दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया में एक बेटी ने अलौकिक शादी कर भगवत भक्ति एवं समर्पण के भाव का अनोखा उदाहरण चारों ओर चकाचौंध की इस दुनिया में लीन रहने वालों को दिया है. दतिया की निकिता चौरसिया ने अपना सम्पूर्ण जीवन शिव भक्ति के लिए समर्पित किया है. दतिया नगर के टाउनहॉल के पाल चौरसिया परिवार में जन्मी बेटी निकिता चौरसिया ने शिव भक्ति का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है. निकिता ने भगवान भोले नाथ को अपने वर के रूप में स्वीकार करते हुए पूरे वैदिक रीति रिवाज के साथ उनसे विवाह रचाया है.
इस अनोखे विवाह में हल्दी से लेकर विदाई तक सभी रस्में अदा की गई हैं. पूरे धूमधाम के साथ बारात भी शहर के बीच से निकाली गई. इसमें रिश्तेदारों को भी बुलाया गया. शहर की सबसे सुंदर हेरिटेज विवाह वाटिका से शादी समारोह का आयोजन किया गया. इस शादी से निकिता के माता पिता भी खुश दिखाई दे रहे हैं. अब निकिता अपने पति महादेव के साथ प्रजापति ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहेंगी. पिता के अनुसार निकिता 6 वर्ष की उम्र से ही भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहती थी, फिर वह पास में ही ब्रह्मकुमारी आश्रम में जाने लगी. निकिता की लगन ऐसी भगवान में लगी कि एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी निकिता ने भगवान शिव से शादी रचाकर सांसारिक लोगों के सामने भगवत भक्ति का अनोखा उदाहरण पेश किया है.
यह है पूरी कहानी: मध्यप्रदेश के दतिया में एक युवती ने भगवान शंकर की भक्ति में लीन होकर भगवान शंकर से शादी कर ली है. यह शादी बाकायदा हिंदू रीति-रिवाजों के तहत हुई. युवती ने शादी के साथ ही पारिवारिक जीवन त्यागने का फैसला लिया है. युवती का कहना है कि वह अब भ्रह्माकुमारी आश्रम में रहकर पूरा जीवन भोलेनाथ की भक्ति में बिताएगी. दतिया के हड़ापहाड़ क्षेत्र में रहने वाले चौरसिया परिवार में जन्मी 25 वर्षीय निकिता बचपन से ही भगवान भोले के प्रति भक्ति भावना में लीन थी. युवती के पिता विजय चौरसिया टाउनहॉल पर पान की गुमठी लगाते हैं. हिंदू-रीति रिवाजों से सात फेरे लेकर शादी करने के बाद अब वह अपना जीवन भोले नाथ की भक्ति में ही बिताएगी. निकिता के पिता सहित अन्य परिजन भी उनके इस कदम से खुश हैं.
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एमबीए किए हुए है, निकिता: निकिता की मां राखी ने बताया कि, निकिता ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर भरतगढ़ से पूरी की. इसके बाद उसने चेन्नई से एमबीए की पढ़ाई की है. निकिता का एक छोटा भाई कुणाल है, जो आईआईटी की पढ़ाई कर रहा है. वह ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी हुई है. निकिता भी सात साल की उम्र में अपनी मां के साथ आश्रम जाने लगी थी. यहीं से वह ईस्वर की भक्ति में लीन हुई.
पिता ने किया कन्या दान: निकिता की इस अनोखी शादी में उसके पिता विजय चौरसिया ने कन्यादान किया. पिता ने बताया बड़े ही धूमधाम से शादी समारोह आयोजित हुआ. इस विवाह से वो बहुत ही खुश हैं. बेटी के इस फैसले का उन्होंने सम्मान किया है. शादी की रस्में बिल्कुल रीती-रिवाजों से निभाई गई. जिसमें आश्रम और अन्य सामाजिक संगठनों से शादी का खर्चा किया गया. दुल्हन निकिता ने पहले विद्वान पण्डितों से इसका जिक्र किया और फिर ब्याह रचाया.
टीचर बनना चाहती थी निकिता: निकिता की मां राखी ने बताया कि, बेटी टीचर बनकर लोगों को पढ़ाना चाहती थी, लेकिन एक दिन हम पूरे परिवार के साथ ब्रह्माकुमारी आश्रम गए. बेटी ने यही से परमात्मा के साथ पूरे विश्व को पढ़ाने की ठानी और यही से उसने पूरे विश्व की टीचर बनने की ठानी थी.
विश्व के कल्याण का काम करना है: निकिता ने बताया विवाह से पहले यह जीवन अपना स्वयं का था. विवाह के बाद अब यह जीवन विश्व कल्याण के लिए है. खुद का कल्याण किया तो किया अब पूरे विश्व का कल्याण करना है. फिलहाल,निकिता के इस अनोखे विवाह के चर्चे अब दतिया के साथ पूरे आसपास के जिलों में है. लोग अब निकिता को मीरा देवी का रूप बता रहे हैं. निकिता का कहना है भगवान महादेव देवाधिदेव हैं. इधर-उधर सांसारिक जीवन में पड़ने से अच्छा है, भगवान को ही अपना लो.