानों ने गर्मी के मौसम में मूंग और सब्जियां लगाई हैं. जिसमें समय-समय पर नहर के माध्यम से किसानों तक पानी पहुंचता है. लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते दूसरे किसानों ने भी नदी से पानी ले लिया. जिसके चलते नहर से पानी लेने वाले किसान आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए और चक्काजाम कर दिया.
- नहर की बजाय नदी में छुड़वा लिया पानी
जानकारी के अनुसार दतुनी परियोजना में सुकलिया-ठिकरिया बांध बना हुआ है. जो कन्नौद तहसील के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. लेकिन नहर के माध्यम से पानी नहीं मिलने से किसान मायूस हैं. जिसके चलते कुछ किसानों ने नहर की बजाय नदी में पानी छुड़वा लिया. आक्रोशित किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन कर चक्काजाम कर दिया. घटना की जानकारी मिलने पर कन्नौद एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे, तहसीलदार नागेश्वर प्रसाद अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों से सड़क से हटने की अपील की. लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे.
महिनों से राशन को तरसते ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
- वाहन चालकों को परेशानी का करना पड़ा सामना
किसानों ने बताया कि जब तक कलेक्टर विशेष परिस्थिति में आदेश ना करें तब तक बांध का पानी नदी में नहीं छोड़ा जा सकता है. यह पानी नहर के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचना चाहिए. इसे नदी में नहीं छोड़ा जा सकता. करीब 2 घंटे तक किसानों का प्रदर्शन चलता रहा. आखिर बांध का पानी नदी में बंद करने के बाद ही किसान मानें और उसके बाद चक्काजाम बंद किया. करीब 2 घंटे तक लगे चक्का जाम में इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे पर करीब 5 से 7 किलोमीटर लंबी वाहनों की लाइन लग गई. जिसके चलते भीषण गर्मी में वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
- हटा दिया गया है चक्का जाम
नायब तहसीलदार अविनाश सोनानिया ने बताया कि किसानों की मांग थी कि बांध का पानी नहर में छोड़ा जाए नदी में नहीं. जिसके चलते किसानों ने सड़क पर चक्का जाम किया था. किसानों को समझाइश देकर चक्का जाम हटा दिया गया है और नदी में जो पानी छोड़ा जा रहा था उसे बंद करवा दिया गया है.