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अनाथ हुए मासूम: Social Media पर वीडियो हुई वायरल तो जागा प्रशासन

दतिया जिले के बच्चों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन की नींद टूटी. बच्चों को अब हर संभव मदद का भरोसा प्रशासन की ओर से दिया गया है. दरअसल पांचो भाई-बहन के सिर से मां का साया तो पहले ही उठ गया था और हाल ही में गुजरात मजदूरी करने करने गए पिता की भी मौत हो गई.

BJP President of Datia district met the children
दतिया जिले के भाजपा अध्यक्ष ने की बच्चों से मुलाकात
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Published : Jun 11, 2021, 6:50 AM IST

दतिया। जिले के इंदरगढ़ नगर की तहसील के पास आदिवासी बस्ती में रहने वाले पांच नाबालिग बच्चों ने सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. बात वायरल हुई तो प्रशासन ने मदद का हाथ बढ़ाया. दरअसल, बस्ती में रहने वाले बच्चों के पिता राम कुमार जाटव की तीन महीने पहले ही गुजरात में मौत हो गई थी. राम कुमार वहां मजदूरी करता था. तो वहीं, इन मासूमों के सिर से मां का साया 3 साल पहले ही उठा चुका है. अब ये बच्चे बेसहारा हो गए हैं.

मोहल्लें के लोगों ने की मदद

बच्चों की व्यथा कथा से आहत मोहल्ले वालों ने मदद का हाथ बढ़ाया. नतीजतन, बच्चों को दो वक्त की रोटी नसीब हुई. इन पांचों में सबसे बड़ी 18 साल की रेणू, मीनू (16), निक्की (14), अभिषेक (11) और लक्स (6) का ख्याल रख रही है. प्रशासन तब जागा जब इंटरनेट के माध्यम से वीडियो वायरल हुआ. सोशल मीडिया पर वीडियो काफी शेयर हुआ तो दतिया जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया, इंदरगढ़ के तहसीलदार सुनील भदौरिया के साथ पहुंचे. बुधौलिया ने अनाथ अनाथ बच्चों को एक महीने का राशन उपलब्ध करवाया. साथ ही बच्चों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

नाबालिग ने बताई प्रशासनिक अनदेखी की कहानी

इस दौरान नाबालिग रेनू ने प्रशासनिक अनदेखी का दर्द भी बयान किया. बताया कि BPL कार्ड होने के बाद भी कई बार नगर परिषद में मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई भी मदद नहीं मिली. तहसीलदार भदौरिया ने बताया कि कलेक्टर को इन अनाथ बच्चों के बारे में पूरा ब्यौरा दिया गया है. इन बच्चों में सबसे बड़ी रेनू को सरकारी नौकरी दिलाए जाने के साथ अन्य सहायता भी दिलाई जाने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही अभी तक संबंधित विभागों की ओर से इन्हें मदद क्यों नहीं की गई, इसकी जांच भी कराई जाएगी?

दतिया। जिले के इंदरगढ़ नगर की तहसील के पास आदिवासी बस्ती में रहने वाले पांच नाबालिग बच्चों ने सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. बात वायरल हुई तो प्रशासन ने मदद का हाथ बढ़ाया. दरअसल, बस्ती में रहने वाले बच्चों के पिता राम कुमार जाटव की तीन महीने पहले ही गुजरात में मौत हो गई थी. राम कुमार वहां मजदूरी करता था. तो वहीं, इन मासूमों के सिर से मां का साया 3 साल पहले ही उठा चुका है. अब ये बच्चे बेसहारा हो गए हैं.

मोहल्लें के लोगों ने की मदद

बच्चों की व्यथा कथा से आहत मोहल्ले वालों ने मदद का हाथ बढ़ाया. नतीजतन, बच्चों को दो वक्त की रोटी नसीब हुई. इन पांचों में सबसे बड़ी 18 साल की रेणू, मीनू (16), निक्की (14), अभिषेक (11) और लक्स (6) का ख्याल रख रही है. प्रशासन तब जागा जब इंटरनेट के माध्यम से वीडियो वायरल हुआ. सोशल मीडिया पर वीडियो काफी शेयर हुआ तो दतिया जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया, इंदरगढ़ के तहसीलदार सुनील भदौरिया के साथ पहुंचे. बुधौलिया ने अनाथ अनाथ बच्चों को एक महीने का राशन उपलब्ध करवाया. साथ ही बच्चों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

नाबालिग ने बताई प्रशासनिक अनदेखी की कहानी

इस दौरान नाबालिग रेनू ने प्रशासनिक अनदेखी का दर्द भी बयान किया. बताया कि BPL कार्ड होने के बाद भी कई बार नगर परिषद में मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन कोई भी मदद नहीं मिली. तहसीलदार भदौरिया ने बताया कि कलेक्टर को इन अनाथ बच्चों के बारे में पूरा ब्यौरा दिया गया है. इन बच्चों में सबसे बड़ी रेनू को सरकारी नौकरी दिलाए जाने के साथ अन्य सहायता भी दिलाई जाने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही अभी तक संबंधित विभागों की ओर से इन्हें मदद क्यों नहीं की गई, इसकी जांच भी कराई जाएगी?

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