दतिया। देश में इन दिनों तमाम बाबा दरबार लगा रहे हैं. इन बाबाओं के दरबार में भारी भीड़ भी उमड़ रही है. ऐसे में बाबाओं के बीच टकराव भी जमकर हो रहे हैं. ऐसा ही बाबाओं का एक विवाद दतिया में उभरकर सामने आया है. यहां यह उल्लेखनीय है कि रामलला सरकार के नाम पर दरबार लगा रहे, एक बाबा ने जब पण्डोखर धाम के पीठाधीश्वर गुरुशरण महाराज को चुनौती दी, तो पण्डोखर धाम के पीठाधीश्वर गुरुशरण महाराज ने भी चुनौती को स्वीकार करते हुए देश भर के सभी दरबार लगाने वाले बाबाओं को चुनौती दे डाली.
यहां तक पण्डोखर धाम के गुरुशरण महाराज ने इस पर इनाम में लाखों रुपए देने की घोषणा भी अपने दिव्य दरबार के दौरान कर डाली. गुरुशरण महाराज ने इस चुनौती में नाम लिए बगैर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बागेश्वर महाराज के नाम से प्रसिद्ध सन्यासी बाबा का नाम लेकर दिव्य दरबार लगाने वाले आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को भी चुनौती दे डाली. पण्डोखर महाराज ने करौली बाबा, कालिकाधाम के पीठाधीश्वर को भी चुनौती दे दी. पण्डोखर धाम के गुरु के सभी शिष्य इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकेंगे.
प्रतियोगिता होगी आयोजित: पण्डोखर धाम के गुरुशरण महाराज ने कहा पण्डोखर धाम में आयोजित श्री राम महायज्ञ पूर्ण होने के बाद एक विशेष प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. इस प्रतियोगिता में जो भी दरबार लगाने वाले लोग हैं, वो भी शामिल हो सकते हैं. प्रतियोगिता में पण्डोखर धाम के सेवक उन सभी दिव्य दरबार लगाने वालों से 10 प्रश्न पूछेंगे. प्रश्नों का सटीक उत्तर देने वालों को ग्यारह लाख रुपए का चेक एवं एक बड़ा चांदी का ताज पहनाया जाएगा. गुरुशरण महाराज ने कहा पहले उन लोगों के सेवक या अनुयाई पहले गुरुशरण महाराज के प्रश्नों का जवाब देंगे. उसके बाद उनके सेवक या अनुयाई सवाल पूछेंगे.
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दरबार बंद करने की घोषणा: महाराज ने चार प्रकार की इनामों की घोषणा करते हुए कहा कि 90% तक सटीक जवाब देने वाले को 11 लाख रुपए और एक बड़ा चांदी का मुकुट, 70% से 80% तक सही जवाब देने वाले छोटा चांदी का मुकुट एवं 60 से 70 फीसदी प्रश्नों का सटीक जवाब देने पर उससे भी छोटा मुकुट प्रतिभागी को दिया जाएगा. महाराज ने प्रतिभागियों की संख्या की चौथे नंबर की श्रेणी के उस विजेता जो 40 से 50 प्रतिशत सही जवाब देगा. उसे भी एक मुकुट पहनाने की घोषणा करते हुए अपनी पराजय मानते हुए उसी दिन से पण्डोखर धाम दरबार सदा के लिए बंद करने की घोषणा भी की है. यह घोषणा महाराज ने अपने दिव्य दरबार के दौरान सार्वजनिक मंच से की है.