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बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार, रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ी गई महिला बाल विकास अधिकारी

जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के घुटरिया गांव से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. जहां महिला बाल विकास अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुई हैं.

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Published : Dec 26, 2019, 7:15 PM IST

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महिला बाल विकास अधिकारी को महंगा पड़ा रिश्वत लेना

दमोह। जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के घुटरिया गांव से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. दरअसल घुटरिया गांव में संचालित मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में भ्रमण के दौरान परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता के खिलाफ शिकायतें मिली थी. जिसके बाद परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता भानु कुमारी गौड़ के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की थी. कार्रवाई को शून्य करने के परियोजना अधिकारी ने 6 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी.

महिला बाल विकास अधिकारी को महंगा पड़ा रिश्वत लेना

परियोजना अधिकारी के दबाव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पहली किश्त के रूप में 2 हजार रुपए पहले दे दिए थे. वहीं 4 हजार रुपए की और राशि देने के पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मामले की शिकायत लोकायुक्त सागर में एसपी से की थी. जिसके बाद जाल बिछाकर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को लोकायुक्त अधिकारी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुचलके पर रिहा तो कर दिया गया. लेकिन महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोलती कार्रवाई निश्चित ही अधिकारियों की उस लीपापोती को भी बयां करता है जो धड़ल्ले से जारी है.

दमोह। जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के घुटरिया गांव से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. दरअसल घुटरिया गांव में संचालित मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में भ्रमण के दौरान परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता के खिलाफ शिकायतें मिली थी. जिसके बाद परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर ने मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता भानु कुमारी गौड़ के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की थी. कार्रवाई को शून्य करने के परियोजना अधिकारी ने 6 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी.

महिला बाल विकास अधिकारी को महंगा पड़ा रिश्वत लेना

परियोजना अधिकारी के दबाव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पहली किश्त के रूप में 2 हजार रुपए पहले दे दिए थे. वहीं 4 हजार रुपए की और राशि देने के पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मामले की शिकायत लोकायुक्त सागर में एसपी से की थी. जिसके बाद जाल बिछाकर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को लोकायुक्त अधिकारी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुचलके पर रिहा तो कर दिया गया. लेकिन महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोलती कार्रवाई निश्चित ही अधिकारियों की उस लीपापोती को भी बयां करता है जो धड़ल्ले से जारी है.

Intro:लोकायुक्त की रिश्वतखोर महिला अधिकारी पर कार्रवाई 4000 की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

शिकायतकर्ता महिला, पकड़ी जाने वाली अधिकारी महिला, पकड़ने वाली भी महिला अधिकारी

तेंदूखेड़ा में महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार

Anchor. जिले में चल रहे रिश्वत के खेल में गुरुवार को ही एक बड़ी कार्रवाई के दौरान एक महिला की शिकायत पर, एक लोकायुक्त महिला अधिकारी द्वारा, महिला बाल विकास की महिला अधिकारी को रंगे हाथों ₹4000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. यह रिश्वत कार्यवाही के नाम पर लीपापोती करने के लिए मांगी गई थी. जिसके बाद शिकायत हुई और जिले में हड़कंप के हालात बन गए.


Body:Vo. दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले घुटरिया गांव में संचालित मिनी आंगनवाड़ी केंद्र में भ्रमण के दौरान परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को शिकायतें मिली थी. जिसके बाद परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर ने मिनी आंगनवाड़ी केंद्र संचालिका आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भानु कुमारी गौड़ के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की थी. वही इस कार्यवाही को शून्य करने के लिए ₹6000 की रिश्वत मांगी गई थी. परियोजना अधिकारी के दबाव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने प्रथम किश्त के रूप में ₹2000 पहले दे दिए थे. वही ₹4000 की और राशि देने के पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने मामले की शिकायत लोकायुक्त सागर में एसपी को की थी. जिसके बाद जाल बिछाकर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह ठाकुर को लोकायुक्त अधिकारी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

बाइट - मंजू सिंह पटेल लोकायुक्त अधिकारी


Conclusion:Vo. महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुचलके पर रिहा तो कर दिया गया. लेकिन महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खोलती कार्रवाई निश्चित ही अधिकारियों की उस लीपापोती को भी बयां करता है जो धड़ल्ले से जारी है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
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