देवास। जिले के बागली क्षेत्र के 11 मजदूर मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र गए थे. जहां पर उन्हें बंधक बनाकर मजदूरी कराया जा रहा था. परिजनों द्वारा कलेक्टर से शिकायत करने के बाद 11 मजदूरों को कलेक्टर की पहल पर मुक्त कराकर वापस उनके गांव भेजा गया है. सभी मजदूरों को महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के मानेगांव में बंधक बनाया गया था.
कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला से शिकायत के बाद बागली एसडीएम ने रेस्क्यू के लिए तहसीलदार गौरव पोरवाल और उदयनगर थाना प्रभारी राजाराम वास्केल सहित टीम बनाकर मानेगांव भेजा गया. जहां से पुलिस टीम ने रेस्क्यू कर 5 बच्चे 6 बड़े इस तरह 11 मजदूर को मुक्त कराया. बागली क्षेत्र के धनतालब उदयनगर सहित अन्य गांव के 18 मजदूरों महाराष्ट्र के मानेगांव जिला सोलापुर में गन्ना कटाई को लिए जोड़ा (पति-पत्नी ) दोनों का मात्र 40 हजार रुपये मजदूरी अग्रिम भुगतान कर महाराष्ट्र दलाल के माध्यम से ले जाया गया. जहां उन से दिनभर काम कराते हुअ तरह तरह की यातनाएं और मारपीट की जाती रही थी.
मजदूरों को बनाया था बंधक
चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि काम खत्म होने के बाद भी उन्हें बंधक बना कर रखा. इस बीच कुछ मजदूर भाग गए तो मालिकों द्वारा मजदूरों के मोबाइल भी छीन लिए और जाने के एवज में अग्रिम मजदूरी राशि वापस लेने के लिए लगातार मारपीट की जा रही थी. जिसके बाद बंधक बनाए गए मजदूरों ने जैसे-तैसे करके अपने परिजनों को पूरे मामले की सूचना दी. इसके बाद आरोपियों के बैंक खातों में पैसे भी डलवाए. इसके बाद भी मजदूरों को नहीं छोड़ा गया.
जन सुनवाई में परिजनों ने की थी शिकायत
इसके बाद मजदूरों के परिजनों ने कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला से मदद की गुहार लगाई थी. इसके लिए पीड़ित परिवार के लोगों ने जन-सुनवाई में एक लिखित शिकायत पत्र दिया था. इसके बाद बागली एसडीएम अरविंद चौहान ने एक टीम बनाई और उसे मंगलवार के दिन महाराष्ट्र रवाना किया गया. शोलापुर पहुंचकर टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया और सभी 11 मजदूरों को छुड़ाकर उन्हें उनके गांव वापस भेजा गया.