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निजी कंपनी में कार्यरत युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

देवास में स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली. कर्मचारी की शवयात्रा के दौरान कंपनी के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय में रुक गए और जमकर हंगामा करने लगे.

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Published : Feb 5, 2020, 7:52 PM IST

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कर्मचारी ने लगाई फांसी

देवास। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद एक निजी कंपनी में कार्यरत एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़ित कर्मचारी की शवयात्रा के दौरान कंपनी के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय में ही रुक गए. साथ ही जमकर हंगामा करने लगे.

कर्मचारी ने लगाई फांसी


बताया जा रहा हैं कि वेतन वृद्धि को लेकर कंपनी द्वारा किए जाने वाला समझौता नहीं होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी ने आत्महत्या की है. मृतक 4 दिन पहले ही कंपनी प्रबंधन से मिला था, साथ ही उसने वेतन वृद्धि को लेकर पुणे वाला समझौता जल्दी करने की बात कही थी.


कंपनी में हर 4 साल में वेतन वृद्धि को लेकर यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौता होता है. इस बार अवधि खत्म होने के 10 महीने बीतने के बाद भी समझौता नहीं हो पाया, जिसके चलते कंपनी के करीब 400 कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.


कंपनी के कर्मचारियों के मुताबिक मनोज सिंह वेतन वृद्धि समझौता नहीं हो पाने से काफी परेशान था. चार दिन पहले ही वो प्रबंधन से मिला था और उसने अपनी समस्या बताते हुए शीघ्र समझौता की मांग की थी. आर्थिक तंगी के चलते उस पर कर्ज भी हो चुका था. चार दिन पहले जब उसने प्रबंधन के सामने अपनी समस्या रखी तो प्रबंधन में बात करना तो दूर उसे वहां से भगा दिया था.


कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है की इसी के चलते मनोज सिंह ने आत्महत्या की है. मामले में एसडीएम अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें कल शाम ही इसकी जानकारी लग गई थी, इस मामले में कंपनी प्रबंधन से चर्चा की जाएगी और मामले की जांच की जाएगी.

देवास। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद एक निजी कंपनी में कार्यरत एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़ित कर्मचारी की शवयात्रा के दौरान कंपनी के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय में ही रुक गए. साथ ही जमकर हंगामा करने लगे.

कर्मचारी ने लगाई फांसी


बताया जा रहा हैं कि वेतन वृद्धि को लेकर कंपनी द्वारा किए जाने वाला समझौता नहीं होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी ने आत्महत्या की है. मृतक 4 दिन पहले ही कंपनी प्रबंधन से मिला था, साथ ही उसने वेतन वृद्धि को लेकर पुणे वाला समझौता जल्दी करने की बात कही थी.


कंपनी में हर 4 साल में वेतन वृद्धि को लेकर यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौता होता है. इस बार अवधि खत्म होने के 10 महीने बीतने के बाद भी समझौता नहीं हो पाया, जिसके चलते कंपनी के करीब 400 कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.


कंपनी के कर्मचारियों के मुताबिक मनोज सिंह वेतन वृद्धि समझौता नहीं हो पाने से काफी परेशान था. चार दिन पहले ही वो प्रबंधन से मिला था और उसने अपनी समस्या बताते हुए शीघ्र समझौता की मांग की थी. आर्थिक तंगी के चलते उस पर कर्ज भी हो चुका था. चार दिन पहले जब उसने प्रबंधन के सामने अपनी समस्या रखी तो प्रबंधन में बात करना तो दूर उसे वहां से भगा दिया था.


कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है की इसी के चलते मनोज सिंह ने आत्महत्या की है. मामले में एसडीएम अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें कल शाम ही इसकी जानकारी लग गई थी, इस मामले में कंपनी प्रबंधन से चर्चा की जाएगी और मामले की जांच की जाएगी.

Intro:शवयात्रा के दौरान कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए….

कहा-वेतन समझौता नहीं होने से परेशान होकर मनोज ने उठाया कदम….

बताया जा रहा है मनोज के ऊपर हो गया था कर्ज….

चार साल में समझौते के तहत अप्रैल 2019 से मिलने वाला बढ़ा हुआ वेतन अभी तक नहीं मिला…Body:Note-ready to publish pkg news

देवास-शहर के इंडस्ट्रियल एरिया के टाटा इंटरनेशनल कंपनी में कार्यरत एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।पीड़ित कर्मचारी की शवयात्रा के दौरान टाटा इंटरनेशनल के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय में ही रुक गए और जमकर हंगामा बाजी हुई। आरोप है कि वेतन वृद्धि को लेकर कंपनी द्वारा किए जाने वाला समझौता नहीं होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी ने आत्महत्या की है। मृतक मनोज सिंह पवार 4 दिन पहले ही कंपनी प्रबंधन से मिला था और वेतन वृद्धि को लेकर पुणे वाला समझौता जल्दी करने की बात कही थी। टाटा इंटरनेशनल में कार्यरत मनोज सिंह पवार मुखर्जी नगर का रहने वाला है। कंपनी में हर 4 वर्ष में वेतन वृद्धि को लेकर यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौता होता है। इस बार अवधि खत्म होने के 10 माह बीतने के बाद भी समझौता नहीं हो पाया जिसके चलते कंपनी के करीब 400 कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कंपनी के कर्मचारियों के मुताबिक मनोज सिंह वेतन वृद्धि समझौता नहीं हो पाने से काफी परेशान था। चार दिवस पहले ही वह प्रबंधन से मिला था और अपनी समस्या बताते हुए शीघ्र समझौता की मांग की थी। आर्थिक तंगी के चलते उस पर कर्ज भी हो चुका था। चार दिवस पूर्व जब उसने प्रबंधन के सामने अपनी समस्या रखी तो प्रबंधन में बात करना तो दूर उसे वहां से भगा दिया था। कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है की इसी के चलते मनोज सिंह ने आत्महत्या की है। मामले में एसडीएम अरविंद सिंह चौहान से चर्चा करने पर उनका कहना था कि उन्हें कल शाम ही इसकी जानकारी लग गई थी। इस मामले में कंपनी प्रबंधन से चर्चा की जाएगी और मामले की जांच की जाएगी।

बाईट 01 कर्मचारी टाटा कम्पनी
बाईट 02 अरविंद चौहान
Conclusion:पीड़ित कर्मचारी की शवयात्रा के दौरान टाटा इंटरनेशनल के कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय में ही रुक गए और जमकर हंगामा बाजी हुई। आरोप है कि वेतन वृद्धि को लेकर कंपनी द्वारा किए जाने वाला समझौता नहीं होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे कर्मचारी ने आत्महत्या की है
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