दतिया। जिले के इंदरगढ़ कस्बे के शासकीय चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही का मामला सामने आया है. इलाज न मिल पाने के अभाव में एक मासूम ने दम तोड़ दिया है. ग्राम बडौरी की रीना जाटव के 6 माह के बेटे को कुछ तकलीफ हो गई थी. वह इंदरगढ़ कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने बेटे को इलाज कराने ले गई. रीना ने इंदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. जितेंद्र वर्मा के सामने मिन्नतें की और कहा कि उसका बेटा बहुत बीमार है, उसका इलाज कर दो. जब चिकित्सक ने रीना की बात नहीं सुनी तो उसने पुलिस का सहारा लेना चाहा. रीना पुलिस थाना इंदरगढ़ पहुंची, जहां उसने गुहार लगाई.
गिड़गिड़ाती रही महिला : महिला पुलिस थाने में गिड़गिड़ाई कि उसको एंबुलेंस नहीं मिल रही है. उसका बेटा बहुत बीमार है. उसे कोई साधन उपलब्ध करा दें. उसके पास किराए के लिए पैसे नहीं हैं. मां की ममता फूट-फूटकर चिकित्सक एवं पुलिस के सामने रोती रही लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इस प्रकार रीना के 6 माह की बेटे ने दम तोड़ दिया. मामला गरमाते देख अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को एंबुलेंस उपलब्ध कराई लेकिन तब तक उसका बच्चा दम तोड़ चुका था. इससे परिजनों में रोष फैल गया लेकिन गरीबी के कारण ये लोग शांत रहकर इस दुख को झेलने को मजबूर हैं.
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जांच कराने का भरोसा : इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरबी कुरेले का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच एक टीम गठित कर कराएंगे. जो भी व्यक्ति इस मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सवाल ये उठता है कि मध्य प्रदेश सरकार ने लोगों को जीवनदान देने के लिए 108 एंबुलेंस की सेवा चालू की. महिला के परिजनों ने 108 एंबुलेंस वाहन को कॉल किया. 108 एंबुलेंस वाहन का मां ने बेटे को लेकर 3 घंटे तक इंतजार किया लेकिन वाहन नहीं आया.