दतिया। मध्यप्रदेश सहकारिता कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान रविवार को दतिया पहुंचे थे, जहां पर उनका सहकारिता कर्मचारियों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. जिसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए बीएस चौहान ने कहा कि अगर इस महीने में सूबे की कमलनाथ सरकार प्रदेश सहकारी संस्था में कार्यरत सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं करती है और समय पर वेतनमान नहीं देती है तो प्रदेश के 55 हजार कर्मचारी किसी भी समय भोपाल में जंगी आंदोलन करने के लिए विवश हो सकते हैं.
सहकारिता कर्मचारी संघ की सरकार से मांग, सहकारिता कर्मियों को किया जाए शासकीय कर्मी घोषित - Kamal Nath Government
दतिया पहुंचे सहकारिता कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान ने प्रदेश कि कमलनाथ सरकार से सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मी घोषित करने की मांग की है. साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर जंगी अंदोलन की चेतावनी भी दी हैं.
दतिया। मध्यप्रदेश सहकारिता कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान रविवार को दतिया पहुंचे थे, जहां पर उनका सहकारिता कर्मचारियों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. जिसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए बीएस चौहान ने कहा कि अगर इस महीने में सूबे की कमलनाथ सरकार प्रदेश सहकारी संस्था में कार्यरत सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं करती है और समय पर वेतनमान नहीं देती है तो प्रदेश के 55 हजार कर्मचारी किसी भी समय भोपाल में जंगी आंदोलन करने के लिए विवश हो सकते हैं.
मध्य प्रदेश सहकारिता कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान रविवार को दतिया पहुचे थे। दतिया पहुँचने पर सहकारिता कर्मचारियों ने प्रदेशाध्यक्ष का हार फूल मालाओं से स्वागत किया। भगवान परशुराम मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अगर इस महीने में सूबे की कमलनाथ सरकार प्रदेश सहकारी संस्था में कार्यरत सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं करती है तो और समय पर वेतनमान नहीं देती है तो प्रदेश के 55 हजार कर्मचारी किसी भी समय भोपाल में जंगी आंदोलन करने के लिए विवश हो सकते हैं।
वाइट - बीएस चौहान
सहकारिता कर्मचारी प्रदेशाध्यक्षConclusion:श्री चौहान ने बताया है कि पूरे प्रदेश में सहकारिता विभाग में 55 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं और इनको सरकार समय पर वेतनमान तक नहीं देती है तथा शासन का कर्मचारी भी नहीं मानती है। कांग्रेस सरकार ने 2018 में अपने वचन पत्र में कहा था कि प्रदेश के सहकारिता कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाएगा जो कि अभी भी यह घोषणा लंबित पड़ी हुई है और प्रदेश के सहकारिता कर्मचारी लंबे अरसे से यह मांग उठा रहे हैं, अब सरकार को चाहिए कि सरकार अपने वचन को पूरा करें और प्रदेश के सहकारिता कर्मचारियों को नियमित करते हुये शासन का कर्मचारी बनाएं।