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दतिया जिला प्रशासन की लापरवाही से फैला कोरोना संक्रमण, पॉजिटिव मरीजों की संख्या हुई 11 - दतिया जिला प्रशासन की लापरवाही

दतिया जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कोरोना संक्रमण के फैलने की वजह बन गई. 50 दिनों तक ग्रीन जोन में रहा जिला अब डेंजर जोन में पहुंच गया है. जिले में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 11 तक पहुंच गई है.

corona in Datia
दतिया में कोरोना
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Published : Jun 3, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 6:01 PM IST

दतिया। करीब 50 दिनों तक दतिया ग्रीन जोन में शामिल रहा, लेकिन कहीं ना कहीं दतिया जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोरोना से हुई एक मौत के साथ जिला आज डेंजर जोन में शामिल हो गया है. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 11 हो गई है.

दतिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 11 पहुंचा

जिले भर में बाहर से आ रहे प्रवासी लोगों की सही से जांच ना हो पाना और जांच हुए लोगों की डाटा एंट्री में लापरवाही प्रशासनिक अमले और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाता है.

ग्राम लहार हवेली में बाहर से आया एक बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव निकला, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत के बाद स्वास्थ विभाग के द्वारा शव का दाह संस्कार किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा ना करते हुए अधिकारियों ने मृतक के बेटों को बुलाकर उन्हें शव सौंप दिया.

इतना ही नहीं, बिना सुरक्षा के मृतक के बेटों से शव को अस्पताल से बाहर निकलवाने से लेकर ट्राली में रखने और फिर ट्राली से उतरवाकर चिता पर लिटाने तक का काम करवाया, जिसकी वजह से मृतक के तीनों बेटे भी कोरोना संक्रमित हो गए. इस बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

दतिया। करीब 50 दिनों तक दतिया ग्रीन जोन में शामिल रहा, लेकिन कहीं ना कहीं दतिया जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते कोरोना से हुई एक मौत के साथ जिला आज डेंजर जोन में शामिल हो गया है. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 11 हो गई है.

दतिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 11 पहुंचा

जिले भर में बाहर से आ रहे प्रवासी लोगों की सही से जांच ना हो पाना और जांच हुए लोगों की डाटा एंट्री में लापरवाही प्रशासनिक अमले और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाता है.

ग्राम लहार हवेली में बाहर से आया एक बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव निकला, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत के बाद स्वास्थ विभाग के द्वारा शव का दाह संस्कार किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा ना करते हुए अधिकारियों ने मृतक के बेटों को बुलाकर उन्हें शव सौंप दिया.

इतना ही नहीं, बिना सुरक्षा के मृतक के बेटों से शव को अस्पताल से बाहर निकलवाने से लेकर ट्राली में रखने और फिर ट्राली से उतरवाकर चिता पर लिटाने तक का काम करवाया, जिसकी वजह से मृतक के तीनों बेटे भी कोरोना संक्रमित हो गए. इस बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 6:01 PM IST
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