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कारोबारियों की उम्मीदें, रियल एस्टेट को रफ्तार देने वाला हो 2022 का बजट

रियल एस्टेट सेक्टर 2022 में घरों की मांग में फिर से उछाल की उम्मीद कर रहा है. ऐसी स्थिति में 2022-23 का बजट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इस सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट में रियल एस्टेट के लिए कर राहत शामिल होगा. साथ ही जीएसटी में छूट या कटौती और अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में संशोधन सहित अन्य चीजें भी शामिल होंगी.

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रियल एस्टेट
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Published : Jan 30, 2022, 8:34 PM IST

हैदराबाद। कोविड-19 महामारी के बावजूद रियल एस्टेट सेक्टर ने हाल की तिमाहियों में होम लोन की कम ब्याज दरों और घरों की किफायती कीमतों के कारण मांग में वृद्धि देखी है. इस सेक्टर को इस क्षेत्र में सुधार जारी रखने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है. कृषि के बाद यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी लगभग 8% की हिस्सेदारी है. रियल एस्टेट सेक्टर उम्मीद कर रहा है कि चुनाव के बाद कुछ नई योजनायें देखने को मिलें. (Budget 2022)

खास होगा 2022 का बजट
रियल एस्टेट सेक्टर 2022 में घरों की मांग में फिर से उछाल की उम्मीद कर रहा है. ऐसी स्थिति में 2022-23 का बजट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इस सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट में रियल एस्टेट के लिए कर राहत शामिल होगा. साथ ही जीएसटी में छूट या कटौती और अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में संशोधन सहित अन्य चीजें भी शामिल होंगी. (budget for real estate)

गौड़ समूह के सीएमडी और उत्तर क्रेडाई के उपाध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि हम लोग व्यापार के अनुकूल बजट की आशा करते हैं. हम अनुरोध करते हैं कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट फिर से समावेशन हो. इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ, संपत्ति की कीमतों पर भी नियंत्रण हो. अगर बजट में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो बहुत सराहनीय होगा. हमें उम्मीद है कि इस साल के बजट से आयकर अधिनियम, 1961 की आयकर छूट की सीमा बढ़ेगी, जिससे लोगों को अपने सपनों का घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

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सीआरसी ग्रुप के सीईओ एंड फाउंडर कुनाल भल्ला ने कहा कि बजट से कुछ प्रमुख उम्मीदें है- जैसे टैक्स में छूट और होम लोन की दरों में अधिक राहत. यह विशेष रूप से अंतिम उपयोगकर्ताओं एवं निवेशकों के एक बड़े वर्ग को संपत्ति खरीदने के लिए आकर्षित करेगा. इसके अतिरिक्त, खरीदार भावना को प्रोत्साहित करने और इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए आवास लोन पर मौजूदा टैक्स छूट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. जीएसटी सुधार, उदाहरण के लिए, 1% जीएसटी का लाभ जो सिर्फ 60 मीटर के घर (क्षेत्र में) और 45 लाख तक की लागत तक लागू है, इसको 75-90 मीटर क्षेत्र के घर तक और 90 लाख मूल्य तक बढ़ाया जा सकता है.

Union Budget 2022: एमपी के युवाओं की प्रमुख मांग, "बजट में हो रोजगार का प्रावधान"

एसकेए ग्रुप निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि कोराना की वजह से लोगों ने अपने घर की अहमियत को समझा. इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम के कल्चर ने इसको और ज्यादा बढ़ावा दिया है. रियल एस्टेट सेक्टर ने समय के अनुसार मांग को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा लिया. जिसका सकारात्मक असर दिखाई दिया. दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में खरीदार अब घर खरीदने के लिए ऑनलाइन पूछताछ कर रहे हैं. घरों की बुकिंग व बिक्री में इसका एक बड़ा हिस्सा डिजिटल प्लेटफार्म का है. उम्मीद है कि आने वाले समय में ये बढ़त जारी रहेगी.

हैदराबाद। कोविड-19 महामारी के बावजूद रियल एस्टेट सेक्टर ने हाल की तिमाहियों में होम लोन की कम ब्याज दरों और घरों की किफायती कीमतों के कारण मांग में वृद्धि देखी है. इस सेक्टर को इस क्षेत्र में सुधार जारी रखने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है. कृषि के बाद यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी लगभग 8% की हिस्सेदारी है. रियल एस्टेट सेक्टर उम्मीद कर रहा है कि चुनाव के बाद कुछ नई योजनायें देखने को मिलें. (Budget 2022)

खास होगा 2022 का बजट
रियल एस्टेट सेक्टर 2022 में घरों की मांग में फिर से उछाल की उम्मीद कर रहा है. ऐसी स्थिति में 2022-23 का बजट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इस सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी केंद्रीय बजट में रियल एस्टेट के लिए कर राहत शामिल होगा. साथ ही जीएसटी में छूट या कटौती और अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में संशोधन सहित अन्य चीजें भी शामिल होंगी. (budget for real estate)

गौड़ समूह के सीएमडी और उत्तर क्रेडाई के उपाध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि हम लोग व्यापार के अनुकूल बजट की आशा करते हैं. हम अनुरोध करते हैं कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट फिर से समावेशन हो. इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ, संपत्ति की कीमतों पर भी नियंत्रण हो. अगर बजट में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो बहुत सराहनीय होगा. हमें उम्मीद है कि इस साल के बजट से आयकर अधिनियम, 1961 की आयकर छूट की सीमा बढ़ेगी, जिससे लोगों को अपने सपनों का घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

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सीआरसी ग्रुप के सीईओ एंड फाउंडर कुनाल भल्ला ने कहा कि बजट से कुछ प्रमुख उम्मीदें है- जैसे टैक्स में छूट और होम लोन की दरों में अधिक राहत. यह विशेष रूप से अंतिम उपयोगकर्ताओं एवं निवेशकों के एक बड़े वर्ग को संपत्ति खरीदने के लिए आकर्षित करेगा. इसके अतिरिक्त, खरीदार भावना को प्रोत्साहित करने और इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए आवास लोन पर मौजूदा टैक्स छूट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. जीएसटी सुधार, उदाहरण के लिए, 1% जीएसटी का लाभ जो सिर्फ 60 मीटर के घर (क्षेत्र में) और 45 लाख तक की लागत तक लागू है, इसको 75-90 मीटर क्षेत्र के घर तक और 90 लाख मूल्य तक बढ़ाया जा सकता है.

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एसकेए ग्रुप निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि कोराना की वजह से लोगों ने अपने घर की अहमियत को समझा. इसके साथ ही वर्क फ्रॉम होम के कल्चर ने इसको और ज्यादा बढ़ावा दिया है. रियल एस्टेट सेक्टर ने समय के अनुसार मांग को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा लिया. जिसका सकारात्मक असर दिखाई दिया. दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में खरीदार अब घर खरीदने के लिए ऑनलाइन पूछताछ कर रहे हैं. घरों की बुकिंग व बिक्री में इसका एक बड़ा हिस्सा डिजिटल प्लेटफार्म का है. उम्मीद है कि आने वाले समय में ये बढ़त जारी रहेगी.

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