देवास। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने लोगों के सामने एक बड़ा संकट लाकर पैदा कर दिया है और इस संकट के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों और मजदूरों को रोजी-रोटी के लिए भटकना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए कोरोना के भय से मजदूरों को पलायन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.
वही पूरे देश में लॉकडाउन के बावजूद हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों का हुजूम अन्य शहरों और राज्यों से अपने घरों की ओर लौट रहा है, जहां मजदूरों के लगातार पलायन करने के चलते कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार की नई चिंताएं बढ़ रहीं हैं और इसी कड़ी में मजदूरों को पैदल ही अपने घरों की ओर निकलने में विवश होना पड़ रहा है.
बता दें की जिले के हाटपीपल्या में 45 श्रमिक गुजरात से लौटे हैं. जिसका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाटपीपल्या पर डॉक्टर ऋषि श्रीवास्तव के द्वारा मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.
वही स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर जीवन यादव ने बताया की हाटपीपल्या सहित आसपास के क्षेत्रों के 45 मजदूर गुजरात से लौटे हैं, जिनकी सूची प्रशासन के द्वारा जारी की गई है, जिसके आधार पर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण करने पर किसी भी मजदूर में कोई बीमारी नहीं पाई गई है और सभी को अपने गांव भेज दिया गया है.
एहतियात के तौर पर सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है और 14 दिनों में किसी को सर्दी-खांसी बुखार होता है तो उनका प्रशिक्षण कर उनका उचित उपचार किया जाएगा.