दतिया। रविवार को संत रविदास जयंती के अवसर पर प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया के सबसे अंतिम छोर के गांव सिंध नदी के बीहड़ों में स्थित गांव धौर्रा से विकास यात्रा की शुरुआत की. गृहमंत्री रविवार को धौर्रा, बड़ौनकला एवं कोटरा गांव पहुंचे और सरकार के द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं की जानकारी दी. गृहमंत्री ने धौर्रा को सड़क सहित नल जल योजना की सौगात दी. प्रशासनिक अमले के साथ सत्तारूढ़ दल के नेता एवं कार्यकर्ता जनता के दरबार में पहुंचकर अपनी सरकार के द्वारा किए गए कामों को जनता के बीच गिना रहे हैं.
भावुक हुए गृहमंत्री: रविवार को कोटरा पहुंचते ही गृहमंत्री के डेढ़ वर्ष पुराने जख्म हरे हो गए और बाढ़ की व्यथा सुनाते सुनाते मंत्री भावुक हो गए. बीते वर्ष सिंध नदी में आई भीषण बाढ़ के दौरान कोटरा गांव बाढ़ के पानी में डूब गया था. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को जब जानकारी मिली की एक परिवार बाढ़ के पानी में फंसा रह गया है तो गृहमंत्री ने स्टीमर की मदद से मौके पर पहुंचकर उसे निकाला था. स्टीमर खराब होने पर गृहमंत्री ने सेना के हेलीकॉप्टर से परिवार का रेस्क्यू किया था और खुद हेलीकॉप्टर से लटकते हुए बाढ़ से बाहर आए थे.
नए आयाम स्थापित करेगी विकास यात्रा, गरीबों और जनता के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगे- CM शिवराज
दिन में भी जब डरे गृहमंत्री: अपने भाषण में गृह मंत्री ने कहा कि जब मैं बाढ़ के दौरान कोटरा गया उस समय चारों तरफ कुत्तों के रोने की आवाज और बाढ़ के पानी की भरभराहट सुनाई दे रही थी. दिन के समय भी मन में डर लग रहा था. गृहमंत्री ने कहा कि जब मैं छत पर चढ़ा तो एक परिवार देखा फंसा हुआ है मैंने उसे तत्काल हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर बाहर निकाला. वह भयावहता देखकर आज भी मन सहर जाता है. हेलीकॉप्टर आते ही यहां बने मंदिर की छत की चादर उड़कर मेरे बिल्कुल करीब से निकली को तो लगा कि अब सब यहीं खत्म हो गया है आज मैं उसी कोटरा में खड़ा हुआ हूं.