दतिया। मध्यप्रदेश में सियासी बिसात बिछ चुकी है. जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट भी शामिल है. इसके लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को जिम्मेदारी सौंपी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला और 22 बागी विधायकों को गद्दार और मौका परस्त बताया. उन्होंने दावा किया है कि आने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस जीत दर्ज करेगी.
केवल पदों के भूखे थे नेता
सिंधिया समर्थकों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने कांग्रेस के साथ दगा किया वो सिर्फ पदों के भूखे थे, किसी को मंत्री बनना था तो किसी को सांसद पद चाहिए था. इसलिए सभी बीजेपी में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि इन गद्दारों को जनता सबक सिखाएगी, क्योंकि ये चुनाव जनता लड़ेगी.
कमलनाथ के नेतृत्व में अच्छी चल रही थी सरकार
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि कमलनाथ जी के नेतृत्व में सरकार अच्छी चल रही थी. युवाओं के लिए रोजगार और किसानों का विशेष ख्याल रखा जा रहा था. लेकिन मौका परस्त लोगों की वजह से सराकर गिर गई और इन सभी को जनता आगामी विधानसभा उपचुनाव में सबक सिखाने वाली है.
प्रत्याशियों के ऐलान पर पेंच
कांग्रेस प्रत्याशियों के एलान में देरी पर उन्होंने कहा कि पार्टी का हर एक कार्यकर्ता बीजेपी के लिए भारी पडे़गा. उन्होंने कहा कि बीजेपी खुद अंतरकलह से जूझ रही है. कांग्रेस पार्टी के पास पर्याप्त प्रत्याशी हैं और हर एक प्रत्याशी यह कहता हुआ दिखाई दे रहा है मैं इन गद्दारों को हराऊंगा.
बीजेपी ने नई पद्धति की लागू
कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए खरीद-फरोख्त की नई पद्धति लागू की है. जिसका जवाब जनता ही देगी. उन्होंने 24 सीटों पर जीत का दावा करते हुए कहा कि फिर से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कमलनाथ सीएम.
भांडेर समेत 24 सीटों पर हैं उपचुनाव
मध्य प्रदेश में 24 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनाव होना है. इनमें से दो सीटें जौरा और आगर मालवा की ऐसी हैं, जो कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं. इन सीटों पर 6 महीने में चुनाव की मियाद निकल चुकी है, जबकि बाकी 22 सीटें सिंधिया समर्थक विधायकों के कांग्रेस पार्टी छोड़ने की वजह से खाली हुई हैं. कांग्रेस विधायकों ने मार्च में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था और उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली थी. इस लिहाज से 20 सितंबर से पहले तक चुनाव हो जाना जरूरी है. ऐसे में जल्द ही चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है.