दमोह। जब मां ही अपनी संतान की जान की दुश्मन बन जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता. ताजा मामला पटेरा ब्लॉक के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर के पास ग्राम कोटा का है. ग्राम कोटा निवासी शंभू आदिवासी एवं एक अन्य युवक एक नवजात शिशु को थैले में रखकर देर रात नदी में फेंकने जा रहे थे.
ग्रामीणों ने युवकों को पकड़ा : इसी दौरान वहां पर मौजूद ग्रामीणों को जब दोनों युवकों पर कुछ शक हुई तो उन्हें रुकने को कहा. लेकिन वह दोनों थैला छोड़कर भागने लगे. ग्रामीणों ने उन्हें दौड़कर पकड़ लिया एवं पूछताछ की. शंभू आदिवासी ने बताया कि उनकी दादी ने ही इस बच्चे को नदी में फेंकने के लिए कहा था. पकड़े गए युवकों के अनुसार वह कोटा ग्राम की रहने वाले हैं. नवजात शिशु को नदी में फेंकने क्यों जा रहे थे, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है.
ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी : इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी हंड्रेड डायल को दी. हंड्रेड डायल ने दोनों को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया. पुलिस ने बताया कि संभवतः यह मामला अनचाही संतान या फिर बिन ब्याही मां के गर्भ से जन्मे बच्चे का हो सकता है. पटेरा टीआई एसबी मिश्रा ने बताया कि दोनों युवकों की पूछताछ के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.