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गृह मंत्री के गृह जिले में भांडेर थाना पुलिस प्रभारी ने ढाया कहर

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Published : Feb 16, 2021, 12:47 PM IST

दतिया जिला प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का जिला है. लेकिन यहां की पुलिस कानून को हाथ में लेने से कतई पीछे नहीं रहती. ऐसा ही कुछ मामला दतिया जिले के भांडेर थाना क्षेत्र से सामने आया है. थाना प्रभारी विजय लोधी की दबंगई और काली करतूत का मामला सामने आया है.

victim
पीड़ित

दतिया। कहने को तो दतिया जिला प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का जिला है. लेकिन यहां की पुलिस कानून को हाथ में लेने से कतई पीछे नहीं रहती. ऐसा ही कुछ मामला दतिया जिले के भांडेर थाना क्षेत्र से सामने आया है. थाना प्रभारी विजय लोधी की दबंगई और काली करतूत का मामला सामने आया है. जहां मां पीतांबरा पीठ मंदिर के बाहर अपनी छोटी सी फूलमाला की दुकान लगाकर जीवन यापन करने वाले गरीब हेमंत रायकवार को लूट के नाम पर पूछताछ के बहाने गिरफ्तार कर ले गया. जब हेमंत ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर फर्जी लूट का केस का मामला नहीं माना और राजी नहीं हुआ. तो भांडेर थाना प्रभारी विजय लोधी व आरक्षक मनोज तोमर ने हेमंत रायकवार के नाखून निकाल कर उसके पैरों में आग लगा दी.

थाना प्रभारी का यह कहर यहीं तक नहीं रुका, बल्कि पीड़ित गरीब हेमंत रायकवार को फर्जी देशी कट्टा रखकर 25 /27 आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर कोर्ट पेश कर जेल भेज दिया गया.

अब यहां उठता है बड़ा सवाल

गंभीर हालत में घायल हेमंत रायकवार को कैसे जेल में रखा गया, यह एक बड़ा सवालिया निशान है कि जेल प्रबंधक ने किस तरह से गंभीर घायल कैदी को जेल में रखा. जब जमानत पर बाहर आए हेमंत रायकवार ने मीडिया से चर्चा करते हुए इस पूरी घटना के बारे में अवगत कराया. हेमंत की मां सोनम ने बताया कि जब मेरे बेटे को गिरफ्तार कर गया तो हमारे ऊपर दबाव बनाया गया की एक लाख रुपये की घूस भांडेर थाना प्रभारी विजय लोधी व आरक्षक मनोज तोमर ने मांगी. जब परिजन ये घूस नहीं दी तो इस तरह का कहर ढाया.

मामला तब सामने आया जब पीड़ित इलाज कराने अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया. कहा पहले मामला दर्ज कराइए उसके बाद वे इलाज करेंगे. तब थक हार कर पीड़ित ने दतिया पुलिस अधीक्षक प्रभारी का चार्ज संभाल रहे कमल मौर्य से अपनी पीड़ा बताई. तब कहीं जाकर कमल मौर्य द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निवेदन किया और इलाज शुरू कराया.

फिलहाल इस मामले में दतिया जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल सिंह मोर्य ने बताया कि मैंने पीड़ित की हालत देखी है, बहुत ही गंभीर हालत है. जिस तरह से उन्हें उसने घटना से अवगत कराया है. उसे लेकर एसडीओपी भांडेर को जांच के लिए बोला गया है. उन सभी बिंदुओं पर एसडीओपी यादव जांच कर प्रतिवेदन मुझे सौंपेंगे. जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

दतिया। कहने को तो दतिया जिला प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का जिला है. लेकिन यहां की पुलिस कानून को हाथ में लेने से कतई पीछे नहीं रहती. ऐसा ही कुछ मामला दतिया जिले के भांडेर थाना क्षेत्र से सामने आया है. थाना प्रभारी विजय लोधी की दबंगई और काली करतूत का मामला सामने आया है. जहां मां पीतांबरा पीठ मंदिर के बाहर अपनी छोटी सी फूलमाला की दुकान लगाकर जीवन यापन करने वाले गरीब हेमंत रायकवार को लूट के नाम पर पूछताछ के बहाने गिरफ्तार कर ले गया. जब हेमंत ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर फर्जी लूट का केस का मामला नहीं माना और राजी नहीं हुआ. तो भांडेर थाना प्रभारी विजय लोधी व आरक्षक मनोज तोमर ने हेमंत रायकवार के नाखून निकाल कर उसके पैरों में आग लगा दी.

थाना प्रभारी का यह कहर यहीं तक नहीं रुका, बल्कि पीड़ित गरीब हेमंत रायकवार को फर्जी देशी कट्टा रखकर 25 /27 आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर कोर्ट पेश कर जेल भेज दिया गया.

अब यहां उठता है बड़ा सवाल

गंभीर हालत में घायल हेमंत रायकवार को कैसे जेल में रखा गया, यह एक बड़ा सवालिया निशान है कि जेल प्रबंधक ने किस तरह से गंभीर घायल कैदी को जेल में रखा. जब जमानत पर बाहर आए हेमंत रायकवार ने मीडिया से चर्चा करते हुए इस पूरी घटना के बारे में अवगत कराया. हेमंत की मां सोनम ने बताया कि जब मेरे बेटे को गिरफ्तार कर गया तो हमारे ऊपर दबाव बनाया गया की एक लाख रुपये की घूस भांडेर थाना प्रभारी विजय लोधी व आरक्षक मनोज तोमर ने मांगी. जब परिजन ये घूस नहीं दी तो इस तरह का कहर ढाया.

मामला तब सामने आया जब पीड़ित इलाज कराने अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया. कहा पहले मामला दर्ज कराइए उसके बाद वे इलाज करेंगे. तब थक हार कर पीड़ित ने दतिया पुलिस अधीक्षक प्रभारी का चार्ज संभाल रहे कमल मौर्य से अपनी पीड़ा बताई. तब कहीं जाकर कमल मौर्य द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निवेदन किया और इलाज शुरू कराया.

फिलहाल इस मामले में दतिया जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल सिंह मोर्य ने बताया कि मैंने पीड़ित की हालत देखी है, बहुत ही गंभीर हालत है. जिस तरह से उन्हें उसने घटना से अवगत कराया है. उसे लेकर एसडीओपी भांडेर को जांच के लिए बोला गया है. उन सभी बिंदुओं पर एसडीओपी यादव जांच कर प्रतिवेदन मुझे सौंपेंगे. जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

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