दतिया। इंदरगढ़ हल्का पटवारी को चार वर्ष का कठोर कारावास के साथ 15 हजार रुपये अर्थ दंड से दंडित करने की सजा सुनाई गई है. प्लॉट के नामांतरण करने के एवज में छह हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में लोकायुक्त टीम ग्वालियर ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
ये है पूरा मामला
मामला 27 जून 2016 इन्दरगढ़ पटवारी हल्का 24 का है. इन्दरगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम जसमंतपुर निवासी आवेदक छविराम पुत्र सुल्लू कुशवाह ने 29 जनवरी 2016 को अपनी पत्नी मालती देवी के नाम इन्दरगढ़ स्थित वार्ड 10 मडीपुरा में सर्वे नंबर 64 में से 60 × 64 वर्ग फीट का प्लॉट खरीदा था. रजिस्टर्ड विकृय पत्र संपादित समय सीमा के बाद आवेदक अपनी पत्नी के साथ नामांतरण कराने के लिए हल्का पटवारी राजेश श्रीवास्तव के पास गया, जहां पटवारी राजेश ने इस काम के एवज में छह हजार रुपये रिश्वत मांगी. आवेदक छविराम ने 25 मई 2016 को लोकायुक्त ग्वालियर को शिकायती आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी.
वॉयस रिकॉर्ड कर जुटाए सबूत
आवेदक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुये वॉयस रिकॉर्डर से पटवारी को दो हजार रुपये जो पटवारी ने लेकर अपने बैग में रखवा लिये और कहा कि पूरे हो जाते तो ठीक रहता, कल का ठिकाना नहीं है दो अभी दे जाओ और पांच हजार बाद में लाकर देना ये आवाज रिकार्ड करने के बाद लोकायुक्त विभाग ने 27 जून 2016 को शिकायत कर्ता को पांच नोट देकर अभियुक्त राजेश पटवारी के इन्दरगढ स्थित घर भेजा जहां पटवारी राजेश ने शिकायत कर्ता से शेष पांच हजार रुपये लेकर अखबार में लपेट कर रख लिये शिकायत कर्ता के इशारे पर विवेचक निरीक्षक नरेंद्र त्रिपाठी ने अखबार के बीच रखे नोट जब्त किए. अभियुक्त के हाथ धुलवाने पर साधारण पानी का रंग गुलाबी हो गया इस प्रकार लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
स्पेशल कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
अपराध में विवेचना के बाद विशेष न्यायधीश ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) के न्यायालय में अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की गई. कोर्ट में सुनावाई के बाद आरोपी की ओर से प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए 30 दिसंबर 2020 को निर्णय पारित करते हुये आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने और रिश्वत प्राप्त करने का दोषी पाये जाने पर उसे सजा सुनाई गई. हितेन्द्र द्विवेदी स्पेशल जज ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) ने आरोपी राजेश श्रीवास्तव को चार वर्ष का कठोर कारावास और 15 हजार रुपये से दंडित करते हुये जेल भेज दिया है. अभियोजन की ओर से प्रकरण में जिला लोक अभियोजन अधिकारी दतिया पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग द्वारा अभियोजन संचालन किया गया. जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्कों से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय ने आरोपी पटवारी का रिश्वत मांगना और रिश्वत प्राप्त करने का दोषी करार दिया गया.